Last Updated:December 23, 2025, 14:49 IST
दिल्ली उच्च न्यायालय ने सैयद सलाहुद्दीन के बेटों शाहिद यूसुफ और सैयद अहमद शकील की आतंकी फंडिंग मामले में याचिका खारिज की, एनआईए ने दोनों को गिरफ्तार किया था.
आरोपियों ने 2021 में उनके खिलाफ आरोप तय करने संबंधी अदालत के आदेश को चुनौती दी थी.नयी दिल्ली. दिल्ली उच्च न्यायालय ने हिजबुल मुजाहिदीन के प्रमुख सैयद सलाहुद्दीन के दो बेटों और अन्य पर आतंकी फंडिंग मामले में लगाए गए आरोपों को चुनौती देने वाली उनकी याचिकाओं को मंगलवार को खारिज कर दिया.न्यायमूर्ति विवेक चौधरी और न्यायमूर्ति मनोज जैन की पीठ ने अपील सुनवाई योग्य न होने के आधार पर खारिज कर दीं. आरोपियों ने 2021 में उनके खिलाफ आरोप तय करने संबंधी अधीनस्थ अदालत के आदेश को चुनौती दी थी.
राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के अनुसार यह मामला पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों द्वारा हवाला चैनलों के माध्यम से जम्मू कश्मीर में धन हस्तांतरण से संबंधित है और इसकी साजिश भारत में मौजूद कुछ लोगों के साथ मिलकर रची गई जिसका उद्देश्य जम्मू कश्मीर में अलगाववादी और आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देना और उन्हें फंडिंग करना था.
सलाहुद्दीन के बेटे शाहिद यूसुफ को अक्टूबर 2017 में गिरफ्तार किया गया था, जबकि उसके दूसरे बेटे सैयद अहमद शकील को 2011 में दर्ज आतंकी फाइनेंस मामले में 30 अगस्त 2018 को एनआईए ने श्रीनगर स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया था. एनआईए ने कहा था कि यूसुफ को विदेश से हिजबुल मुजाहिदीन से धन प्राप्त करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और 2018 में उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था.
एनआईए ने कहा कि शकील ने कथित तौर पर फरार आरोपी एजाज अहमद भट से ‘वेस्टर्न यूनियन’ के माध्यम से पैसे प्राप्त किए थे.अमेरिका द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित सलाहुद्दीन, हिजबुल मुजाहिदीन का स्वघोषित कमांडर है.
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Sharad Pandeyविशेष संवाददाता
करीब 20 साल का पत्रकारिता का अनुभव है. नेटवर्क 18 से जुड़ने से पहले कई अखबारों के नेशनल ब्यूरो में काम कर चुके हैं. रेलवे, एविएशन, रोड ट्रांसपोर्ट और एग्रीकल्चर जैसी महत्वपूर्ण बीट्स पर रिपोर्टिंग की. कैंब्रिज...और पढ़ें
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New Delhi,New Delhi,Delhi
First Published :
December 23, 2025, 14:49 IST

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