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रुस से भारत में बिछाया गहरी साजिश का जाल, 5 कंपनियां की मदद से फंसाए सैकड़ों नौजवान, फिर शुरू हुआ बर्बादी का असली सफर
प्रतीकात्मक चित्र
रशियन एजेंसियां साजिश के तहत विभिन्न एजेंट्स के माध्यम से भारतीयों नौजवानों को अपने जाल में फंसाया रही हैं. इन नौजवान ...अधिक पढ़ें
News18 हिंदीLast Updated : March 27, 2024, 13:27 ISTConspiracy Against India: यूक्रेन के खिलाफ बीते 762 दिनों से जारी युद्ध में रूस के सामने लड़ाकों का संकट आ खड़ा हुआ है. युद्ध में लड़ाकों की कमी पूरी करने के लिए रूस की कुछ एजेंसियां इन दिनों भारत के खिलाफ एक गहरी साजिश का जाल बिछाने में लगी हुई हैं. रूस में रह रहे कुछ भारतीयों के साथ-साथ कुछ भारतीय कंपनियां इस साजिश में ‘ब्राउन बीयर’ के मददगार बने हुए हैं.
इस साजिश के तहत, भारतीयों नौजवानों को बेहतर जिंदगी का सब्जबाग दिखाकर अपने जाल में फंसाया जाता है. फिर इस सपने को सच करने के नाम पर लाखों रुपए वसूले जाते हैं. साजिश के आखिरी पायदान में इन नौजवानों को रूस भेज दिया जाता है. जहां से शुरू होता है, इन नौजवानों की बर्बादी का असली सफर. रूस से रची जा रही इस साजिश की भनक लगते ही केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मसले पर अपनी जांच शुरू की है.
सीबीआई की अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि एक छोटे से अंतराल में सालसाजों ने दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, पुदुचेरी, केरल, तमिलनाडु और राजस्थान सहित देश के कई राज्यों में अपना जाल फैला लिया है. ये जालसाज नौजवानों को शिक्षा और हैसियत के हिसाब से नौकरी ऑफर करते हैं. मसलन, किसी को सेना संबंधी कार्यो की जॉब ऑफर की जाती है, तो किसी को सिक्योरिटी गार्ड और हेल्पर बनवाने के नाम पर जाल में फंसाया जाता है.
कौन है साजिश का मास्टर माइंड?
सीबीआई की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि इस पूरी साजिश को रूस में बैठी दो भारतीय नागरिक संचालित कर रहे हैं, जिनकी पहचान मोहम्मद मोइनुद्दीन और संतोष कुमार के रूप है. मोहम्मद मोइनुद्दीन मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है, जबकि संतोष कुमार तमिलनाडु का वाशिंदा है. इन दोनों ने मिलकर भारत के विभिन्न राज्यों में एजेंट्स का बड़ा जाल बिछाकर न जाने कितने नौजवानों को यूक्रेन-रूस युद्ध की आग में झोंक दिया है.
सीबीआई की अब तक की जांच में भारत की पांच कंपनियों सहित कुल 19 लोगों के नाम का खुलासा हुआ है, जो रूसी एजेंसियों के इशारे पर साजिश का जाल बिछाने में लगे हुए हैं. चंद रुपयों के लालच में रूसी एजेंसियों के हाथ की कठपुतली बने इन जालसाजों की तलाश में सीबीआई की छापेमारी जारी है. फिलहाल, यह छापेमारी दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, पुदुचेरी, केरल, तमिलनाडु और राजस्थान के विभिन्न इलाकों में की जा रही है.
साजिश का जाल बिछाने वाली आरोपी कंपनियां
मेसर्स 24×7 आरएएस ओवरसीज फाउंडेशन, केजी मार्ग, नई दिल्ली मेसर्स ओ. एस.डी. ब्रोस ट्रेवल्स एंड वीज़ा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मुंबई मेसर्स ओ.एस.डी. ब्रदर्स ट्रेवल्स एंड वीज़ा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, मलाड (पश्चिम), मुंबई मेसर्स एडवेंचर वीज़ा सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड, अंबाला, हरियाणा बाबा व्लॉग्स ओवरसीज रिक्रूटमेंट सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, ठाणे, महाराष्ट्रइन पर है रूसी साजिश में शामिल होने का आरोप
क्रिस्टीना, रूस सुयश मुकुट, ग्रेटर कैलाश, नई दिल्ली तनु कांत शर्मा, पलवल, हरियाणा मंजीत सिंह, अंबाला, हरियाणा राकेश पांडे, मलाड वेस्ट, मुंबई, महाराष्ट्र फैसल अब्दुल मुतालिब खान उर्फ वसई, महाराष्ट्र मो. सुफियान दाऊद अहमद दारुगर, पालघर, महाराष्ट्र पूजा, पालघर, महाराष्ट्र रमेश कुमार पलानीसामी, तमिलनाडु श्रीविद्या, मदुरै, तमिलनाडु टोमी, तिरुवनंतपुरम, केरल रोबो, तिरुवनंतपुरम, केरल जॉब, तिरुवनंतपुरम, केरल.
Tags: CBI, Human trafficking, Russia ukraine war
FIRST PUBLISHED :
March 27, 2024, 13:27 IST