Last Updated:April 07, 2025, 14:19 IST
UPS Update : सरकार ने अपने कर्मचारियों को यूपीएस के तहत गारंटी वाली पेंशन का विकल्प तो दे दिया है, लेकिन अब मंथन इस बात पर शुरू हो गया है कि इन पैसों का निवेश कैसे किया जाए, ताकि गारंटीशुदा पेंशन देने के साथ ड...और पढ़ें

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हाइलाइट्स
सरकार ने 1 अप्रैल से गारंटी वाली पेंशन स्कीम लागू की.वित्त मंत्रालय ग्लोबल पेंशन फंड अध्ययन कर रहा है.कर्मचारी UPS या NPS में से एक चुन सकते हैं.नई दिल्ली. 1 अप्रैल से सरकार ने गारंटी वाली पेंशन स्कीम लागू कर दी है. इसके साथ ही केंद्र और राज्य सरकार के कर्मचारियों को अब यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) और न्यू पेंशन स्कीम (NPS) में से किसी एक को चुनने का विकल्प भी मिल गया है. सरकार ने यूपीएस का ऐलान और इसे चुनने का विकल्प तो लागू कर दिया है, लेकिन अभी तक सरकार को इसका फॉर्मूला नहीं मिल सका है. अब वित्त मंत्रालय इसका जवाब तलाशने के लिए ग्लोबल पेंशन फंड अध्ययन करेगा.
मामले से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित्त मंत्रालय ग्लोबल पेंशन फंड के प्रबंधन के तरीकों का अध्ययन कर रहा है. इसकी मदद से एकीकृत पेंशन योजना (UPS) के तहत अतिरिक्त सरकारी योगदान से बने कोष में निवेश के नियमों को अंतिम रूप दिया जा सकेगा. UPS की गारंटी वाली पेंशन योजना के तहत दो कोष बनाए जाते हैं, एक व्यक्तिगत फंड और दूसरा पूल फंड, जिसमें सरकार अतिरिक्त योगदान करती है.
क्या है यूपीएस की खासियत
यूपीएस के तहत कर्मचारी की बेसिक सैलरी और डीए का 10 फीसदी अंशदान लिया जाएगा और इतना ही योगदान सरकार भी करेगी. लेकिन, गारंटी वाली पेंशन का फंड बनाने के लिए सरकार कर्मचारी के बेसिक और डीए का 8.5 फीसदी और योगदान करेगी. यह पैसा पूल फंड में डाला जाएगा, जिसका इस्तेमाल गारंटी वाली पेंशन और इसमें रिटायरमेंट के बाद बढ़ने वाले डीए के लिए किया जाएगा.
पर्सनल फंड में कर्मचारी का हस्तक्षेप
यूपीएस के तहत पर्सनल फंड में डाले गए पैसों पर कर्मचारी का हस्तक्षेप रहेगा, बिल्कुल एनपीएस की तरह. यानी कर्मचारी यह तय कर सकेगा कि इस फंड की राशि को किस तरह से निवेश किया जाए, वह अपनी राय भी दे सकता है. लेकिन, पूल फंड में डाले गए पैसों के निवेश का फैसला सिर्फ सरकार ही करेगी. बस, यही है सरकार की असल समस्या कि इन पैसों का इस्तेमाल किस तरह किए जाए कि कर्मचारियों को गारंटी वाली पेंशन दी जा सके.
जल्द तैयार होंगे निवेश के नियम
अधिकारी के अनुसार, मंत्रालय जल्द ही (पूल कोष में निवेश पर) नियमों को अंतिम रूप देगा. इसके तहत विचार एक ऐसे मॉडल पर पहुंचने का है जो हमारे लिए सबसे उपयुक्त हो. UPS की घोषणा केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों को सुनिश्चित पेंशन राशि देने के लिए की गई थी, क्योंकि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत अभी गारंटी नहीं दी जाती है. कर्मचारी NPS के साथ बने रहने का विकल्प चुन सकते हैं, लेकिन एक बार UPS का चयन करने के बाद वापस नहीं लिया जा सकता.
कर्मचारी कैसे कर सकेंगे निवेश
UPS के तहत व्यक्तिगत पेंशन फंड के लिए कर्मचारियों को नियामक के साथ पंजीकृत किसी भी पेंशन फंड का चयन करने और चार विकल्पों में से एक चुनने की अनुमति है. कर्मचारी 100% सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश कर सकते हैं. इसके अलावा अपने कुल फंड का अधिकतम 25% इक्विटी एक्सपोजर के साथ कंजर्वेटिव लाइफ साइकिल फंड चुनने का विकल्प मिलेगा या फिर 50% तक इक्विटी एक्सपोजर के साथ मॉडरेट लाइफ साइकिल फंड और एक डिफ़ॉल्ट योजना भी मिलेगी.
Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
April 07, 2025, 14:19 IST