Tier-2 tier-3 cities are next property hotspots: रियल एस्टेट के क्षेत्र में जल्दी ही टियर-2 और टियर-3 शहर मेट्रो शहरों को पीछे छोड़ने जा रहे हैं. प्रॉपर्टी बाजार अब एनसीआर से निकलकर अब इन शहरों में रफ्तार पकड़ रहा है, जिसका फायदा न केवल इन छोटे शहरों को हो रहा है बल्कि बेहद कम कीमत पर लोगों को लग्जरी सुविधाएं भी मिल रही हैं. हाल ही में आईं कई रियल एस्टेट रिपोर्ट बताती हैं कि लखनऊ, प्रयागराज, देहरादून, मोहाली और चंड़ीगढ़ जैसे शहर अब तेजी से निवेश के नए केंद्र के रूप में उभर रहे हैं. यहां प्रॉपर्टी कीमतें बड़े शहरों की तुलना में किफायती तो हैं ही यहां विकास की संभावनाएं भी कहीं ज्यादा हैं.
आज की तारीख में मेट्रो शहरों में जहां घर खरीदना आम खरीदार के लिए मुश्किल हो गया है, वहीं लखनऊ या देहरादून जैसे शहरों में वही बजट बेहतर सुविधाओं वाले बड़े घर दिला रहा है. इतना ही नहीं आकड़े बताते हैं कि आने वाले वर्षों में भारत के 100 से अधिक शहरों की आबादी 10 लाख से ऊपर होगी. ऐसे में टियर-टू और टियर थ्री शहर अब नई आर्थिक गतिविधियों और निवेश के केंद्र बनने जा रहे हैं.
अब मुंबई, गुरुग्राम नहीं बल्कि देहरादून, लखनऊ जैसे शहर लग्जरी प्रॉपर्टी का नया सेंटर बनते जा रहे हैं.
प्रॉपर्टी एनालिस्ट और एक्सपर्ट्स की मानें तो तीन बेडरूम वाला फ्लैट गुरुग्राम या मुंबई के पॉश इलाकों में करीब 3 करोड़ रुपये का है, वही लखनऊ या देहरादून में 70–80 लाख रुपये में उपलब्ध है. यही अंतर निवेशकों और पहली बार अपने सपनों का घर खरीदने वालों को इन शहरों की ओर आकर्षित कर रहा है.
यूपी में ये रोड बन रहे हैं रियल एस्टेट हॉटस्पॉट
यूपी में लखनऊ का गोमती नगर और रायबरेली रोड शहर का सबसे पसंदीदा रिहायशी और निवेश क्षेत्र बन चुका है. यहां मिड और प्रीमियम हाउसिंग प्रोजेक्ट्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है. गोमती नगर एक्सटेंशन में तेजी से विकसित होता शालीमार वन वर्ल्ड लखनऊ के रियल एस्टेट मानचित्र को नए स्तर पर ले जा रहा है. शालीमार वालेंसिया टावर्स, जो लखनऊ के गतिशील और तेजी से बदलते विकास परिदृश्य के बीच एक आदर्श जीवनशैली का प्रतीक बनकर उभर रहा है. वही, ओमैक्स ग्रुप भी लखनऊ में अपनी मजबूत मौजूदगी के लिए जाना जाता है. रायबरेली रोड के निकट अमर शहीद पथ पर स्थित ओमैक्स सिटी टाउनशिप, एक हाई-टेक टाउनशिप के रूप में, लग्जरी और आरामदायक जीवनशैली के लिए एक प्रमुख विकल्प के रूप में उभरकर आई है. यह सभी निकटवर्ती शहरों से बेहतरीन कनेक्टिविटी प्रदान करते हैं.
प्रयागराज का नैनी इलाका तेजी से औद्योगिक और शैक्षणिक केंद्र के रूप में विकसित हो रहा है. यहां ओमैक्स जैसे बड़े डेवलपर्स संगम सिटी जैसी टाउनशिप लाए हैं. वहीं, प्रयागराज में ही स्थित ओमैक्स आनंदा उन लोगों के लिए खास है जो शांत और सुकून भरे माहौल में रहना पसंद करते हैं. हरे-भरे बगीचों से घिरा यह प्रोजेक्ट शहर के प्रमुख स्थानों से बेहतरीन कनेक्टिविटी प्रदान करता है और आधुनिक सुविधाओं के साथ आरामदायक जीवन का अनुभव देता है.
देहरादून के राजपुर रोड और सहस्त्रधारा रोड जैसे इलाके लक्ज़री हाउसिंग के लिए तेजी से विकसित हो रहे हैं.यहां सिक्का किमाया ग्रीन्स जैसे रियल एस्टेट प्रोजेक्ट न केवल 2/3/4 बीएचके अपार्टमेंट दे रहे हैं, बल्कि पेंटहाउस के साथ आधुनिक सुविधाएं भी प्रदान कर रहे हैं. ऐसे में लग्जरी हाउसिंग और पेंटहाउस का जो ट्रेंड सिर्फ महानगरों में देखा जाता था, वह अब टियर-2 और टियर-3 शहरों में भी देखने को मिल रहा है.
अब चंडीगढ़, लखनऊ, मोहाली जैसे छोटे शहरों में बड़े हाउसिंग प्रोजेक्ट आ रहे हैं.
चंडीगढ़ जैसे शहरों में तो फिर भी विकास हुआ था लेकिन पिछले कुछ समय से मोहाली जैसे इलाके भी डेवलपर्स की पसंद बन रहे है. हाल ही में दिल्ली-एनसीआर आधारित वन ग्रुप डेवलपर्स ने मोहाली में अपना नया लो-राइज रेजिडेंशियल प्रोजेक्ट द क्लेरमोंट लॉन्च किया है.करीब 400 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में 27 टावर और 216 यूनिट्स (3 BHK इंडिपेंडेंट फ्लोर्स) शामिल हैं. जो यह बताता है कि अब छोटे शहरों में हाईराइज बिल्डिंग जमाना आ गया है.
एक्सप्रेसवे हैं इन शहरों की ताकत
टियर-2 और टियर-3 शहरों के विकास के पीछे सबसे बड़ी ताकत बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है. दिल्ली–मेरठ एक्सप्रेसवे, लखनऊ–बलिया एक्सप्रेसवे, दिल्ली–देहरादून एक्सप्रेसवे और औद्योगिक कॉरिडोर जैसी परियोजनाओं ने कनेक्टिविटी को नई ऊंचाई दी है. इससे न केवल बड़े शहरों पर दबाव कम हुआ है बल्कि छोटे शहरों के रियल एस्टेट बाजारों में भी नई जान आई है.
रिपोर्ट में भारत की रियल एस्टेट छलांग की भविष्यवाणी
कोलियर्स–सीआईआई की रिपोर्ट के अनुसार, भारत का रियल एस्टेट सेक्टर मौजूदा 300 अरब डॉलर से बढ़कर 2047 तक 5–10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, यानी लगभग 20 गुना वृद्धि हो सकती है. रिपोर्ट कहती है कि उस समय तक सेक्टर का जीडीपी में योगदान 7% से बढ़कर 14–20% तक हो जाएगा.
रिपोर्ट साफ संकेत देती है कि रियल एस्टेट भारत की अर्थव्यवस्था का मुख्य इंजन बनने की दिशा में है और इनमें टियर-2 और टियर-3 शहर आने वाले सालों में कमर्शियल, रेजिडेंशियल और रिटेल, तीनों ही सेगमेंट में मजबूती से नेतृत्व करते नजर आएंगे.
निवेश का सही समय अब
वर्तमान में लखनऊ, प्रयागराज, देहरादून, मोहाली और चंड़ीगढ़ जैसे शहरों में प्रॉपर्टी की कीमतें अब भी निवेश के लिहाज से आकर्षक हैं. विशेषज्ञों की मानें तो अगले 10–15 वर्षों में इन इलाकों की कीमतें कई गुना तक बढ़ सकती हैं. बढ़ता इंफ्रास्ट्रक्चर, किफायती कीमतें और बेहतर रिटर्न की संभावनाएं इन शहरों को निवेशकों के लिए ‘स्मार्ट चॉइस’ बना रही हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि भारत की रियल एस्टेट कहानी का अगला अध्याय मेट्रो शहरों में नहीं, बल्कि लखनऊ, प्रयागराज, देहरादून और मोहाली जैसे उभरते शहरों में लिखा जाएगा. यहां अब सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं.
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1 hour ago
