Last Updated:September 03, 2025, 13:43 IST
Hijacking of TWA Flight 847: आज हम आपको बताने जा रहे हैं TWA फ्लाइट 847 एक बोइंग 727 विमान हाईजैक के बारे में. इस हाइजैक में 17 दिन तक यात्रियों का अपहरण किया गया था.

14 जून 1985 को ट्रांस वर्ल्ड एयरलाइंस (TWA) की फ्लाइट 847 का अपहरण हुआ, यह कहानी उस समय की है जब मध्य पूर्व में तनाव और गृहयुद्ध चल रहा था. आइए, इस घटना को सरल तरीके से समझते हैं.
TWA फ्लाइट 847 एक बोइंग 727 विमान, जो काहिरा (मिस्र) से उड़ान भरकर एथेंस (ग्रीस) जा रहा था. यह विमान सैन डिएगो अमेरिका पहुंचने वाला था. जिसमें कई स्टॉप थे, जैसे एथेंस, रोम, बोस्टन और लॉस एंजिल्स. विमान में 153 यात्री और 8 स्टाफ मेंबर सवार थे. ज्यादातर यात्री अमेरिकी थे, जिनमें कुछ सैनिक भी शामिल थे.
उड़ान के कुछ ही समय बाद, जब विमान समुद्र के ऊपर था, दो हथियारबंद उठे और उन्होंने विमान पर कब्जा कर लिया. ये लोग लेबनान के हिजबुल्लाह संगठन से जुड़े थे. उनके पास पिस्तौल और हथगोले थे. उन्होंने पायलट जॉन टेस्टरेके को धमकी दी और विमान को बेरूत (लेबनान) ले जाने का आदेश दिया.
जेलों में बंद 700 से ज्यादा शिया कैदियों को रिहा करने की मांग
विमान को बेरूत हवाई अड्डे पर उतारा गया. उस समय लेबनान में गृहयुद्ध चल रहा था. अपहरणकर्ताओं ने अपनी मांग रखी: इजरायल की जेलों में बंद 700 से ज्यादा शिया कैदियों को रिहा किया जाए. ये कैदी इजरायल की सैन्य कार्रवाइयों में पकड़े गए थे. बेरूत में अपहरणकर्ताओं ने कुछ यात्रियों, जैसे महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया. लेकिन उन्होंने उन लोगों को अलग कर लिया, जिनके नाम यहूदी लग रहे थे या जो अमेरिकी सैनिक थे. इस दौरान एक तीसरा अपहरणकर्ता विमान में चढ़ा, जिससे स्थिति और खराब हो गई.
हमादेई ने दिया था पूरी घटना को अंजाम
इस पूरी घटना को अंजाम देने में सबसे बड़ा हाथ था, हमादेई और उसके दो सहयोगी हसन इज्ज-अल-दीन और अली अटवा का. मोहम्मद अली हमादेई (उर्फ अली हमादी और कास्त्रो) एक लेबनानी नागरिक था. ये आतंकवादी संगठन हिज़्बुल्लाह का सदस्य था.
हवाई अड्डे पर फेंकी लाश
बेरूत के बाद, अपहरणकर्ताओं ने विमान को अल्जियर्स (अल्जीरिया) ले जाने का आदेश दिया. वहां कुछ और यात्रियों को रिहा किया गया, लेकिन माहौल तनावपूर्ण रहा. अपहरणकर्ताओं ने धमकी दी कि अगर उनकी मांगें न मानी गईं, तो वे यात्रियों को मारना शुरू कर देंगे. अल्जियर्स में कुछ समय रुकने के बाद, विमान फिर से बेरूत लौट आया. बेरूत में स्थिति और खराब हुई. 15 जून को, अपहरणकर्ताओं ने एक अमेरिकी नौसैनिक रॉबर्ट स्टेटहम को गोली मार दी और उनकी लाश को हवाई अड्डे के रनवे पर फेंक दिया. यह घटना बहुत दुखद थी और इससे पूरी दुनिया में गुस्सा फैल गया. इसने अमेरिकी सरकार पर दबाव बढ़ा दिया कि वे इस संकट को जल्दी हल करें.
अपहरण के दौरान यात्रियों और चालक दल को बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा. विमान में खाना और पानी कम था. गर्मी की वजह से हालात और खराब थी. अपहरणकर्ता हथियार लहराकर यात्रियों को डराते और कई बार उन्होंने हिंसा की धमकी भी दी. बाद में, कुछ यात्रियों को विमान से उतारकर बेरूत में अलग-अलग जगहों पर ले जाया गया. उन्हें हिजबुल्लाह के ठिकानों पर रखा गया, जहां उनको प्रताड़ित किया गया.
17 दिन तक चला अपहरण
हालांकि, पायलट जॉन टेस्टरेके ने इस दौरान बहुत साहस दिखाया. उन्होंने अपहरणकर्ताओं से बातचीत की और यात्रियों को बचाने की पूरी कोशिश की. उनकी सूझबूझ ने कई बार स्थिति को और बिगड़ने से रोका. यह अपहरण 17 दिन तक चला. इस दौरान कई देशों की सरकारें इस संकट को हल करने में लगी रहीं. सीरिया के राष्ट्रपति हाफिज अल-असद ने हिजबुल्लाह पर दबाव डाला कि वे बंधकों को छोड़ दें.
आखिरकार, 30 जून 1985 को बाकी बंधकों को रिहा कर दिया गया. अपहरणकर्ताओं की सारी मांगें पूरी नहीं हुईं, लेकिन बाद में इजरायल ने कुछ शिया कैदियों को छोड़ा. रिहा किए गए बंधकों को सीरिया के दमिश्क ले जाया गया, जहां से उन्हें उनके देश भेजा गया.
हमादेई पर 14 नवंबर 1985 को अभियोग लगाया गया. सूचना देने वालों पर 250,000 डॉलर का इनाम रखा गया. जर्मनी सरकार ने मुकदमा चलाने का फैसला किया और 17 मई, 1989 को उसे हत्या, बंधक बनाने, हमला करने और अपहरण का दोषी ठहराया. हमादेई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. हालांकि, 15 दिसंबर, 2005 को उसे हिरासत से रिहा कर दिया गया और 16 दिसंबर, 2005 को वह बेरूत, लेबनान लौट गया था.
यामिनी सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. फिलहाल न्यूज18 में ये क्राइम सेक्शन को देख रही हैं. इन्हें देश (Nation) और विदेश () मामलों में भी गहरी रुचि है. खबरों से जुड़ी और जानकारी के लिए ...और पढ़ें
यामिनी सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. फिलहाल न्यूज18 में ये क्राइम सेक्शन को देख रही हैं. इन्हें देश (Nation) और विदेश () मामलों में भी गहरी रुचि है. खबरों से जुड़ी और जानकारी के लिए ...
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First Published :
September 03, 2025, 13:43 IST