राज्यसभा में भड़के शिवराज सिंह, दे डाली धमकी- 'मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं'

1 month ago

सोमवार को राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों की आत्महत्या को लेकर कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा. शिवराज सिंह चौहान ने विपक्ष पर भड़कते हुए कहा कि मैंने कहा था कि मुझे छेड़ोगे तो छोडूंगा नहीं. उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस अलग-अलग राज्यों में सत्ता में थी, तब किसान मारे गए थे. इनके सामने दिग्विजय सिंह बैठे हैं, इनके हाथ खून से सने हैं. 24-24 किसानों को मारा गया.

राज्यसभा में कृषि मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा हुई. शुक्रवार को चर्चा के दौरान अधूरे रह गये अपने जवाब को आगे बढ़ाते हुए कृषि मंत्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से न केवल छोटे एवं सीमांत किसान सशक्त हुए बल्कि उनका सम्मान भी बढ़ा है.

चौहान जब जवाब दे रहे थे तब कांग्रेस के रणदीप सिंह सुरजेवाला ने उन्हें कई बार बाधित करना चाहा और भाजपा सरकार के ऊपर किसानों पर गोलियां चलाने का आरोप लगाया. कृषि मंत्री ने कहा, ‘मैंने पहले ही कहा था कि मुझे छेड़ो मत. अगर छेड़ा तो छोडूंगा नहीं.’ उन्होंने मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के शासनकाल सहित कांग्रेस की विभिन्न सरकारों के शासन काल में किसानों पर गोलियां चलाये जाने की विभिन्न घटनाओं का हवाला दिया.

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कांग्रेस शासन के दौरान हुए गोलीकांड को ग‍िनाते हुए कहा कि साल 1986 में जब कांग्रेस की सरकार बिहार में थी, तब गोलीबारी में 23 किसान मारे गए थे. 1988 में दिल्ली में इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर गोली चलाई गई थी, उसमें दो किसान मारे गए थे. 1988 में ही मेरठ में किसानों पर गोलीबारी हुई थी और 5 किसान मारे गए थे. 23 अगस्त 1995 में हरियाणा में इनकी सरकार ने गोली चलाई थी, जिसमें 6 किसान मारे गए थे. 19 जनवरी 1998 को मुलताई, मध्य प्रदेश में क‍िसानों पर गोली चली, कांग्रेस की सरकार थी, 24 क‍िसान मारे गए.

उन्होंने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि हम किसान सम्मान निधि पर चर्चा कर रहे थे. कांग्रेस ने किसानों को सीधी मदद की बात की, लेकिन कांग्रेस ने कभी ‘प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि’ जैसी योजना नहीं बनाई. यह योजना हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बनाई’ उन्हें (विपक्ष) समझ में नहीं आएगा, लेकिन छोटे किसानों के लिए 6,000 रुपये की राशि मायने रखती है. इस ‘किसान सम्मान निधि’ के कारण किसान आत्मनिर्भर बने हैं, किसान सशक्त भी हुए हैं और किसानों का सम्मान भी बढ़ा है. विपक्ष को किसानों का सम्मान नहीं दिख रहा है.

शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जब मैं कृषि मंत्री बना तो मुझे लगा कि जितने भी प्रधानमंत्री देश में आज तक बने, मुझे उन सभी के भाषण पढ़ना चाहिए. सबसे महत्वपूर्ण भाषण होता है 15 अगस्त का लालकिले की प्राचीर से, मैंने सुना किसानों के लिए किस प्रधानमंत्री ने क्या कहा, आज मैं दुख के साथ ये तथ्य उद्घाटित कर रहा हूं कि जब मैंने वो भाषण पढ़े, तो मैं हैरान हो गया, कांग्रेस की प्राथमिकता किसान नहीं है, स्वर्गीय पंडित जवाहर लाल नेहरू जी का मैं आदर करता हूं, लेकिन उनके मैंने 15 अगस्त के सारे भाषण पढ़े. 1947 में एक भी बार किसान का नाम नहीं लिया. 1948 में एक बार 1949 में एक बार 1950, 1951, 1952, 1953, 1954, 1955, 1956, 1957, 1958, 1959, 1960 में एक भी बार किसान शब्द उनके भाषण में नहीं आया. ये कांग्रेस की प्राथमिकता है.

Tags: Budget session, Rajya sabha, Shivraj singh chauhan

FIRST PUBLISHED :

August 5, 2024, 16:09 IST

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