Last Updated:November 03, 2025, 13:52 IST
Naveen Patnaik News: अमर पटनायक एक वक्त बीजेडी की रणनीति और तकनीकी ताकत के चेहरे माने जाते थे. वह पहले भारत के महालेखाकार रह चुके हैं. नवीन पटनायक ने खुद उन्हें बीजेडी में शामिल कराया था और आईटी सेल की जिम्मेदारी सौंपी थी. वह अब उसी पार्टी के खिलाफ खड़े हैं.
बीजेडी प्रमुख और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक बुढ़ापे में अकेले पड़ते जा रहे हैं. (फाइल फोटो)बीजेडी प्रमुख और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के लिए मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रहीं. कभी ओडिशा की सियासत में अजय माने जाने वाले पटनायक बुढ़ापे के साथ धीरे-धीरे अकेले पड़ते जा रहे हैं. बीजेडी से वरिष्ठ नेताओं का लगातार पलायन और बीजेपी का विस्तार यह संकेत दे रहा है कि शायद अब बीजेडी का स्वर्णकाल खत्म होने की ओर बढ़ चला है.
नवीन पटनायक को अब एक और बड़ा झटका लगा है. पूर्व राज्यसभा सांसद और बीजेडी की आईटी सेल के प्रमुख अमर पटनायक ने सोमवार को बीजेपी का दामन थाम लिया. उन्होंने भुवनेश्वर स्थित बीजेपी कार्यालय में मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी, पार्टी प्रभारी विजयपाल सिंह तोमर और प्रदेश अध्यक्ष मनमोहन समल की मौजूदगी में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की.
BJD के चाणक्य कहे जाते थे अमर पटनायक
एक वक्त यही अमर पटनायक बीजेडी की रणनीति और तकनीकी ताकत के चेहरे माने जाते थे. वह अब उसी पार्टी के खिलाफ खड़े हैं. वह पहले भारत के महालेखाकार (Principal Accountant General) रह चुके हैं और 2018 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेकर राजनीति में आए थे. नवीन पटनायक ने खुद उन्हें बीजेडी में शामिल कराया था और आईटी सेल की जिम्मेदारी सौंपी थी. 2019 में वह बीजेडी के टिकट पर राज्यसभा पहुंचे थे. उनका कार्यकाल फरवरी 2024 में पूरा हुआ.
दिलचस्प बात यह है कि यह राजनीतिक घटना उसी वक्त हुई, जब नवीन पटनायक नुआपाड़ा के कोमना ब्लॉक में पार्टी उम्मीदवार स्नेहांगिनी छुरिया के लिए प्रचार कर रहे थे. यानी जब बीजेडी अपने संगठन को फिर से खड़ा करने की कोशिश कर रही है, उसी दौरान उसके वरिष्ठ नेता एक-एक कर पार्टी छोड़ रहे हैं.
नवीन पटनायक की पकड़ पड़ रही ढीली
बीजेडी के लिए यह सिर्फ एक और डैमेज नहीं, बल्कि यह ट्रेंड बनता जा रहा है. 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी का पूरी तरह साफ होना, और फिर राज्यसभा सांसद ममता मोहंता और सुजीत कुमार का बीजेपी में जाना, अब अमर पटनायक का भी उसी राह पर चलना… यह साफ संकेत है कि नवीन पटनायक की पकड़ अब ढीली पड़ रही है.
पार्टी से जुड़े सूत्र मानते हैं कि नवीन पटनायक अब ‘पुराने दिनों की तरह चीज़ों पर बारीक नज़र नहीं रख पा रहे हैं.’ कहा जा रहा है कि वह अपने ‘आंख-कान’ यानी भरोसेमंद सलाहकारों और अनुभवी सहयोगियों से कटते जा रहे हैं. कई वरिष्ठ कार्यकर्ता यह भी मानते हैं कि बीजेडी में अब ‘कमान तो है, लेकिन दिशा नहीं.’
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेडी अब अपने अस्तित्व के सबसे कठिन दौर से गुजर रही है. कभी ओडिशा की जनता के दिलों पर राज करने वाले नवीन पटनायक अब अपने पुराने सिपहसालारों को रोक पाने में नाकाम दिख रहे हैं. ओडिशा की राजनीति का यह दौर बता रहा है कि नवीन पटनायक के ‘सुनहरे युग’ का सूर्य अब ढलान पर है, और सवाल यह है कि क्या बीजेडी का किला अब सच में ढहने लगा है?
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
Bhubaneswar,Khordha,Odisha
First Published :
November 03, 2025, 13:52 IST

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