हाथरस हादसा: 5 सुलगते सवाल, पहला- लाशों की ढेर के बीच कहां गायब नारायण साकार?

2 days ago

हाइलाइट्स

हाथरस हादसे ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है.भगदड़ के दौरान 100 से ज्‍यादा लोगों की मौत हो गई. हाथरस पुलिस और प्रशासन पर कई सवाल उठ रहे हैं.

नई दिल्‍ली. हादरस में सतसंग के दौरान गई 100 से ज्‍यादा लोगों की मौत के मामले में परिजन अस्‍पताल से लेकर घटनास्‍थल के चक्‍कर लगाने में जुटे हैं. हर कोई लाशों के ढेर के बीच अपनों के बारे में जानकारी जुटाने में लगा है. पुलिस और प्रशासन की इस मामले में लापरवाही साफ तौर पर सामने आ रही है. घटना के बाद एकाएक पूरा सरकारी अमला एक्टिव हो गया है. इसी बीच कई ऐसे सुलगते सवाल हैं, जिनका जवाब अब तक नहीं मिल सका है. लोग इस मामले में किसी और पर नहीं बल्कि सीधे डीएम पर मुकदमा दर्ज करने की मांग कर रहे हैं. इस बीच पांच ऐसे सवाल हैं, जिसका जवाब उत्‍तर प्रदेश प्रशासन को हर हाल में देना होगा.

कहां है भोले बाबा नारायण साकार विश्‍व हरि’?
हादसे के बाद सबसे पहले यह सवाल उठता है कि हादसे के बाद कहा हैं ‘भोले बाबा नारायण साकार विश्‍व हरि’ जिसका प्रवचन सुनने के लिए इतनी संख्‍या में लोग पहुंचे थे. घटना के बाद से ही अब तक यह पता नहीं चल सका है कि बाबा आखिर हैं कहां. पुलिस उनकी तलाश कर रही है. बताया जा रहा है कि बाबा कासगंज जिले के नगर पंचायत पटियाली के एक गांव का रहने वाला बताया जा रहा है. कासगंज पुलिस गांव में बाबा के परिवार का पता लगा रही है.

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बिना इंतजाम के 1000 लोगों की इजाजत क्‍यों दी?
उत्‍तर प्रदेश प्रशासन से बाबा को केवल 1000 लोगों के बैठने की इजाजत मिली थी, लेकिन वहां काफी बड़ी संख्‍या में श्रद्धालु पहुंचे. ऐसे में सवाल यह सवाल उठता है कि बिना इंतजाम के इतनी बड़ी संख्‍या में लोगों के सतसंग के लिए प्रशासन कैसे मान गया.

हजार लोगों का आंकड़ा देने पर प्रशासन क्‍यों माना?
जानकारी सामने आ रही है कि बाबा की तरफ से हजारों लोगों के सतसंग में आने की बात कही गई थी. तय सीमा से ज्‍यादा लोग वहां पहुंच गए. यहां सवाल यह उठता है कि हजारों लोगों के आने की बात कबूलने के बावजूद प्रशासन इजाजत देने के लिए क्‍यों मान गया. पूरी जांच पड़ताल के बाद इजाजत क्‍यों नहीं दी गई.

भारी भीड़ उमड़ने के बावजूद प्रशासन क्‍यों अलर्ट नहीं हुआ?
घटनास्‍थान पर हाथरस पुलिस के 72 जवान मौजूद थे. फिर भी यह हादसा हुआ. तय सीमा से काफी ज्‍याद संख्‍या में लोगों की भीड़ सतसंग में पहुंची थी. यहां यह सवाल उठता है कि लोगों की लोगों की संख्‍या बढ़ने के बावजूद प्रशासन ने उसके मुताबिक इंतजाम क्‍यों नहीं किए. अगर वो अलर्ट होते तो हादसे को टाला जा सकता था.

बाबा पर पहले भी उल्‍लंघन के आरोप, एक्‍शन क्‍यों नहीं?
पुलिस की प्राथमिक जांच में यह सामने आया है कि ‘भोले बाबा नारायण साकार विश्‍व हरि’ पर पहले ही इसी तर्ज पर उल्‍लंघन के आरोप हैं, लेकिन इसके बावजूद कभी उनके खिलाफ एक्‍शन नहीं लिया गया. अगर समय रहते पुलिस और प्रशासन अलर्ट होता तो इतने लोगों की जान बचाई जा सकती थी.

FIRST PUBLISHED :

July 2, 2024, 20:13 IST

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