15 अगस्त पर मांस बिक्री पर बैन होना चाहिए या नहीं? दें अपनी राय

1 week ago

Last Updated:August 13, 2025, 15:10 IST

स्वतंत्रता दिवस पर मांस बिक्री पर लगे बैन को लेकर महाराष्ट्र से हैदराबाद तक विवाद छिड़ गया है. ओवैसी ने इसे लोगों की खान-पान की आजादी में दखल बताया, जबकि समर्थक इसे सांस्कृतिक परंपरा मान रहे हैं. सवाल है कि आप ...और पढ़ें

15 अगस्त पर मांस बिक्री पर बैन होना चाहिए या नहीं? दें अपनी रायस्वतंत्रता दिवस पर मांस बिक्री पर लगे बैन को लेकर महाराष्ट्र से हैदराबाद तक विवाद छिड़ गया है

Meat Ban on 15th August: 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस है. इस दिन देश के कई हिस्सों में मांस की बिक्री पर बैन लगाया गया है. महाराष्ट्र के ठाणे, कल्याण से लेकर नागपुर और हैदराबद तक में 15 अगस्त को मांस की बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा. इस वजह से अब इस मुद्दे पर सियासत भी शुरू हो गई है. महाराष्ट्र में जहां आदित्य ठाकरे और अजित पवार मांस बिक्री पर बैन के खिलाफ हैं, तो वहीं हैदराबाद में ओवैसी भी इसका विरोध कर रहे हैं. इसके अलावा, सोशल मीडिया पर लोग इस मीट बैन को लेकर दो धड़ों में बंट चुके हैं.

महाराष्ट्र के कई शहरों में आदेश लागू

महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने 15 और 20 अगस्त को मीट बिक्री और पशु वध पर रोक लगाई है. दरअसल, 15 अगस्त को गोपाल कृष्ण जन्माष्टमी और 20 अगस्त से जैन समुदाय कापर्युषण पर्व’ शुरू हो रहा है. इसलिए निगम ने चेतावनी दी है कि आदेश तोड़ने वाले के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, ठाणे जिले की कल्याण-डोंबिवली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन और मालेगांव म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ने भी 15 अगस्त को मीट शॉप्स बंद रखने का निर्देश जारी किया है.

हैदराबाद में भी मीट बिक्री पर बैन

यह विवाद सिर्फ महाराष्ट्र तक सीमित नहीं है. हैदराबाद में भी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर मांस बिक्री पर लगे बैन ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है. ग्रेटर हैदराबाद म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन (GHMC) ने 15 अगस्त को मीट शॉप्स और स्लॉटर हाउस बंद रखने का आदेश जारी किया है, जिसके बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है.

ओवैसी ने कहा – “हम क्या खाते हैं, यह हमारी आजादी का हिस्सा”

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस फैसले का कड़ा विरोध किया. उन्होंने कहा, हम क्या खाते हैं, यह हमारी आजादी का हिस्सा है. 15 अगस्त के दिन लोगों के खान-पान की पसंद पर पाबंदी क्यों लगाई जा रही है? उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर लिखा कि यह आदेश लोगों की स्वतंत्रता, निजता, आजीविका, संस्कृति, पोषण और धर्म के अधिकारों का उल्लंघन है. ओवैसी ने दावा किया कि तेलंगाना के 99% लोग मांसाहारी हैं, ऐसे में यह बैन उनकी व्यक्तिगत पसंद पर गैरजरूरी दखल है.

विरोध और समर्थन की बहस

ओवैसी का कहना है कि इस तरह के आदेश मीट कारोबार से जुड़े लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं और उनकी संस्कृति व खान-पान की स्वतंत्रता पर हमला करते हैं. वहीं, समर्थकों का मानना है कि राष्ट्रीय पर्व और धार्मिक अवसरों पर मांस बिक्री पर रोक लगाना एक सांस्कृतिक परंपरा और सामाजिक सौहार्द बनाए रखने का तरीका है.

अब सवाल यह है क्या 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व (जिस दिन श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भी है) पर मांस बिक्री पर बैन होना चाहिए? क्या यह परंपरा और सांस्कृतिक मूल्यों की रक्षा है, या फिर लोगों की व्यक्तिगत आजादी में हस्तक्षेप? आप इस पर कमेंट कर अपनी राय दें.

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First Published :

August 13, 2025, 14:01 IST

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