हाथरस में बाबा की तलाश जारी, लेकिन लंदन में इस बाबा पर चलेगा केस, नाम है 'कालिया', खुद को बताता है भगवान का अवतार
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हाथरस में बाबा की तलाश जारी, लेकिन लंदन में इस बाबा पर चलेगा केस, नाम है 'कालिया', खुद को बताता है भगवान का अवतार
लंदन, हाथरस में एक बाबा के चक्कर में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. चारों ओर लाशें बिखरी पड़ी हैं. लेकिन इसी बीच एक बाबा की खबर लंदन से आ रही है. खुद को भगवान का अवतार बताने वाले भारतीय मूल के “गुरु” राजिंदर कालिया पर केस चलाने की तैयारी हो गई है. उस पर महिलाओं ने यौन उत्पीड़न और ठगी का आरोप लगाया है. तीन महिलाओं ने बाबा से 8 मिलियन पाउंड का हर्जाना मांगा है. इनका आरोप है कि राजिंदर कालिया ने इनसे बिना वेतन के काम कराया. 4 महिलाओं ने बाबा पर कई साल तक रेप करने का आरोप लगाया है. तीन का तो आरोप है कि उनका शोषण बचपन से हो रहा है.
68 साल का राजिंदर कालिया वर्षों से लंदन में रह रहा है और वहां भारतीय मूल के लोगों के लिए पूजा-पाठ किया करता है. महिलाओं का दावा है कि वह खुद को भगवान का अवतार बताता है. अपने उपदेशों और शिक्षाओं के साथ-साथ वह कई तरह के चमत्कार करता है. वह अपने चमत्कारों की मदद से कई तरह की बीमारी ठीक होने का दावा करता है. आरोप तो ये भी लगा था कि कि कालिया ने बेल ग्रीन स्थित बाबा बालक नाथ मंदिर में 4 साल की उम्र वाले बच्चों को अपने वश में करने की कोशिश की. राजिंंदर कालिया पर आरोप लगाने वाली सभी महिलाएं भी भारतीय मूल की हैं.
आरोपों पर बाबा ने क्या दी सफाई
अब ये मामला लंदन के हाई कोर्ट में पहुंच गया है. राजिंदर कालिया की अनुयायी रहीं इन महिलाओं ने ये भी आरोप लगाया कि बाबा काफी प्रभावशाली है. बलात्कार के मामले को दबाने के लिए उसने मिडलैंड्स पुलिस को 2,500 पाउंड की रिश्वत भी दी. इसके बाद पुलिस ने जांच करना बंद कर दिया. न्यायाधीश मार्टिन स्पेंसर के समक्ष रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस में मुकदमा शुरू हो चुका है, जिसमें अगले कुछ दिनों में फैसला आने की उम्मीद है. उधर, बाबा ने कहा- मैं अपने खिलाफ किए जा रहे दावों से भयभीत हूं. जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं, वे स्पष्ट रूप से झूठे हैं. फिर भी कोई कोर्ट जाना चाहता है तो वो उसका हक है. सच्चाई जल्द ही सामने आ जाएगी.
कौन है बाबा राजिंदर कालिया
पंजाब में जन्मे कालिया का किशोरावस्था में बाइक से एक्सीडेंट हो गया था, जिसमें उसका पैर बुरी तरह टूट गया. डॉक्टरों ने बताया कि वह कभी अपने पैरों पर चल नहीं पाएगा. बाद में उसने दावा किया कि हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में स्थित बाबा बालक नाथ के मंदिर में जब वह गया, तब से अपने आप ठीक हो गया. वह बिना बैसाखी के चलने लगा. उसने इसे चमत्कार बताया और कहा, तभी से मेरी बाबा बालकनाथ में आस्था बढ़ी. वह जनवरी 1977 में ब्रिटेन चला गया. 1983 में कोवेंट्री में उसने कुछ जमीन खरीदी और पूजा-पाठ करने लगा. फिर 1986 में एक मंदिर की स्थापना की, जो सिद्ध बाबा बालक नाथ के नाम पर है. उसने इसी नाम से एक सोसाइटी भी रजिस्टर कराई है, जो ट्रस्ट चलाता है. कहा जाता है कि मंदिर में तीन बार लोगों को भोजन कराता है. लोग उसे गुरु कहकर पुकारते हैं.
FIRST PUBLISHED :
July 2, 2024, 20:40 IST