'हंसुआ के ब्याह में खुरपी' का गीत क्यों गा रहे हैं चौबे जी, किस बात की है कसक?

1 week ago

Last Updated:April 10, 2025, 21:07 IST

Ashwini Choubey News: क्या अश्विनी चौबे ने नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री बनाने की मांग किसी रणनीति के तहत किया है? क्या चौबे के इस बयान से बिहार में बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं?

'हंसुआ के ब्याह में खुरपी' का गीत क्यों गा रहे हैं चौबे जी, किस बात की है कसक?

अश्विनी चौबे ने सीएम नीतीश कुमार पर बयान क्यों दिया?

हाइलाइट्स

अश्विनी चौबे ने नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री बनाने की मांग की.चौबे के बयान से बिहार में बीजेपी के लिए मुश्किलें हो सकती हैं?2024 लोकसभा चुनाव में टिकट न मिलने से चौबे नाराज हैं?

पटना. बिहार बीजेपी के कद्दावर नेताओं में शुमार किए जाने वाले अश्विनी चौबे के एक बयान ने तहलका मचा दिया है. चौबे ने कहा है कि नीतीश कुमार लंबे समय तक एनडीए के संयोजक की भूमिका निभाते रहे हैं. अगर उन्हें देश का उप प्रधानमंत्री बना दिया जाता है, तो यह बिहार के लिए गर्व की बात होगी. ऐसे में सवाल उठता है कि अश्विनी चौबे ने यह बयान क्यों दिया? यह जानते हुए कि बीते कुछ महीनों से नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं. दरअसल, साल 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद से ही चौबे राजनीतिक वनवास झेल रहे हैं. ऐसे में बिहार चुनाव से ठीक पहले अश्विनी चौबे ने नीतीश कुमार को लेकर एक ऐसी बात कह दी है, जो बीजेपी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकती है.

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अश्विनी चौबे बड़े चालाक नेता हैं. लेकिन अब उनका धैर्य जवाब दे गया है. दरअसल, साल 2024 के लोकसभा चुनाव में अश्विनी चौबे की जगह बीजेपी ने बक्सर से मिथिलेश तिवारी को प्रत्याशी बना दिया था. मिथिलेश तिवारी के उम्मीदवार बनने से अश्विनी चौबे सार्वजनिक मंच से कई बातें ऐसी कह दी थी, जो बीजेपी के लिए असहज साबित हुआ. बीजेपी आलाकमान को भी लगा कि अश्विनी चौबे का टिकट कटने से ब्राह्मण बहुल बक्सर सीट कहीं उसके हाथ से न छिटक जाए. बीजेपी सूत्रों की मानें तो अश्विनी चौबे को राज्यपाल बनाने का आश्वासन आलाकमान की तरफ से उस समय मिला था. इसके बाद वह अपनी दावेदारी वापस ले ली.

अश्विनी चौबे के बयान के मायने
हालांकि, बक्सर सीट बीजेपी हार गई. कहा गया कि अश्विनी चौबे के समर्थकों ने बीजेपी प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी के साथ कांड कर दिया. बीजेपी आलाकमान को भी इस बात की भनक लग गई. इसके बाद से ही आज तक अश्विनी चौबे राजनीतिक हाशिये पर चल रहे हैं. न गवर्नर बने और न ही बीजेपी ने किसी पद से नवाजा. ऐसे में बुधवार को अश्विनी चौबे ‘हंसुआ के ब्याह में खुरपी’ गीत गाने लगे.

सवाल पप्पू पर और जवाब नीतीश पर?
दरअसल, पत्रकारों ने उनसे पप्पू यादव के उस बयान पर सवाल पूछ लिया, जिसमें क्षेत्रीय पार्टियां बीजेपी से कम लड़ती हैं और कांग्रेस से ज्यादा लड़ाई लड़ती हैं? ऐसे में चौबे जी ने पप्पू यादव के बयान पर जवाब देने के बजाय नीतीश कुमार को लेकर बड़ा बयान दे दिया. उन्होंने नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर दी.

किस बात की है कसक?
राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो अश्विनी चौबे ने यह बयान जानबूझकर दिया है. क्योंकि, लोकसभा चुनाव 2024 में बक्सर से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने ताबड़तोड़ कई बयान दिए थे, जिससे पार्टी को नुकसान हुआ. उनकी कही यह बात कि ‘परशुराम का वंशज होना मेरा कसूर है’ काफी वायरल हुई थी. इससे उन्होंने उस समय पार्टी आलाकमान को संदेश दिया था कि ब्राह्मण होना टिकट कटने की वजह बनी. उनका एक और बयान इस बयान के कुछ दिन बाद आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं हो सकता’. चौबे का एक और बयान आया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘मैं कहीं नहीं जाऊंगा, बक्सर में ही रहूंगा’.

ऐसे में अश्विनी चौबे के इन बयानों ने बक्सर सीट बीजेपी के हाथ से छीन ली. हालांकि, उन्होंने कभी खुलकर पार्टी लाइन से अलग हटकर बात नहीं की. कई मौकों पर वह पार्टी लाइन और वफादारी दिखाने की बात करते हैं. लकिन नीतीश कुमार पर उनका ताजा बयान बीजेपी के वरदान साबित होगा या अभिशाप, यह तो चुनाव के बाद ही पता चलेगा.

First Published :

April 10, 2025, 21:07 IST

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