Last Updated:November 06, 2025, 14:41 IST
Shankaran Naren Investment Tips : आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के मुख्य निवेश अधिकारी एस नरेन ने निवेशकों को चेतावनी दी है कि आज बाजार में बहुत संभलकर पैसे लगाने होंगे. बाजार अब नए चरण में प्रवेश कर चुका है, जहां सारा जोखिम निवेशकों पर आ गया है.
शंकरन नरेन ने निवेशकों को बाजार के जोखिम पर चेतावनी दी है.नई दिल्ली. शेयर बाजार के दिग्गज और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के मुख्य निवेश अधिकारी शंकरन नरेन ने भारतीय निवेशकों की आंखें खोलने वाली चेतावनी जारी की है. उन्होंने कहा है कि भारत का पूंजी यानी शेयर बाजार एक नए दौर में प्रवेश कर चुका है. अब जोखिम का पूरा बोझ निवेशकों पर है, न कि बैंकों और संस्थानों पर. उनके कहने का साफ मतलब यह है कि अब बाजार का सारा जोखिम सिर्फ निवेशकों के माथे पर है, उससे जुड़ी कंपनियों या संस्थानों पर नहीं.
मॉर्निंगस्टार इनवेस्टमेंट के कॉन्फ्रेंस में नरेन ने कहा कि पहले के दौर में पूंजी निवेश का विकास वित्तीय संस्थानों जैसे आईडीबीआई, आईएफसीआई और आईसीआईसीआई की ओर से वित्तपोषित किया जाता था. फिर आया 2007-08 का दौर जहां बैंकों की ओर से इसका वित्तपोषण होता था. अब पूरे निवेशक समुदाय के लिए चुनौती नए दौर में प्रवेश कर चुकी है. अब सारा जोखिम निवेशकों की ओर से लिया जा रहा है. बैंक किसी भी जोखिम वाले काम के लिए उधार नहीं दे रहे.
जोखिम उठाने का काम निवेशकों पर
नरेन ने बताया कि आज कोई भी वित्तीय संस्थान खुद जोखिम उठाने को तैयार नहीं और देश के विकास के लिए जोखिम उठाने का काम निवेशकों पर है. निवेशकों को कुछ हद तक राहत पहुंचाने के लिए ही म्यूचुअल फंड्स ने स्मॉल कैप, मिड कैप और मल्टी कैप जैसे सेक्शन बनाए हैं. बावजूद इसके निवेशकों की बढ़ती डिमांड को देखते हुए फंड प्रबंधकों को अक्सर महंगे स्टॉक्स में निवेश करना पड़ता है. अगर निवेशकों की एसआईपी ही महंगे मिडकैप्स में आती है तो फंड मैनेजर्स को भी महंगे मिडकैप स्टॉक्स में पैसे लगाना ही पड़ेगा.
बाजार गिरते ही बदल जाता है निवेशकों का मन
नरेन ने चिंता जताई कि कई निवेशक भले ही लंबे समय का लक्ष्य बनाकर चलते हैं, लेकिन जैसे ही बाजार में गिरावट आती है, अपना पैसा निकालने पर मजबूर हो जाते हैं. 20 साल लक्ष्य बनाकर चलने वाले निवेशक भी अक्सर 10 साल तक नहीं टिक पाते हैं. हाई वैल्यूएशन और इक्विटी निवेशकों के सेलिंग सिक्वेंस को देखते हुए यह साफ संकेत मिलता है कि जानकार निवेशक अधिक मूल्यांकन पर बाहर निकल जाते हैं, जबकि खुदरा निवेशक खरीदारी जारी रखते हैं. यही वजह है कि ज्यादा मूल्यांकन पर छोटे निवेशकों को ही नुकसान उठज्ञना पड़ता है.
केवल इक्विटी पर ध्यान देना ही बड़ी समस्या
नरेन ने कहा कि निवेशकों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे सिर्फ इक्विटी पर ही ध्यान देते हैं. उन्होंने कहा कि निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में विविधता लानी पड़ेगी और सिर्फ इक्विटी पर ध्यान देने के बजाय डेट और बैलेंस्ड फंड जैसे विकल्पों को भी शामिल करना चाहिए. अगर निवेशक सबकुछ एक ही सेक्शन में लगा देंगे तो नुकसान की आशंका भी ज्यादा रहेगी, लेकिन संपत्ति का अलग-अलग आवंटन किया जाए तो बड़े नुकसान से बचा जा सकता है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 06, 2025, 14:41 IST

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