Last Updated:April 11, 2025, 10:52 IST
Ocean Color: वैज्ञानिकों ने हाल ही में दावा किया है कि समंदर का रंग शुरू से नीला नहीं हुआ करता था. एक रिसर्च में दावा किया गया है कि इनका शुरुआती रंग हरा था, मगर इसका क्या वजह था और धरती के विकास से समंदर का रं...और पढ़ें

समंदर के पानी को लेकर नया खुलासा.
Ocean Color: नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर सीवी रमन ने पहली बाताया कि समंगर मिला क्यों दिखता है. मगर हाल ही में रिसर्चर्स ने समंदर को लेकर जा खुलासा किया है उससे आपकी सालों पुरानी धारणा टूट जाएंगी. दरअसल, एक नए शोध से खुलासा हुआ है कि पृथ्वी पर मौजू समुद्र जो आज नीला दिखाई देते हैं, वे हमेशा से नीले नहीं थे. रिसर्च ने बताया कि लाखों साल पहले समंदर का रंग हरा हुआ करता था. साथ ही इस रिसर्च ने समुद्र के रंग और उसके क्रमिक विकास भी जानकारी दी है.
समंदर के रंग को लेकर नेचर इकोनॉमी एंड इवोल्यूशन नामक पत्रिका लेख छपा है. इसमें बताया गया है कि लगभग 2.4 अरब वर्ष पहले, आर्कियन युग के दौरान पृथ्वी पर मौजूद महासागर संभवतः हरे रंग के नहाए हुए थे. यह एक ऐसी खोज है जो यह समझाने में मदद करती है कि प्रारंभिक जीवन ऐसे वातावरण में कैसे विकसित हुआ.
क्यों थे समुद्र हरे?
शोधकर्ताओं के मुताबिक, प्राचीन काल में समुद्र में घुली सामग्री और सूक्ष्मजीवों की मौजूदगी ने इसके रंग को प्रभावित किया. अरबों साल पहले, समुद्र में आयरन और अन्य खनिजों की मात्रा ज्यादा थी. साथ ही कुछ खास प्रकार के शैवाल और बैक्टीरिया भी बहुतायत मात्रा में मौजूद थे. इन सबकी वजह से ही समुद्र का रंग हरा हुआ करता था. जैसे-जैसे पृथ्वी की पर्यावरणीय स्थितियां बदलीं और ऑक्सीजन का स्तर बढ़ा, समुद्र का रंग धीरे-धीरे नीला होने लगा.
कैसे हुआ रिसर्च
वैज्ञानिकों ने रिसर्च के लिए शोध के लिए समुद्र तल से प्राचीन चट्टानों और तलछट के नमूने पर आधारित है. वैज्ञानिकों ने इन नमूनों में मौजूद रासायनिक अवशेषों का विश्लेषण किया, जो पृथ्वी के प्रारंभिक समुद्रों की स्थिति को दर्शाते हैं. इसमें दिखा कि उस समय समुद्र में ऑक्सीजन की कमी थी, जिसके कारण आयरन और सल्फर जैसे तत्व पानी में घुले रहते थे, जिसकी वजह से हरे रंग का प्रभाव पैदा होता था.
समुद्र के रंग का महत्व
वैज्ञानिकों का कहना है कि समुद्र के रंग में बदलाव पृथ्वी पर जीवन के विकास से जुड़ा है. नीले रंग का समुद्र ऑक्सीजन की मौजूदगी और शैवाल जैसे जीवों के बदलते स्वरूप को दर्शाता है. यह बदलाव ग्रह के वायुमंडल और पर्यावरण में आए बड़े परिवर्तनों का भी संकेत देता है. यह स्टडी न केवल पृथ्वी के इतिहास को समझने में मदद करता है, बल्कि जलवायु परिवर्तन और समुद्री पर्यावरण पर इसके प्रभावों को भी रेखांकित करता है.
First Published :
April 11, 2025, 10:51 IST