बटन दबाइए दन्न से ऊपर पहुंच जाइए, किसने बनाई 'लिफ्ट', जिससे लाइफ हुई आसान

1 week ago

Story of Lift: बड़े शहर तो छोड़िए अब तो छोटे शहरों में भी ऊंची बिल्डिंग बनने लगी है. आदत ऐसी पड़ गई कि लोग सीढ़ी का इस्तेमाल करने की बजाए लिफ्ट का इस्तेमाल करते हैं. बगैर इसके तो अब सोचा ही नहीं जा सकता है. क्या आपको मालूम है कि लिफ्ट कैसे बनी और क्या है इसकी कहानी.

News18 हिंदीLast Updated :April 25, 2024, 10:57 ISTEditor pictureAuthor
  Sanjay Srivastava

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आप रोज आराम से लिफ्ट में पहुंचते हैं. बटन दबाते हैं और मिनटों में ऊपर मंजिल से ग्राउंड फ्लोर या नीचे से ऊपर पहुंच जाते हैं. इसके लिए ढेर सारी सीढ़ियां चढ़ने की जरूरत ही नहीं पड़ती. बड़े शहरों की जिंदगी में चाहे घर या आफिस लिफ्ट के बगैर तो जीवन के बारे में सोचा नहीं जा सकता. सोचिए जिस तरह बहुमंजिला इमारतें आजकल बन रही हैं, उनमें बगैर लिफ्ट के हम इतने ऊपर आसानी से पहुंचते और नीचे आते. क्या आपने कभी सोचा कि ये आविष्कार कैसे हुआ होगा, जो अब मानवीय जिंदगी में पूरी दुनिया में सबसे अहम भूमिका निभा रहा है. (shutterstock)

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लिफ्ट या एलीवेटर एक ऐसी गाड़ी या सुविधा है जो बहुमंजिली इमारतों में आदमियों और सामान को ऊपर-नीचे लाने - ले जाने का काम करती है. अत्याधुनिक लिफ्ट अब बिजली से चलती हैं. जिसमें केबल और चरखियों से वजन को संभाला जाता है. (shutterstock)

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लिफ्ट का आविष्कार किसी एक व्यक्ति द्वारा एक दिन में नहीं हुआ. आजकल जो लिफ्ट हम देखते हैं या उसका उपयोग करते हैं, वो धीरे धीरे विकसित होती गई. कहना चाहिए कि ये वैज्ञानिकों की लगातार कोशिश का नतीजा है. (shutterstock) 

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भवन निर्माण, पुल निर्माण जैसी चीजों में भारी सामान को उठाने के लिए रोमन काल में लिफ्ट जैसी मशीन का आविष्कार हुआ. रोम के इंजीनियर वित्रूवियस पोलियो ने ईसा पूर्व पहली सदी में घिरनियों द्वारा उठाने और नीचे लाने के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया, जिस पर भारी सामान रखकर ऊपर तक पहुंचाया जाता था. (फाइल फोटो)

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लिफ्ट को घिरनियों के जरिए चलाते थे और घिरनियों को खींचने या संचालित करने का काम आदमी, पशु या जलशक्ति से किया जाता था. बाद में 1800 ईंस्वी के करीब इसे भाप की ताकत से चलाया जाने लगा. (file photo)

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19वीं सदी के शुरू में द्रवचालित लिफ्ट इस्तेमाल की जाने लगीं. इनसे केवल सामान ढोया जाता था. ये आदमियों को चढ़ाने उतारने के लिए बहुत विश्वसनीय नहीं मानी जाती थीं. (file photo)

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1852 में एलिशा ग्रेव्स ओटिस ने लिफ्ट में सुरक्षा यंत्र लगाए. इस तरह मनुष्यों को लिफ्ट के जरिए ऊपर नीचे लाने ले जाने का काम शुरू हुआ. इस तरह कहा जा सकता है कि आधुनिक लिफ्ट का आविष्कार अमेरिकी उद्योगपति इलिशा ओटिस ने सबसे पहले किया. अब ओटिस नाम की कंपनी दुनिया की सबसे बड़ी लिफ्ट निर्माता और असेंबलिंग कंपनी है. (file photo)

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पहली यात्री लिफ्ट 1857 में न्यूयार्क सिटी के हावूट डिपार्टमेंटल स्टोर में चालू की गई. ये भाप से चलती थी. एक मिनट से कम समय समय में 05 मंजिलें चढ़ जाती थी. अगले तीन दशकों तक इस लिफ्ट में संशोधन होते रहे. (file photo)

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लिफ्ट में सबसे अहम बदलाव 1889 में शुरू हुआ जबकि इसमें पुश बटन का इस्तेमाल होने लगा. इसके अलावा डिजाइन में भी बदलाव हुए. एक बार जब इसकी गति, सुरक्षा और ऊंचाई की समस्याएं हल कर ली गईं तो फिर वैज्ञानिकों ने सुविधा और कम खर्च के बारे में सोचना शुरू किया. (file photo)

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बहुत जल्दी ही और ज्यादा सुरक्षित लिफ्ट बहुमंजिला भवनों के लिए इस्तेमाल होने लगीं और उन भवनों का अनिवार्य हिस्सा बनने लगीं. इनकी गति और बढ़ाई गई. सुरक्षा भी बढ़ी. 1950 तक ये आटोमैटिक हो गई. ( file photo) 

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आजकल तो केवल बहुमंजिला भवनों की नहीं बल्कि जहाजों, बांधों, प्रोजेक्ट्स आदि सभी जगह लिफ्ट का इस्तेमाल किया जाता है. ये बिजली से चलती हैं. इनमें घिरनियों, लोहे के केबल और संतुलन भार का इस्तेमाल किया जाता है. (shutterstock)

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