Last Updated:June 20, 2025, 12:33 IST
केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से काला जादू और टोने-टोटके के खिलाफ कानून बनाने पर रुख स्पष्ट करने को कहा है. याचिका केरल युक्तिवादी संघम ने दायर की थी. अगली सुनवाई 24 जून को होगी.

केरल हाईकोर्ट ने काला जादू पर कानून को लेकर सरकार से सवाल पूछा.
Kerala News: केरल हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि काला जादू और टोने-टोटके जैसी बुरी प्रथाओं के खिलाफ कानून बनाने को लेकर क्या कर रहे हैं. यह सवाल एक याचिका की सुनवाई के दौरान उठा, जिसे केरल युक्तिवादी संघम नामक संगठन ने दायर किया था. इस संगठन ने 2022 में कोर्ट से ऐसी प्रथाओं के खिलाफ कानून बनाने की मांग की थी.
अक्टूबर 2022 में, केरल सरकार ने कोर्ट को बताया था कि वह इस तरह का कानून बनाने पर विचार कर रही है. लेकिन जून 2023 में याचिका खारिज हो गई, क्योंकि याचिकाकर्ता की ओर से कोई प्रतिनिधि कोर्ट में मौजूद नहीं था. बाद में याचिका को बहाल कर दिया गया. 3 जून 2025 को, मुख्य न्यायाधीश नितिन जामदार और जस्टिस बसंत बालाजी की खंडपीठ ने सरकार को एक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया. इसमें सरकार को अपने पिछले रुख, यानी काला जादू विरोधी कानून पर विचार, को स्पष्ट करने को कहा गया. मामले की अगली सुनवाई 24 जून को होगी.
युक्तिवादी संघम ने अपनी याचिका में कहा कि 2019 में जस्टिस (रिटायर्ड) के.टी. थॉमस की अध्यक्षता में बने लॉ रिफॉर्म्स कमीशन ने एक विस्तृत रिपोर्ट दी थी. इस रिपोर्ट में सामाजिक बदलावों के आधार पर केरल प्रिवेंशन एंड इरैडिकेशन ऑफ इनह्यूमन एविल प्रैक्टिसेज, सॉर्सरी एंड ब्लैक मैजिक बिल-2019 की सिफारिश की गई थी. संगठन का दावा है कि सरकार ने अभी तक इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया.
यह याचिका 2022 में पथानमथिट्टा जिले में दो महिलाओं की बलि की घटना के बाद दायर की गई थी. इस घटना में तीन लोगों, जिनमें एक दंपति शामिल था, ने रस्मी मानव बलि दी थी. याचिका में कहा गया कि महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों ने पहले ही काला जादू और टोने-टोटके के खिलाफ कानून बना लिए हैं.
संगठन ने यह भी मांग की कि फिल्मों, ओटीटी प्लेटफॉर्म्स, टीवी सीरियल्स और यूट्यूब पर दिखाए जाने वाले अंधविश्वास, काला जादू और टोने-टोटके से संबंधित कंटेंट को गैरकानूनी घोषित किया जाए. हालांकि, अच्छे इरादों और कलात्मक मूल्यों वाली सामग्री को इससे छूट दी जा सकती है.
केरल में अंधविश्वास और काला जादू से जुड़ी घटनाएं चिंता का विषय रही हैं. पथानमथिट्टा की घटना ने समाज में अंधविश्वास की गहरी जड़ों को उजागर किया था. युक्तिवादी संघम का कहना है कि ऐसे कानून की कमी के कारण लोग अंधविश्वास के शिकार हो रहे हैं.
कोर्ट का यह कदम सरकार को जवाबदेही तय करने की दिशा में महत्वपूर्ण है. अगर यह कानून बनता है, तो केरल में काला जादू और टोने-टोटके जैसी प्रथाओं पर रोक लग सकती है. इससे समाज में वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा मिलेगा. लोग अब कोर्ट के फैसले और सरकार के हलफनामे का इंतजार कर रहे हैं.
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...और पढ़ें
दीप राज दीपक 2022 में न्यूज़18 से जुड़े. वर्तमान में होम पेज पर कार्यरत. राजनीति और समसामयिक मामलों, सामाजिक, विज्ञान, शोध और वायरल खबरों में रुचि. क्रिकेट और मनोरंजन जगत की खबरों में भी दिलचस्पी. बनारस हिंदू व...
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Location :
Thiruvananthapuram,Kerala