रेप करना है तो करो मगर पति-बच्चों, कोर्ट में सामने आया दंगाईयों की हैवानियत

1 day ago

Last Updated:April 17, 2025, 13:43 IST

Murshidabad Violence LIVE: मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में जांच के लिए कोलकाता पुलिस ने एसआईटी की गठन की है. वहीं, कोलकाता हाईकोर्ट में इस मामले पर सुनवाई होने वाली है. जहां पर केंद्र और राज्य सरकार अपनी-अपनी रिपोर...और पढ़ें

रेप करना है तो करो मगर पति-बच्चों, कोर्ट में सामने आया दंगाईयों की हैवानियत

मुर्शिदाबाद में हिंसा कैसे हुई, एसआईटी करेगी जांच.

हाइलाइट्स

मुर्शिदाबाद हिंसा की जांच के लिए SIT गठित की गई.राज्य और केंद्र सरकार हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करेंगी.ममता बनर्जी ने BSF पर पत्थरबाजी का आरोप लगाया.

Murshidabad Violence LIVE: मुर्शिदाबाद में धीरे-धीरे जिंदगी पटरी पर लौटने लगी है. वहां रहने वाले सभी लोग शांति की कामना कर रहे हैं. मगर वो काली रातें और खौफनाक दिन उनके जेहन से नहीं हट रहा है. मगर ये हिंसा कैसे भड़की, इसके लिए कौन जिम्मेदार है इसका पता चलना जरूरी है. इस मामले पर की जांच के लिए कोलकाता पुलिस ने एसआईटी गठित की है. इस टीम को एक मुस्लिम अधिकारी लीड कर रहे हैं. वहीं, पिछले 72 घंटे में 48 एफआईआर की गई जिसकी जांच एसआईटी कर रही है.

वहीं, राज्य सरकार और केंद्रीय बल आज इसके संबंध में अपनी-अपनी रिपोर्ट हाईकोर्ट में पेश करेंगे. वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने यहां केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाने की मांग किए जाने की उम्मीद है.

कोलकता हाईकोर्ट में मुर्शिदाबाद हिंसा पर सुनवाई हो रही है. न्यायमूर्ति सौमेन सेन और राजा चौधरी की पीठ मामले की सुनवाई कर रही है. वहीं, कोर्ट में शुभेंदु अधिकारी के वकील अपना पक्ष रख रहे हैं-

article_image_1बीएसएफ साउथ बंगाल फ्रंटियर के डीआईजी द्वारा दिए गए बयानों के अनुसार, कई राजनीतिक दलों पर समन्वित और हिंसक तरीके से हमला किया गया. इन हमलों ने जमीन पर अत्यधिक तनावपूर्ण और अस्थिर स्थिति पैदा कर दी.

यह एक ऐसा मामला है जो क्षेत्र में बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है. हमने सबूत के तौर पर मीडिया कवरेज से तस्वीरें संलग्न की हैं. इसके अलावा, साइट से बम के टुकड़े बरामद किए गए हैं. वीडियो रिकॉर्डिंग में स्पष्ट रूप से पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में बमबारी और हिंसा की घटनाएं दिखाई दे रही हैं.

घटना की गंभीरता को देखते हुए, हमारा मानना ​​है कि इस मामले की राष्ट्रीय जांच को एनआईए को सौंप देनी चाहिए. इसके अलावा, विस्फोटकों के इस्तेमाल और हमले की संगठित प्रकृति के कारण इस मामले में विस्फोटक अधिनियम और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) लागू हैं.

राज्य भर में समय-समय पर, एक समूह के लोगों पर हमला होता है. उनका डिजाइन एक ही रहता है. यह एक जिले से दूसरे जिले में हो रहा है. मालदा में भी ऐसी ही घटना हुई…स्थिति बिगड़ गई… अब यह मुर्शिदाबाद तक फैल गई. अब सत्ताधारी पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा है कि लोग बांग्लादेश से आए हैं.

इस बीच, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) पर तीखा हमला करते हुए आरोप लगाया है कि बीएसएफ ने हाल की झड़पों के दौरान पत्थरबाजी करने के लिए लोगों को काम पर रखा था. उनके जवाब में भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने बनर्जी की कड़ी आलोचना की. उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी को “राष्ट्र-विरोधी” करार दिया.

भाजपा नेता राहत शिविर के लोगों से मिले
इसी तरह, हिंसा राहत शिविर के 12 लोगों ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार से मुलाकात की. मजूमदार उनके साथ पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के कार्यालय गए. वहां उन्होंने तब तक धरना दिया जब तक उन्हें डीजीपी से मिलने की अनुमति नहीं मिल गई. अधिकारी के साथ बैठक हुई. मगर, मजूमदार ने कहा कि परिणाम असंतोषजनक था.

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में एक वकील शशांक शेखर झा ने मुर्शिदाबाद हिंसा को लेकर जनहित याचिका दायर की है. दायर जनहित याचिका में मुर्शिदाबाद हिंसा की की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एसआईटी के गठन की मांग की गई है. इसके अलावे याचिका में राज्य की कानून-व्यवस्था की स्थिति में विफलता के लिए पश्चिम बंगाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगने की मांग भी की गई है. याचिका में कहा गया है कि प्रशासन के कमजोर रवैये के चलते हिंसा हुई है. सुप्रीम कोर्ट इस पर जल्द ही सुनवाई कर सकता है.

Location :

Kolkata,West Bengal

First Published :

April 17, 2025, 10:41 IST

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