रांची में राजनीति गर्म और पाकुड़ में खाट पर सिस्टम, डायरिया से 2 की मौत

2 weeks ago

हाइलाइट्स

बड़ाकुड़िया पहाड़िया गांव में फैला डायरिया, कई लोगों का चल रहा इलाज. पेड़ के नीचे खाट पर लिटाकर किया जा रहा इलाज, दूषित पानी से हुए बीमार.

नंद किशोर मंडल/पाकुड़. झारखंड के पाकुड़ जिले के लिट्टीपाड़ा प्रखंड के क्षेत्र के बड़ाकुड़िया पहाड़िया गांव में डायरिया ने पांव पसार दिया है. गांव में डायरिया की चपेट में बच्चे, बूढ़े जवान सभी आ गए हैं. ग्रमीणो के मुताबिक, डायरिया से एक पुरुष और महिला की मौत हो गयी है. हालांकि स्वास्थ विभाग ने डायरिया से किसी मौत की पुष्टि नहीं की है, लेकिन जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम डायरिया प्रभावित गांव पहुंची. टीम में शामिल डॉक्टर एवं स्वास्थ्यकर्मी डायरिया पीड़ित लोगों का इलाज कर रहे हैं. जंगल के बीच में बसे बड़ाकुड़िया गांव में मरीजों का इलाज जिस प्रकार किया जा रहा है इससे पता लग पा रहा है कि यहां के लोग कितनी दुरुह जिंदगी जी रहे हैं.

मिली जानकारी के अनुसार, करमाटार पंचायत के बड़ाकुड़िया गांव के लोग कई दिनों से नदी और नाले का पानी पीकर गुजारा करते हैं. दूषित पानी पीने से लोग डायरिया के शिकार हो गए. लोग लगातार उल्टी और दस्त से पीड़ित रहने लगे. ग्रामीणों ने बताया कि 25 अगस्त को बीमार होने पर प्रधान बामना पहाड़िया की पत्नी आंद्री पहाड़िन को रिंची अस्पताल में भर्ती कराया गया था।. स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को इलाज के बाद घर भेज दिया था. घर पहुंचते ही फिर तबीयत बिगड़ गई और उल्टी व दस्त होने से उसकी मौत हो गयी. इसी गांव के बेंजामीन पहाड़िया (22 वर्ष) की भी मौत डायरिया से हो गई है.

डायरिया से मौत कीी सूचना मिलते ही सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम ने गांव पहुंचकर मामले की जानकारी ली. यहां 16 लोग डायरिया से पीड़ित पाए गए, जिनका इलाज किया जा रहा है. इधर डॉ. आनंद कुमार ने बताया कि सभी के स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है. दूषित पानी पीने की वजह से डायरिया फैलने की आशंका है ऐसे में लोगों को तत्काल पानी को उबाल कर पीने की सलाह दी गई है. खाना गर्म खाने की बात कही गयी है.

पाकुड़ के बड़का पहाड़िया गांव में बीमार लोगों का इलाज करती डॉ आनंद कुमार की टीम.

211 लोगों की आबादी वाले इस गांव के लोग गंदे नाले और झरने के पानी पीने से पानी से प्यास बुझाते हैं. गांव तक पक्की सड़क भी नहीं है. डॉक्टरों की टीम को भी गाड़ी अमरभीटा गांव के पास छोड़कर पैदल चलना पड़ा. लगभग चार किलोमीटर तक पैदल चलने के बाद तक बड़ा कुड़िया गांव पहुंचे. चारों ओर जंगलों के बीच घिरा गांव में पहुंच कर सीएस ने लोगों का हाल-चाल जाना और साथ ही कई सलाह भी दी.

डॉक्टर आनंद कुमार ने बताया कि जो 16 लोग बीमार हैं अब उनकी स्थिति में सुधार हो रहा है. उधर सिविल सर्जन ने कहा है कि दोनों की मौत हृदय की बीमारी से हुई है. टीम में डॉ. आनंद के साथ केटियस सिमोन मालतो, रंजित ठाकुर, पिंटू साहा, नर्स सुभाषिनी मुर्मू, प्रीति किस्कू व सूरज टुडू शामिल थे. डॉक्टरों ने कहा कि कोई भी बीमार हों तुरंत समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचकर इलाज कराएं.

FIRST PUBLISHED :

August 30, 2024, 15:12 IST

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