27 साल बाद कत्‍ल के राज से उठा पर्दा, जिसकी गवाही से मिली सजा, उसने ही कराया आजाद

17 hours ago

अमेरिका के मिनेसोटा में 27 साल पहले हुए एक हत्या के मामले में चौंकाने वाला घटना सामने आई. जहां ब्रायन हूपर सीनियर नाम के शख्स को 1998 में 77 वर्षीय ऐन प्राजनिएक की हत्या के आरोप में तीन उम्रकैद की सजा मिली थी. अब, जिस महिला की गवाही के आधार पर हूपर को दोषी ठहराया गया था, उसने खुद पुलिस के सामने कबूल किया है कि वही इस कत्ल की असली गुनहगार है.

गवाह बनी हत्यारी

हेनिपिन काउंटी की अटॉर्नी मैरी मोरियार्टी ने मंगलवार को कहा कि वह अदालत से हूपर की सजा को रद्द करने और उन्हें रिहा करने की सिफारिश करेंगी. मोरियार्टी ने हूपर की बेटी से माफी मांगते हुए कहा, “हम 27 साल वापस नहीं ला सकते, लेकिन उम्मीद है आज का कदम आपके पिता की रिहाई की शुरुआत है.” हत्या कबूल करने वाली महिला इस समय जॉर्जिया की जेल में एक हमले के मामले में सजा काट रही है और करीब चार साल बाद रिहा होने वाली है.

कैसे हुआ था कत्ल और छिपाया गया शव

अप्रैल 1998 में मिनियापोलिस स्थित ऐन प्राज़निएक के अपार्टमेंट में उनका शव एक गत्ते के डिब्बे में मिला था, जिसे क्रिसमस लाइट्स से लपेटा गया था. हाथ-पैर, मुंह और सिर बंधे थे, और शव कचरे के थैलों, कंबलों और बिस्तर में लिपटा था. जांच में मौत का कारण दम घुटना बताया गया था और अंदाज़ा था कि हत्या दो हफ्ते से एक महीने पहले हुई थी. हूपर पर हत्या, डकैती और अपहरण के तहत मुकदमा चला और उन्हें तीन उम्रकैद की सज़ा मिली.

निर्दोष साबित होने की उम्मीद

ग्रेट नॉर्थ इनोसेंस प्रोजेक्ट के वकीलों ने हूपर की रिहाई के लिए अदालत में याचिका दायर की है. अदालत के पास 90 दिन का समय है फैसला देने के लिए. हूपर की बेटी का कहना है कि उन्होंने 27 साल में जन्मदिन, त्योहार और कई अहम मौके खो दिए, लेकिन अब दूसरों के लिए भी लड़ाई जारी रखेंगे जो बेगुनाही के बावजूद जेल में हैं. वकील जिम मेयर ने कहा, “मजबूत न्याय प्रणाली वही है जो अपनी गलतियों को स्वीकार करे, उन्हें सुधारे और पीड़ित को न्याय दिलाए.”

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