मां की चिता जल रही थी… बेटी ने लिया प्रण- बनूंगी सरकारी अफसर और अब बनी क्लर्क

1 week ago

Last Updated:April 11, 2025, 16:30 IST

Alka Kamble Story: अलका दयानंद कांबले ने मां के अंतिम संस्कार पर सरकारी नौकरी पाने का वादा किया था और मुंबई महानगरपालिका में क्लर्क बनकर इसे पूरा किया.

मां की चिता जल रही थी… बेटी ने लिया प्रण- बनूंगी सरकारी अफसर और अब बनी क्लर्क

मां से किया वादा निभाकर अलका कांबले बनीं क्लर्क

हाइलाइट्स

अलका कांबले बनीं BMC क्लर्क.मां के निधन पर सरकारी नौकरी का वादा किया था.MPSC की तैयारी कर 9 अप्रैल को चयन हुआ.

सोलापुर: पिता का साया पहले ही उठ चुका था और फिर मां भी इस दुनिया से चली गई. जब मां का अंतिम संस्कार हो रहा था, तब उनकी बेटी ने मां के पार्थिव शरीर के सामने वादा किया, “मां, तुम हमें छोड़कर चली गई हो, लेकिन मैं तुम्हारी सरकारी नौकरी पाने की इच्छा को पूरा करके दिखाऊंगी.” और उसने अपना वादा पूरा कर दिखाया. इस युवती का नाम अलका दयानंद कांबले है और उसकी नियुक्ति मुंबई महानगरपालिका में लिपिक के पद पर हुई है. आइए जानते हैं अलका की इस प्रेरणादायी कहानी को.

मां से किया वादा
सोलापुर के पास स्थित दक्षिण सोलापुर तालुका के बोरामणी गांव में अलका दयानंद कांबले का परिवार रहता था. बच्चों के छोटे रहते ही पिता का साया उठ गया. अलका की मां आशा अपने तीन बच्चों अनुप, अजित और अलका के साथ रहती थी, लेकिन एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में अलका की मां आशा का निधन हो गया. इस तरह इन तीनों बच्चों के सिर से मां-बाप का साया उठ गया. जब मां का अंतिम संस्कार हो रहा था, तब इन तीनों बच्चों ने रोते हुए कहा, “मां, तुम हमें छोड़कर चली गई, सरकारी नौकरी पाने की तुम्हारी इच्छा मैं पूरी करूंगी.”

पुलिस बनने की थी इच्छा
इसके बाद ये तीनों भाई-बहन सोलापुर शहर के शांति नगर में रहने वाले मामा लक्ष्मण कटारे के पास रहने आ गए. मामाजी ने पास में ही जगह दिलाई. दोनों भाइयों ने मेहनत करके घर बनाया. बहन अलका ने बड़े बहन के नाते दोनों भाइयों का ख्याल रखा. उसकी इच्छा पुलिस बनने की थी, लेकिन कुछ कारणों से वह पुलिस नहीं बन सकी. फिर उसने MPSC की तैयारी शुरू की.

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9 अप्रैल को सेलेक्शन
विभिन्न सरकारी नौकरी की परीक्षाएं दीं और आखिरकार उसे सफलता मिली. मुंबई महानगरपालिका में क्लर्क के पद पर अलका का बुधवार, 9 अप्रैल को सेलेक्शन होने का लेटर मिलते ही कांबले और कटारे परिवार की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. अलका की आंखों से खुशी के आंसू बह निकले. मां के अंतिम संस्कार पर उसके पार्थिव शरीर पर दिया वादा उसने आखिरकार पूरा कर दिखाया.

First Published :

April 11, 2025, 16:30 IST

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