महिलाएं ऑफिस में जमा करवा दें ये जरूरी दस्तावेज, नहीं तो कट जाएगा ज्यादा टैक्स

1 month ago

31 मार्च से पहले पहले कामकाजी औरतें कर लें ये काम

31 मार्च से पहले पहले कामकाजी औरतें कर लें ये काम

मौजूदा वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो रहा है. वित्तीय वर्ष अप्रैल से लेकर मार्च तक चलता है यानी 1 अप्रैल से लेकर 31 ...अधिक पढ़ें

News18 हिंदीLast Updated : March 27, 2024, 13:09 ISTEditor picture

मौजूदा वित्तीय वर्ष 31 मार्च को समाप्त हो रहा है. वित्तीय वर्ष अप्रैल से लेकर मार्च तक चलता है यानी 1 अप्रैल से लेकर 31 मार्च तक के एक सर्कल को एक वित्त वर्ष कहा जाता है. यह 1 जनवरी से 31 दिसंबर से इतर कैलेंडर वर्ष होता है. किसी वित्त वर्ष का महत्व सरकार, कंपनियों के लिए होता है जो बजट व योजना लागू से लेकर तमाम लेखा-जोखा इसी सर्कल को ध्यान में रखकर करती हैं. नौकरीशुदा महिलाओं (और पुरुषों को भी) 31 वर्ष तक अपनी आय से संबंधित सभी विवरण और मांगे गए दस्तावेज अपनी कंपनी या सरकार को जमा करवा देने होते हैं. ऐसा न करने पर या फिर 1 दिन की भी देरी होने पर आपके दस्तावेज व सूचनाएं इस वित्तीय वर्ष के पाले से पार ही जमा हुई मांगी जाती है. संबंधित वित्तीय वर्ष से जुड़ी जानकारी उसी वित्तीय वर्ष में आपको तय नियमानुसार अपनी कंपनी में जमा करवा देनी चाहिए ताकि सैलरी से टैक्स के रूप में भारी कटौती से बच सकें.

टैक्स प्लानिंग को लेकर अपेक्षाकृत ज्यादा जागरुकता के बावजूद कई बार हम सही समय पर पूरे या सही डॉक्युमेंट जमा नहीं करवा पाते हैं. इसके चलते सैलरी में ज्यादा कटौती हो जाती है. कई बार हम जितना टैक्स बचा सकते हैं, वे बचाने के टालते चलते हैं या जानकारी के अभाव में हमें पता ही नहीं होता कि कहां क्या निवेश करके हम सरकार द्वारा मुहैया छूट का लाभ ले सकते हैं. मौजूदा वित्तीय वर्ष समाप्त होने में चंद दिन बाकी हैं. ऐसे में सबसे पहले तो यह याद करिए कि आपने पिछले साल अप्रैल माह में टैक्स संबंधी नया टैक्स रिजीम चुना था या पुराना. यदि पुराना चुना था तो आपको पूरे साल के निवेश व अन्य मेंशन्ड खर्चों की रसीदें ऑफिस में जमा करवानी होंगी. यह काम 31 मार्च से पहले पहले कर लेना है.

80सी के तहत निवेश छूट का लाभ लें- यदि आपने मौजूदा वित्तीय वर्ष में कोई LIC पॉलिसी का प्रीमियम भरा है या नई पॉलिसी ली है, हेल्थ इंश्योरेंस संबंधी रसीद, पीपीएफ में पैसा जमा करवाया है तो इसकी रसीद, सुकन्या समृद्धि योजना में जमा पैसा, होम लोन और एजुकेशन लोन, ईएलएसएस संबंधी दस्तावेज आदि जैसी टैक्स सेविंग स्कीम में जमा किए गए रुपये की रसीदें आपको जुटा लेनी है. और ऑफिस में ऑनलाइन या ऑफलाइन, जो भी प्रक्रिया आपके ऑफिस में बताई गई है, के मुताबिक जमा कर देना है. धारा 80सी के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक का निवेश आप कर सकती हैं. वैसे बता दें कि आप यदि पूरा डेढ़ लाख रुपया निवेश नहीं भी कर पाती हैं तो भी कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योगदान को भी इसमें काउंट किया जाता है. बच्चों की ट्यूशन फीस की रसीदें भी इसके तहत जमा करवा सकती हैं.

रिइंबर्समेंट क्लेम करना- कुछ कंपनियां अपने एंप्लॉयर्स को किताबों, अखबारों, ड्राइवर सैलरी, ब्रॉड बैंड बिल, फूड कूपन अलाउंस, टेलीफोन बिल आदि अलाउंस देती हैं. इन सेवाओं और वस्तुओं की खरीद की रसीदों को आप ऑफिस में समय से करवा दें. न करवाने पर एक तो ये आपकी जेब से खर्च हुई एक्स्ट्रा रकम होगी और दूसरे, आपको इन्हें जमा करने पर होने वाली टैक्स छूट भी नहीं मिल पाएगी. महिलाओं और पर्सनल फाइनेंस से जुड़ी ऐसी ही अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकती हैं.

हाउस रेंट डिक्लेयरेशन- यदि आपने खुद को रेंट पर रह रहा एंप्लॉयी घोषित किया हुआ है तो आपको इससे जुड़े जरूरी कागजात समय से जमा करवाने होंगे. आपको एचआरए (हाउस रेंट अलाउंस) से जुड़ी रसीदें, रेंट अग्रीमेंट और बिल आदि भी आपको 31 मार्च तक जमा करवा देने हैं. साथ ही रेंट अग्रीमेंट में मकानमालिक का पैन कार्ड नंबर जरूर लिखा होना चाहिए. वैसे यह आपके एंप्लॉयर द्वारा आपको दी जाने वाली सैलरी का ही हिस्सा है. एचआरए कितना होता है आपका यह आपके कुल वेतन, जिस शहर में आप रह रहे हैं वह मेट्रो है या नॉन मेट्रो आदि पर निर्भर करता है.

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Tags: Income tax india, Income tax latest news, New financial year, Women's Finance

FIRST PUBLISHED :

March 27, 2024, 13:09 IST

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