भारतीय घरों में छुपा है जीडीपी से भी बड़ा खजाना, अमीर-गरीब सबने इसे खरीदा

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Last Updated:December 29, 2025, 20:23 IST

Gold Value in India : क्‍या आपको पता है कि भारतीय घरों में रखे कुल सोने की वैल्‍यू हमारी जीडीपी से भी ज्‍यादा हो गई है. भारत की जीडीपी जहां अभी 4 ट्रिलियन डॉलर से थोड़ी ही ऊपर है, लेकिन सोने की वैल्‍यू बढ़कर 5 ट्रिलियन डॉलर पहुंच चुकी है.

भारतीय घरों में छुपा है जीडीपी से भी बड़ा खजाना, अमीर-गरीब सबने इसे खरीदाभारतीय घरों में 5 ट्रिलियन डॉलर से भी ज्‍यादा सोना.

नई दिल्‍ली. सरकार का लक्ष्‍य है कि साल 2030 तक भारत की अर्थव्‍यवस्‍था को 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचा दिया जाए. इसके लिए तमाम योजनाएं और प्रोत्‍साहन भी दिए जा रहे हैं, लेकिन एक चीज है जिसमें भारत ने 5 ट्रिलियन डॉलर का आंकड़ा कई साल पहले ही पार कर लिया है. इस चीज को देश के हर गरीब और अमीर ने भी खरीदा और अब दुनियाभर में इसकी डिमांड लगातार बढ़ रही है. आलम ये है कि बड़े-बड़े निवेशक तो छोड़ो, सभी देशों के केंद्रीय बैंक जिसमें आरबीआई भी शामिल है, इसकी ताबड़तोड़ खरीदारी कर रहा है. हम बात कर रहे हैं गोल्‍ड की.

जी, यह चीज है सोना जो भारतीय घरों में अकूत धन-संपदा के रूप में पड़ा हुआ है. भारतीयों के पास आज देश की जीडीपी से भी कहीं ज्‍यादा सोने का भंडार है. दुनिया की दिग्‍गज निवेश फर्म मॉर्गन स्‍टेनली ने अपनी हालिया रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत के घरों में इतना सोना गहनों और सिक्‍कों के रूप में एकत्र हो गया है कि उसकी कुल कीमत 5 ट्रिलियन डॉलर (करीब 50 खरब डॉलर) को भी पार कर गई है, जबकि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था का आकार अभी 4 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है. खास बात ये है कि यह कीमत सोने के हाजिर भाव की है.

कितनी पहुंची भारतीय घरों में सोने की वैल्‍यू
यह बात तो सभी को पता है कि भारतीयों को सोना खरीदना सबसे ज्‍यादा पसंद है. चाहे कोई त्‍योहार हो या फिर शादी-विवाह का माहौल, सोना और गहना खरीदने की होड़ सी मच जाती है. ग्‍लोबल मार्केट में सोने की कीमत अभी 4,500 डॉलर प्रति औंस को भी पार कर चुकी है और इस कीमत पर भारतीय घरों में रखे सोने की वैल्‍यू 5 ट्रिलियन डॉलर के भी पार जा चुकी है. यह वैल्‍यू भारत की जीडीपी से भी ज्‍यादा है.

भारतीय घरों में कितना सोना
मॉर्गन स्‍टेनली ने अपनी हालिया रिपोर्ट में अनुमान लगाया है कि इस समय भारतीय घरों में रखे कुल सोने का वजन करीब 34,600 टन पहुंच चुका है. यह दुनिया की 10 बड़ी इकनॉमी वाले देशों के रिजर्व बैंकों के कुल सोने के भंडार से भी कहीं ज्‍यादा है. इस सोने की वैल्‍यू आज के इंटरनेशनल मार्केट की कीमत से लगाई जाए तो 5 ट्रिलियन डॉलर के आंकड़े के पार जाती दिख रही है. अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष का अनुमान है कि भारत की जीडीपी अभी करीब 4.1 ट्रिलियन डॉलर के आसपास है. जाहिर है कि घरों में रखा सोना इससे भी कहीं ज्‍यादा पहुंच चुका है.

क्‍या है इसका असर
मॉर्गन स्‍टेनली ने अपनी पिछली रिपोर्ट में बताया था कि भारतीय घरों में सोने का बढ़ता भंडार उनकी घरेलू बैलेंसशीट में सुधार लाता है. इसमें आगे और भी इजाफा होने का अनुमान है, क्‍योंकि रिजर्व बैंक की ब्‍याज दरों में कटौती होने से होने वाली बचत और प्रत्‍यक्ष व अप्रत्‍यक्ष टैक्‍स कटौती के बाद सोने की घरेलू खुदरा खरीद भी बढ़ सकती है. हालांकि, एमके ग्‍लोबल एजेंसी ने सोने की कीमतों में पिछले 15 साल में आई 3 सबसे तेज बढ़त के दौरान के आंकड़े पेश करते हुए बताया है कि इससे उपभोक्‍ता खपत पर कोई खास असर पहले भी नहीं दिखा.

सेविंग की तरह मानते हैं गोल्‍ड
एजेंसी का कहना है कि भारतीय सोने को एक तरह से लॉन्‍ग टर्म सेविंग मानते हैं, क्‍योंकि 75 से 80 फीसदी सोने का भंडार ज्‍वैलरी के रूप में रहता है. हालांकि, ऐसा शायद ही कभी होता है कि भारतीय अपने घरों में रखे सोने की वैल्‍यू लगाते हैं और उसे बेचने की कोशिश करते हैं. इससे जाहिर होता है कि भारतीय घरों में रखा सोना हमेशा से ही भंडार के रूप में जमा होता रहता है.

दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उपभोक्‍ता
भारतीय रिजर्व बैंक के पास रखे सोने का भंडार भले ही दुनिया में 7वें नंबर पर आता है, लेकिन भारतीय घरों में रखा सोना दुनिया में दूसरे सबसे बड़े उपभोक्‍ता का है. विश्‍व स्‍वर्ण परिषद ने अपनी हालिया रिपोर्ट में बताया कि भारत 26 फीसदी के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा स्‍वर्ण उपभोक्‍ता है, जो चीन 28 फीसदी के बाद आता है. भारत में 5 साल पहले सोने की खपत ग्‍लोबल डिमांड की 23 फीसदी थी, जो अब 26 फीसदी हो गई है. ज्‍वैलरी के अलावा यहां सिक्‍कों और सोने की ईंट का भी निवेश 5 साल में 23.9 फीसदी से बढ़कर 32 फीसदी हो गया है.

आरबीआई भी जमकर खरीद रहा सोना
रिजर्व बैंक भी सोने की इस खरीद में शामिल हो गया है, क्‍योंकि इसने 2024 से अब तक करीब 75 टन सोना खरीदा है और कुल रिजर्व बढ़कर 880 टन हो गया है, जो देश के कुल विदेशी मुद्रा भंडार का 14 फीसदी पहुंच गया है. मॉर्गन स्‍टेनली के एक्‍सपर्ट डॉ शर्मा का कहना है कि डॉलर पर बढ़ते जोखिम को देखते हुए रिजर्व बैंक ने अब सेफ निवेश के रूप में सोने पर दांव लगाना ज्‍यादा उचित समझा है. हालांकि, अब चांदी भी इस दौड़ में शामिल हो गई है. अगर पिछले 2 दशक के आंकड़े देखें तो साफ पता चलता है कि दुनियाभर में सोने की खरीद एतिहासिक रूप से बढ़ती जा रही है. चाहे चीन हो या अमेरिका, सभी देशों में सोने की खरीद ताबड़तोड़ बढ़ती जा रही है.

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Pramod Kumar Tiwari

प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें

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New Delhi,Delhi

First Published :

December 29, 2025, 20:23 IST

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