सिंधु समझौता तो रद्द, लेकिन उसके पानी पर किसका हक? अब्दुल्ला के बयान से हंगामा

6 hours ago

Last Updated:June 21, 2025, 21:29 IST

Indus Waters Treaty: उमर अब्दुल्ला ने सिंधु समझौता रद्द होने पर उसके पानी पर जम्मू-कश्मीर का हक बताया, जबकि पंजाब के मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इसका विरोध किया. उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय मुद्दा है.

सिंधु समझौता तो रद्द, लेकिन उसके पानी पर किसका हक? अब्दुल्ला के बयान से हंगामा

भारत ने पाकिस्तान के साथ सिंधु समझौता रद्द कर दिया है. (पीटीआई)

चंडीगढ़. पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार ने सिंधु समझौता रद्द करते हुए पाकिस्तान की तरफ जाने वाला पानी रोक दिया था. मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा है कि सिंधु समझौता रद्द होने की वजह से बचे हुए जल पर सिर्फ जम्मू-कश्मीर का हक है. पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने उमर अब्दुल्ला के बयान का विरोध किया है.

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा, “जम्मू में सूखा पड़ा हुआ है, नलों में पानी नहीं है. मैं पंजाब को पानी क्यों भेजूं? उन्होंने हमें जरूरत के समय पानी नहीं दिया था. मैं फिलहाल पंजाब, हरियाणा, राजस्थान को पानी देने के पक्ष में नहीं हूं.”

उमर अब्दुल्ला के इस बयान पर पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा, “पानी का मुद्दा राष्ट्रीय है. भारत सरकार ने जम्मू-कश्मीर से होते हुए पाकिस्तान जाने वाले जल को रोकने का फैसला लिया था. यह एक स्वागत योग्य निर्णय था. इसका फायदा पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर को होना चाहिए. जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने जो बयान दिया है, वह उन्हें नहीं देना चाहिए. पंजाब और अन्य राज्यों में पानी की किल्लत है.”

पंजाब सरकार पर भी राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले को पानी नहीं देने का आरोप लगाया जा रहा है. इस पर चीमा ने कहा कि समझौते के मुताबिक हम राजस्थान को पानी दे रहे हैं. इससे ज्यादा पानी हमारे पास नहीं है.

पंजाब कैबिनेट की बैठक में लिए गए अहम फैसलों की जानकारी देते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा, “कैबिनेट की बैठक पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में हुई है. इसमें कई अहम फैसले लिए गए. इसमें जेल के प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 500 अधिकारियों की नियुक्ति का फैसला लिया गया है. फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की पूर्व अवधि 1 साल थी, उसे बढ़ाकर 3 साल कर दिया गया है. इसके अलावा पंजाब लेबर वेलफेयर फंड में नियोक्ता और कर्मचारी के योगदान को बढ़ाया गया है. कर्मचारी का योगदान 10 रुपए किया गया है, जबकि नियोक्ता का योगदान 40 रुपए किया गया है.”

Rakesh Ranjan Kumar

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें

राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...

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