19000 फीट की ऊंचाई...LAC पर जवानों की मौज, दुश्‍मनों पर रहेगी बाज जैसी नजर

1 week ago

Last Updated:August 11, 2025, 11:53 IST

India-China LAC News: भारत अपने बॉर्डर पर इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का लगातार विस्‍तार कर रहा है. चीन से लगती सीमा का का तकरीबन पूरा क्षेत्र काफी दुर्गम है. मौसम के तल्‍ख तेवर की वजह से यहां तैनात होने वाले जवानों को क...और पढ़ें

19000 फीट की ऊंचाई...LAC पर जवानों की मौज, दुश्‍मनों पर रहेगी बाज जैसी नजरचीन से लगते बॉर्डर पर जवानों के लिए खास मॉडर्न बॉर्डर आउटपोस्‍ट बनाने की प्‍लानिंग है. (फाइल फोटो/PTI)

India-China LAC News: दशकों के इंतज़ार के बाद भारत-चीन वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक तैनात भारतीय जवानों को अब ऐसे आधुनिक बॉर्डर आउटपोस्ट (BOP) मिलेंगे, जो माइनस 45 डिग्री सेल्सियस तक की कड़ाके की ठंड और 19,000 फीट की ऊंचाई पर भी टिके रह सकेंगे. सीएनएन-न्यूज़18 को मिले एक सरकारी दस्तावेज़ के अनुसार, इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (ITBP) ने अत्यधिक ठंडे और ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए नए BOP डिज़ाइन तैयार करने के लिए एक कंसल्टेंट को नियुक्त करने की योजना बनाई है. इस पर 1.25 करोड़ रुपये की लागत आएगी.

ITBP देश के सबसे दुर्गम और कठिन इलाकों में तैनात है, जहां कठोर मौसम और चुनौतीपूर्ण ज्‍योग्रफी के चलते ऐसी चौकियों की सख्‍त जरूरत है जो खराब मौसम में भी बरकरार रह सके और जवानों को दिक्‍कतों का सामना न करना पड़े. सरकारी डॉक्‍यूमेंट के मुताबिक, इन नए BOP का मुख्य उद्देश्य जवानों को कठिन परिस्थितियों में भी बेहतर और आरामदायक रहने की सुविधा उपलब्ध कराना है, जिससे उनकी ऑपरेशनल क्षमता, त्वरित तैनाती और समग्र मनोबल में वृद्धि हो.

बेहतर तकनीक का उपयोग

नए BOP में इंटीग्रेटेड हीटिंग, वेंटिलेशन और एयर-कंडीशनिंग (HVAC) सिस्टम होंगे. साथ ही सौर और पवन ऊर्जा जैसी नवीकरणीय ऊर्जा का इस्तेमाल किया जाएगा, ताकि जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम की जा सके. अधिकतर ITBP चौकियां समुद्र तल से 9,000 से 18,800 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं, जहां सर्दियों में तापमान -45°C तक गिर जाता है.

तेज निर्माण और नैचुरल इन्सुलेशन

डॉक्‍यूमेंट के अनुसार, सरकार ऐसी आधुनिक निर्माण तकनीक अपनाना चाहती है जो ऊंचाई वाले क्षेत्रों के लिए उपयुक्त हो और जिसका निर्माण तेज़ी से किया जा सके. इन चौकियों में भूमिगत बंकर और यूटिलिटी एरिया भी बनाए जाएंगे, जो नैचुरल इन्सुलेशन देंगे और भारी बर्फबारी तथा भूकंपीय गतिविधियों का सामना कर सकेंगे.

मौजूदा चुनौतियां, इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर पर फोकस

ITBP की चौकियां कंपनी और प्लाटून स्तर पर होती हैं, जिनकी अधिकृत क्षमता 128 और 40 जवान है. सर्दियों में पानी जम जाने की समस्या आम है. कई चौकियां सड़क से जुड़ी नहीं हैं और वहां तक जवानों और सामग्री की आपूर्ति केवल पैदल रास्तों से होती है. भारत ने 2017 के डोकलाम और 2020 के गलवान संघर्षों के बाद से LAC पर बुनियादी ढांचे को लगातार अपग्रेड किया है. नई योजना इसी प्रक्रिया का हिस्सा है, ताकि सीमा पर तैनात जवान कठिन मौसम और भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद पूरी क्षमता से देश की रक्षा कर सकें. यह पहल न केवल जवानों की सुरक्षा और आराम को बढ़ाएगी, बल्कि सीमा पर उनकी तैनाती को अधिक प्रभावी और टिकाऊ बनाएगी.

Location :

New Delhi,Delhi

First Published :

August 11, 2025, 11:50 IST

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