Last Updated:December 27, 2025, 07:25 IST
Pakistan News: आतंकवाद का जनक पाकिस्तान एक बार फिर आतंकी साजिश में जुटा है. पाकिस्तानी आतंकी जम्मू-कश्मीर के जंगली इलाकों में छिपे हैं. ये सर्दी की आड़ में कुछ बड़ा करना चाहते हैं. हालांकि, भारतीय सेना ने किश्तवाड़ और डोडा में ऑपरेशन सिंदूर के बाद सुरक्षा बढ़ा दी है. आतंकियों पर दबाव और सर्विलांस तेज किया गया है.
जम्मू-कश्मीर में आतंकी साजिश की फिराक में पाकिस्तान (फाइल फोटो)Pakistan News: पाकिस्तान एक बार फिर आतंकी साजिश में जुट चुका है. ऑपरेशन सिंदूर की मार शायद वह भूल गया है. यही कारण है कि वह अपने नापाक मंसूबों को अंजाम देने की फिराक में है. पाकिस्तान आतंकियों की खेप भारत भेजने की फिराक में है. उसके आतंकी जंगल-जंगल छिप रहे हैं और सर्दियों का फायदा उठा रहे हैं. हालांकि, इसकी भनकर भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को लग चुकी है. रक्षा सूत्रों की मानें तो कई इंटेलिजेंस इनपुट मिलने के बाद भारतीय सेना ने पीर पंजाल के दक्षिण में किश्तवाड़ और डोडा में आतंकवाद विरोधी अभियान तेज कर दिए हैं.
सूत्रों के मुताबिक, अनुमान है कि लगभग 30-35 पाकिस्तानी आतंकवादी जम्मू क्षेत्र के ऊंचे और मध्यम पहाड़ी इलाकों में छिप रहे हैं और पकड़े जाने से बचने के लिए सर्दियों का फायदा उठा रहे हैं. माना जा रहा है कि ये आतंकवादी पकड़े जाने से बचने और सुरक्षा बलों के साथ सीधे टकराव से बचने के लिए अस्थायी सर्दियों के ठिकाने ढूंढ रहे हैं. ये आतंकी बर्फबारी और कंपकंपाती सर्दी की आड़ में भारत में घुसपैठ करना चाहते हैं.
एक्शन में भारतीय सेना
हालांकि, आतंकियों की खैर नहीं है. पाकिस्तानी आतंकवादियों पर दबाव बनाए रखने के लिए भारतयी सैनिकों ने बर्फ से ढंकी पहाड़ियों और दूरदराज के जंगलों में अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है. आतंकियों का प्लान फेल करने के लिए सेना ने भी तैयारी कर रखी है. ऑपरेशनल बढ़त बनाए रखने के लिए सर्दियों में युद्ध की विशेष ट्रेनिंग वाली यूनिट्स तैनात की गई हैं. पुलिस, CRPF, SOG, वन गार्ड और VDG के साथ मिलकर किए जा रहे जॉइंट ऑपरेशन से इंटेलिजेंस का फ्लो बेहतर हो रहा है और कार्रवाई भी तेज़ी से हो रही है.
क्यों जंगलों में छिपे हैं आतंकी?
सूत्रों का कहना है कि आतंकवादियों को स्थानीय समर्थन कम हो गया है. इससे उन्हें बिना आबादी वाले इलाकों में शरण लेनी पड़ रही है और रसद की सप्लाई के लिए जबरदस्ती (डरा-धमकाकर) पर निर्भर रहना पड़ रहा है. सेना का फोकस बचे हुए ग्रुप्स को अलग-थलग करने और खत्म करने और उन्हें आबादी वाले इलाकों में घुसने से रोकने पर है.
आतंकियों पर कड़ी नजर
सर्दियों में कोई रीग्रुपिंग न हो, यह सुनिश्चित करने के लिए ‘सर्विलांस-तेज ऑपरेशन-सर्विलांस’ सिद्धांत का इस्तेमाल किया जा रहा है. ड्रोन-आधारित टोही यानी जासूसी से लेकर ग्राउंड सेंसर और सर्विलांस रडार तक, मूवमेंट का पता लगाने, हीट सिग्नेचर को ट्रैक करने और संभावित मूवमेंट रास्तों का पता लगाने के लिए कई तरह के टूल्स का इस्तेमाल किया जा रहा है. बता दें कि इसी साल अप्रैल में हुए पहलगाम अटैक के बदले के रूप में मई में ऑपरेशन सिंदूर हुआ था. उसमें पाकिस्तान में मौजूद आंतकी ठिकानों को भारत ने तबाह किया था.
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Shankar Pandit has more than 10 years of experience in journalism. Before News18 (Network18 Group), he had worked with Hindustan times (Live Hindustan), NDTV, India News Aand Scoop Whoop. Currently he handle ho...और पढ़ें
First Published :
December 27, 2025, 06:44 IST

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