Last Updated:August 12, 2025, 13:09 IST
Bihar SIR Hearing: बिहार में चुनाव आयोग द्वारा जारी SIR विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है. इस मामले पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की बेंच सुनवाई कर रही है.

Bihar SIR Hearing: सुप्रीम कोर्ट में मंगलवार को कई महत्वपूर्ण और चर्चित मामलों पर सुनवाई होने वाली है. इसमें बिहार में जारी एसआईआर यानी कि विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सुनावई होनी है. इसके साथ अन्य राजनीतिक हस्तियों से लेकर संवैधानिक प्रावधानों को चुनौती देने वाली याचिकाएं सुनवाई होगी. बिहार एसआईआर पर तीन तरफा लड़ाई जारी है. विपक्ष-पक्ष के साथ-साथ इस लड़ाई में चुनाव आयोग भी है. जहां भाजपा और एनडीए गठबंधन विपक्ष पर चुनाव आयोग को धमकाने का आरोप लगा रही है. वहीं, चुनाव आयोग ने एसआईआर में किसी भी प्रकार की खामियों से इनकार किया है.
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाला बागची की अध्यक्षता वाली दो जजों की बेंच इस पर सुनवाई करेगी. वहीं, सुनवाई से पहले कोर्ट रूम जजों और वकीलों के बीच हल्का-फुलका अंदाज देखने को मिला. जब वकिलों ने जस्टिस सूर्यकांत से जल्दी सुनवाई की मांग की तो हल्के अंदाज में कहा- अरे भई थोड़ा इंतजार कीजिए, नए मामलों की सुनवाई के बाद हम इस पर विचार करेंगे. वहीं, जब एक अन्य वकील ने बिहार पंचायत चुनाव से संबंधित एक मामले का जिक्र किया तो जस्टिस सूर्यकांत ने मुसकुराते हुए कहा, हम सिर्फ बिहार में ही व्यस्त हैं.
सुप्रीम कोर्ट बिहार एसआईआर पर बहस
ऐसी प्रक्रिया सशर्त योजना के तहत अनुमत है या नहीं
सुप्रीम कोर्ट में बिहार एसआईआर पर बहस चल रही है. न्यायमूर्ति सूर्याकांत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं से पूछा कि हमें बताएं कि ऐसी प्रक्रिया जारी की जा सकती है या नहीं? अगर आप कहते हैं कि ऐसी प्रक्रिया सशर्त योजना के तहत अनुमत है, तो हम प्रक्रिया पर विचार करेंगे. अगर आप कहते हैं कि यह संविधान में ही नहीं है तो फिर उस हिसाब से. इसके जबाव में वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल शंकरनारायण ने कहा कि बड़े पैमाने पर बहिष्कार हुआ है. 65 लाख लोग बाहर हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बड़े पैमाने पर हटाया जाना तथ्यों और आंकड़ों पर निर्भर करेगा.
12 जीवित लोगों को मृत दिखाया गया है
कपिल सिब्बल ने कहा कि एक छोटे से निर्वाचन क्षेत्र में 12 लोग ऐसे हैं जिन्हें मृत दिखाया गया है, लेकिन वे जीवित हैं. बीएलओ ने कुछ नहीं किया है. वरिष्ठ अधिवक्ता राकेश द्विवेदी ने कहा कि यह तो बस एक ड्राफ्ट रोल है. इस पर सवाल करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि हमें आपसे पूछना है कि कितने लोगों की पहचान मृत के रूप में हुई है. आपके अधिकारियों ने जरूर कुछ काम किया होगा. इस पर वकील द्विवेदी ने कहा कि इतनी बड़ी प्रक्रिया में कुछ न कुछ त्रुटियां तो होंगी ही. लेकिन, मृत को जीवित कहना ठीक नहीं है और किसी नए आईए की ज़रूरत नहीं है.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 12, 2025, 11:56 IST