Last Updated:January 29, 2025, 14:44 IST
डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी फंड रोकने के फैसले से बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस परेशान हैं, जबकि शेख हसीना को इससे संजीवनी मिली है. अमेरिका के इस कदम से बांग्लादेश की राजनीति एक बार फिर करवट ब...और पढ़ें
अमेरिकी फंड रोके जाने से शेख हसीना को एक उम्मीद दिखने लगी है.
हाइलाइट्स
ट्रंप ने बांग्लादेश को अमेरिकी फंड रोकने का आदेश दिया.शेख हसीना को ट्रंप के फैसले से संजीवनी मिली.मोहम्मद यूनुस अमेरिकी फंड रोकने से परेशान हैं.मधुपर्णा दास
Bangladesh News: अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने का असर अपने पड़ोसी बांग्लादेश में दिखने लगा है. ट्रंप ने सत्ता संभालने के साथ ऐसी चाबुक चलाई है जिससे बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस हांफने लगे हैं. दरअसल, ट्रंप ने अमेरिकी फंड पर ताला लगाने का आदेश दिया है. इसका सीधा असर बांग्लादेश पर पड़ने वाला है. वहां अमेरिका की सहायता से चल रहे कई प्रोजक्ट्स पर ताला लगने वाले हैं. इससे मोहम्म यूनुस काफी परेशान हैं. उधर, ट्रंप के इस कदम से शेख हसीना को संजीवनी मिल गई है. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सहायता बंद होने से उन संगठनों की वित्तीय और ऑपरेशनल स्थिति सबसे अधिक प्रभावित होंगी जो पहले मोहम्मद यूनुस का समर्थन करते थे.
डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन की ओर से बांगलादेश को अमेरिकी सहायता रोकने के फैसले के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अब लगने लगा है कि वह सही थीं. अमेरिका को लेकर वह जो बात कह रही थी वह अब सही साबित हो रही है. अवामी लीग के एक वरिष्ठ नेता और सांसद ने अपना नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर न्यूज 18 से कहा कि अंतरिम सरकार को अब सच का सामना करना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सब एकजुट हैं और जैसे ही चुनाव होंगे हम उनका मुकाबला करेंगे.
शेख हसीना हमारी मार्गदर्शक हैं. हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे. हम अपने देश को उनके (अंतरिम सरकार) हाथों में नहीं छोड़ेंगे. हमारे लोग जानते हैं कि उन्होंने देश के लिए क्या किया. उन्हें अभी भी जनता पसंद करती है. बीते करीब आठ महीने से शेख हसीना भारत में हैं. वह निर्वासन की जिंदगी जी रही हैं. उनकी पार्टी के नेता कह रहे हैं कि वह स्वदेश लौटने के लिए तैयार हैं. उन्होंने अपनी पार्टी के मूल नेटवर्क को फिर से मजबूत करने के लिए रणनीतियां बनाई हैं.
अंडरकवर होकर काम कर रहे नेता
सूत्रों का कहना है कि भारत के विभिन्न शहरों जैसे दिल्ली, कोलकाता और बेंगलुरु और कुछ अन्य देशों में शेख हसीना की पार्टी के प्रमुख सदस्य अभी भी उनसे संपर्क में हैं. वे जब जरूरत होती, वर्चुअल बैठकें भी करते हैं. पिछले अगस्त में बांग्लादेश में मचे राजनीतिक उथल-पुथल के बाद शेख हसीना ने सहयोगियों के साथ बातचीत कम कर दिया था, लेकिन अपने कुछ भरोसेमंद अवामी लीग नेताओं के साथ वह लगातार संपर्क में हैं.
उनके करीबी सूत्रों के अनुसार शेख हसीना ने एक मजबूत कमांड चेन तैयार की है. इसमें कुछ पार्टी सदस्य और वरिष्ठ ब्यूरोक्रेट्स हैं. ये विदेश में स्वास्थ्य और शिक्षा वीजा पर हैं और रणनीतिक सहयोग के लिए काम कर रहे हैं. कई गुप्त और एन्क्रिप्टेड ग्रुप्स के माध्यम से वे महत्वपूर्ण चर्चाएं और पार्टी के निर्देश साझा करते हैं, जिससे उनके नेतृत्व की ताकत बनी रहती है और कार्यकर्ताओं में जोश बना रहता है. अवामी लीग के वरिष्ठ नेता ने बताया कि शेख हसीना की ओर से पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से जारी बयान भी कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हैं.
अमेरिकी सहायता का रुकना हसीना के लिए राहत
ट्रंप प्रशासन द्वारा अमेरिकी फंड रोकने का फैसला बांगलादेश की आर्थिक स्थिति और वैश्विक छवि के लिए नुकसानदेह हो सकता है, लेकिन शेख हसीना के लिए यह रणनीतिक लाभ वाला साबित हो सकता है. खासकर उनके और बांगलादेश के अंतरिम सरकार प्रमुख मुहम्मद यूनुस के बीच जारी संघर्ष में. शेख हसीना के लिए यह एक अवसर है, क्योंकि यह यूनुस के प्रभाव को सीमित करने में मदद करता है. एक अवामी लीग नेता ने कहा कि हम इस स्थिति का इस्तेमाल अपनी स्थिति को मजबूत करने, धीरे-धीरे और व्यवस्थित रूप से वैश्विक समर्थन जुटाने के लिए करेंगे.
First Published :
January 29, 2025, 14:44 IST