Last Updated:November 13, 2025, 12:26 IST
Delhi Blast: कौन हैं जम्मू-कश्मीर की पहली महिला आईपीएस अधिकारी और नकाउंटर स्पेशलिस्ट शाहिदा परवीन गांगुली, जो दिल्ली कार ब्लास्ट केस को सुलझाने लाल किले के पास घटनास्थल पर पहुंची? एनआईए को क्या मदद करेंगी? क्या लश्कर और जैश का पुराना मॉड्यूल ध्वस्त होगा?
कौन हैं शाहिदा परवीन, जो दिल्ली ब्लास्ट वाले जगह पहुंची?नई दिल्ली. दिल्ली ब्लास्ट की जांच तेज हो गई है. एनआईए एक कड़ी से दूसरे कड़ी को जोड़ने के लिए उन अधिकारियों की भी मदद ले रही है, जिन्होंने पहले इस तरह की घटना को सुलझाने में अहम भूमिका निभा चुके हैं. इसी कड़ी में बुधवार को लाल किले के पास विस्फोट वाली जगह जम्मू-कश्मीर की पूर्व आईपीएस अधिकारी शाहिदा परवीन गांगुली नजर आईं. बता दें कि शाहिदा परवीन गांगुली जम्मू-कश्मीर की पहली महिला आईपीएस अधिकारी और स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप की सदस्य रहीं हैं. शाहिदा को एक लेडी एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर की लेडी सिंघम के नाम से भी जाना जाता है.
शाहिदा परवीन जम्मू-कश्मीर की एक किंवदंती हैं, जिन पर जम्मू-कश्मीर पुलिस नहीं पूरे देश को नाज है. 10 नवंबर को दिल्ली ब्लास्ट केस में उनकी घटनास्थल पर मौजूदगी बता रहा है कि इस केस की जांच में शाहिदा परवीर की आने वाले दिनों में अहम भूमिका होने वाली है. शाहिदा परवीन 1990 के दशक और 2000 के शुरुआती वर्षों में आतंकवाद के खिलाफ कई साहसिक ऑपरेशनों का नेतृत्व किया. उनका जन्म जम्मू-कश्मीर में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने अपनी शादी के बाद गांगुली सरनेम अपनाया, जो उनके पति के बंगाली बैकग्राउंड को दर्शाता है. वे 1997 बैच की IPS अधिकारी हैं और लंबे समय तक स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) का हिस्सा रहीं, जहां उन्होंने कई आतंकियों का सामना किया और उन्हें खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
#WATCH | Delhi: IPS officer Shahida Parveen Ganguly, former J&K ACP, arrives at the spot where a blast occurred in a Hyundai i20 car near the Red Fort on 10th November. Eight people died in the blast. pic.twitter.com/hNpI7AQIhB
शाहिदा परवीर गांगुली को कितना जानते हैं?
1997 से 2002 तक वे जम्मू-कश्मीर पुलिस की एलीट यूनिट स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप (SOG) में रहीं. यह यूनिट आतंकवादियों के खिलाफ सीधी कार्रवाई के लिए जानी जाती है. शाहिदा ने कई एनकाउंटर ऑपरेशनों में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने हथियारबंद आतंकियों का मुकाबला किया. एक चर्चित घटना में उन्होंने 1999 में एक घात लगाकर हमले को नाकाम किया, जिसमें कई आतंकी मारे गए. उनके साहस के लिए उन्हें गैलेंट्री मेडल से सम्मानित किया गया. SOG से बाहर आने के बाद वे क्राइम इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) में असिस्टेंट कमिश्नर ऑफ पुलिस (ACP) बनीं, जहां उन्होंने कई हाई-प्रोफाइल टेरर केसों की जांच की.
इन ऑपरेशनों में शामिल रहीं.
1- 2000 के दशक में कश्मीर घाटी में सक्रिय लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के कई मॉड्यूल्स को ध्वस्त करने में योगदान.
2- 2005 में एक बड़े आतंकी कंस्पिरेसी केस में मुख्य जांच अधिकारी के रूप में काम किया, जिसके परिणामस्वरूप कई गिरफ्तारियां हुईं.
3- महिलाओं के खिलाफ अपराधों और साइबर क्राइम पर फोकस करते हुए, उन्होंने जम्मू-कश्मीर में कई जागरूकता कैंपेन चलाए.
शाहिदा की शादी एक बंगाली अधिकारी से हुई
ब्राह्मण से क्यों की शादी?
शाहिदा की शादी एक बंगाली अधिकारी से हुई, जिसके कारण उनका सरनेम ‘गांगुली’ पड़ा. वे दो बच्चों की मां हैं और अपने परिवार के साथ दिल्ली-एनसीआर में रहती हैं. वे योग और मेडिटेशन की शौकीन हैं, जो उन्हें तनावपूर्ण जॉब में संतुलन बनाए रखने में मदद करता है. उनके करियर में कुछ विवाद भी रहे. कुछ एनकाउंटरों पर मानवाधिकार संगठनों ने सवाल उठाए, लेकिन अधिकांश मामलों में कोर्ट ने उन्हें क्लीन चिट दी.
शाहिदा परवीन की दिल्ली जांच में क्या होगी भूमिका?
शाहिदा परवीन दिल्ली ब्लास्ट की जांच में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. क्योंकि इस ब्लास्ट में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा से जुड़े संदिग्ध डॉ. उमर नबी शामिल था. ऐसे में वह घटनास्थल का मुआयना कर एनआईए को महत्वपूर्ण जानकारी दे सकती हैं. फॉरेंसिक साक्ष्यों और जम्मू-कश्मीर के पुराने आतंकी मॉड्यूल्स से जोड़ने महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं.
हालांकि, ये भी कहा जा रहा है कि शाहिदा परवीन की मौजूदगी किसी आधिकारिक जांच टीम के कारण नहीं थी. दरअसल, वह वर्तमान में एक सुरक्षा और आतंकवाद विशेषज्ञ के तौर पर कार्य कर रही हैं. धमाके की खबर मिलने के बाद, वह व्यक्तिगत रूप से घटनास्थल पर पहुंचीं ताकि वह जांच एजेंसियों के लिए तथ्यों का विश्लेषण कर सकें और सुरक्षा एजेंसियों की पड़ताल को समझ सकें. वह कई टीवी चैनलों और पॉडकास्ट पर आतंकवाद और सुरक्षा के मुद्दों पर अपनी राय प्रकट करती रही हैं.
रविशंकर सिंहचीफ रिपोर्टर
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...और पढ़ें
भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले रविशंकर सिंह सहारा समय न्यूज चैनल, तहलका, पी-7 और लाइव इंडिया न्यूज चैनल के अलावा फर्स्टपोस्ट हिंदी डिजिटल साइट में भी काम कर चुके हैं. राजनीतिक खबरों के अलावा...
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Location :
Delhi Cantonment,New Delhi,Delhi
First Published :
November 13, 2025, 12:26 IST

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