रोबोटिक आर्मी घुसी म्यांमार की बिखरी इमारतों में, पहली बार किया इस्तेमाल

1 week ago

Last Updated:April 11, 2025, 13:50 IST

ROBOTIC ARMY: भारतीय सेना ने अपनी ताकत बढ़ाने के लिए नई तकनीक को शामिल करना शुरू किया. मल्टी टास्किंग रोबोट को तैयार वॉर जोन के लिए किया गया था. लेकिन इसका इस्तेमाल पहली बार राहत बचाव के लिए किया गया. LAC पर ची...और पढ़ें

रोबोटिक आर्मी घुसी म्यांमार की बिखरी इमारतों में, पहली बार किया इस्तेमाल

रोबोट के जरिए म्यांमर में किया गया रेस्क्यू ऑपरेशन

हाइलाइट्स

भारतीय सेना ने म्यांमार में पहली बार रोबोटिक आर्मी से रेस्क्यू किया.रोबोटिक म्यूल्स अब भारतीय सेना के लिए हाई एल्टिट्यूड में मददगार बन रहे हैं.भारतीय सेना ने LAC पर भी रोबोटिक आर्मी तैनात करना शुरू कर दिया है.

ROBOTIC ARMY: म्यांमार के भूकंप पीड़ितों के लिए भारतीय सेना ने नई तकनीक के साथ मैदान में उतरी. हाईटेक चिकित्सा व्यवस्था के साथ साथ सर्च एंड रेस्क्यू के लिए नए उपकरण को खूब इस्तेमाल किया. इसमें सबसे अहम था रोबोटिक म्यूल या कहें रोबोटिक डॉग आर्मी. भारतीय सेना की तरफ से एक विडियों जारी किया गया, जसमें एक रोबोटिक डॉग भूकंप से ध्वस्त इमारत में घुस रहा है. सेना ने इस रोबोटिक म्यूल को वॉर जोन या फॉर्वर्ड इलाके में सैन्य साजो सामान ढोने और खुफिया जांकारी जुटाने के लिए शामिल किया है. यह पहली बार है जब इसे किसी एक्टिव रेस्क्यू ऑपरेशन में इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा सेना ने अपने नैनो ड्रोन के जरिए भी टूटी इमारत के भीरत के हालात को देखा गया. यह इतना छोटा ड्रोन है जो कि किसी भी संकरी जगह से आसानी से अंदर जा सकता है. इसके कैमरा से रीयल टाईम लाइव फीड के जरिए राहत बचाव के ऑपरेशन को अंजाम देने में खासा सहूलियत हुई.

स्व्देशी रोबोट की खासियत
अब तक सेना ट्रांसपोर्टेशन के लिए जानवरों को इस्तेमाल किया करती है. उंचे पोस्ट पर सामान ढोया करती है. अब धीरे धीरे उसकी जगह रोबट ले रहे है. 77वें थलसेना दिवस के मौके पर पहली बार यह म्यूल दिखाइ दिए थे. फिलहाल भारतीय सेना के पास 70 रोबोटिक म्यूल की आर्मी है. इन सभी को नॉर्दर्न बॉर्डर यानी की चीन से लगती सीमा के पास तैनात किया गया है. यह रोबोटिक म्यूल किसी रोबोटिक डॉग की तरह दिखते हैं. 15 से 30 किलों तक का यह वजन उठाकर 10 फिट की उंचाई तक आसानी से चढ़ सकते हैं. अभी फिलहाल लॉजिस्टिक और सर्विलांस के लिए इनका इस्तेमाल किया जा रहा है. यह म्यूल रिमोट से ऑपरेट किए जाते हैं. इनका रिमोट इनके हैंडलर या ऑपरेटर के पास होता है. जैसे जैसे ऑपरेटर रिमोट के जरिए उसे कमांड देते है वहा उसी तरह से काम करता है. यह माइनस 40 डिग्री तक के तापमान में आसानी से ऑपरेट कर सकता है.

अपग्रेड होगी रोबोटिक आर्मी
भारतीय सेना के पास जो रोबोटिक म्यूल है वह बेसिक वर्जन के हैं. इनका इस्तेमाल लॉजिस्टिक और सर्विलांस के लिए किया जा रहा है. इन रोबोट में लगे थर्मल कैमरे और सेंसर रोबोट को आसानी से पहाड़ी इलाके में सीमा के नजदीक निगरानी की जा सकती है. आने वाले दिनों में इन रोबोट को छोटे हथियारों के साथ वेपेनाइज्ड भी किया जाना है. यह किसी भी सेना के जवान की तरह ही दुश्मन से मुकाबला कर सकेंगे.

चीन भी तैनात कर चुका है अपने रोबोट
पूर्वी लद्दाख में पिछले साढ़े चार साल से चीनी सेना को विषम परिस्थितियों में रहने को मजबूर होना पड़ा. मजबूरन चीन को LAC पर रोबोट का इस्तेमाल करना पड़ा. उसने सबसे पहले अपने रोबोटिक डॉग स्क्वाड को चुना. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल सोशल मीडिया मे एक विडियो बडी तेज़ी से वायरल हुआ था जिसमें एक ड्रोन के ज़रिए वॉर जोन में रोबोटिक डॉग को उतारा गया था. चीन के इस रोबोटिक डॉग QBZ-97 लाइट मशीन गन एडवांस इंटेलिजेंस उपकरण से लैस है. इस ख़ास तौर पर कॉंबेट मिशन के लिए तैयार किया गया है. वजन में हल्की होने के चलते इसे क्वाड कॉपटर के जरिये कहीं भी भेजा जा सकता है.

First Published :

April 11, 2025, 13:50 IST

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