Last Updated:October 22, 2025, 11:01 IST
6th Gen Fighter Jets: भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने 6th जेनरेशन फाइटर जेट्स पर मंथन शुरू कर दी है. वायुसेना को चिंता इस बात की है कि पांचवीं पीढ़ी के विमानों की तरफ वैसे भी 25 साल की देरी से कदम उठाए गए हैं, ऐसे में कहीं अब छठी पीढ़ी विमान की दिशा में यह चूक कहीं भारी न पड़ जाए.

अमेरिका, रूस, चीन जैसे देश पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमानों (5th Gen Fighter Jets) को तेजी से विकसित करने में जुटे हैं. भारत ने भी AMCA प्रोग्राम के जरिये 5th Gen लड़ाकू विमानों की राह में कदम बढ़ा दिए हैं. हालांकि इंडियन एयरफोर्स को पांचवी पीढ़ी का लड़ाकू विमान मिलने में अभी 8 से 10 साल लग सकते हैं. ऐसे में वायुसेना के अधिकारियों ने 6th जेनरेशन फाइटर जेट्स पर ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशंस की शुरुआत कर दी है. डीप स्कार्ट टेक्नोलॉजी, मैनड-अनमैन टीमिंग, लेजर हथियार व स्मार्ट स्टील्थ स्किन्स जैसी उड़ान भरने योग्य आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए वायुसेना अपनी रणनीति तैयार करने में जुटी है.
दरअसल वायुसेना को चिंता इस बात की है कि पांचवीं पीढ़ी के विमानों की तरफ वैसे भी 25 साल की देरी से कदम उठाए गए हैं, ऐसे में कहीं अब छठी पीढ़ी विमान की दिशा में यह चूक कहीं भारी न पड़ जाए.
US, चीन, रूस के बना रहे कौन से 6th Gen फाइटर जेट
6th Gen फाइटर जेट बनाने की दिशा में अमेरिका, चीन और यूरोप पहले से ही कदम बढ़ा चुके हैं. अमेरिका का NGAD (Next Generation Air Dominance) प्रोग्राम, चीन का FC-31 डेरीवेटिव, और रूस का पीएके डीपी प्रोजेक्ट पहले से ही उन्नत चरण में हैं. इन देशों ने 5th जेनरेशन जेट्स को सफलतापूर्वक बनाने के बनाने के बाद अब 6th जेनरेशन पर फोकस कर रहे हैं.
वहीं भारतीय वायुसेना का मानना है कि 5वें जनरेशन के विमानों के विकास में भारत पहले ही पिछड़ गया था. ऐसे में छठी पीढ़ी के विमानों के मामले में अब वही भूल दोबारा नहीं होनी चाहिए. रक्षा मामले से जुड़ी वेबसाइट IDRW के मुताबिक, एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने हाल ही में एक रक्षा सम्मेलन में कहा, ‘जब 5th-gen प्लेटफॉर्म्स 25 साल पहले शुरू हुए थे, तो हम अब फिर 25 साल इंतज़ार नहीं कर सकते.’
इस बार IAF ने लंबी अवधि की रूपरेखा बनाई है. पहले भारत का स्वदेशी 5th-Gen स्टील्थ लड़ाकू विमान AMCA का प्रोटोटाइप उड़ान भरेगा, जिसका परीक्षण 2028 तक तय है. और फिर उसके बाद उसी तकनीक पर आधारित 6th-Gen फाइटर जेट के लिए शोध और विकास का चरण शुरू किया जाएगा.
6th-Gen विमानों में क्या-क्या खूबियां
इसमें ऐसे विमान बनाए जाएंगे जो बिना पायलट के ही उड़ान भर सकें. इसके अलावा इसमें ‘स्मार्ट स्किन’ (बाहरी परत) लगा होगा, जो इसकी स्टील्थ शक्ति देगा यानी रडार से ओझल हो जाने की ताकत… फिर इसमें लेजर बेस्ड एयर डिफेंस सिस्टम लगे होंगे, जो छोटे ड्रोन से लेकर बड़े मिसाइलों को भी मार गिराने में सक्षम होंगे. स्वदेशी इंजन व क्लीन एनर्जी से चलने वाले ये फाइटर जेट्स बेहद हाईटेक एयर डिफेंस सिस्टम से भी लैस होंगे.
6th जेन की राह में कितने रोड़े?
विश्लेषकों के मुताबिक, इस निर्णय से भारत ने यह संकेत दिया है कि वह अब फाइटर जेट के मामले में दूसरे देशों पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि स्वदेशी अनुसंधान-उन्नति के सहारे आगे बढ़ेगा. ‘हम पिछली चूक नहीं दोहराएंगे…’ यही IAF की नई लकीर है.
यह रणनीतिक बदलाव सिर्फ रक्षा-उद्योग तक सीमित नहीं है; यह राष्ट्र की संप्रभुता, प्रौद्योगिकी स्वावलंबन और क्षेत्रीय संतुलन के लिए भी अहम है. अगर भारत 6th-Gen जेट सफलतापूर्वक विकसित कर लेता है, तो यह न सिर्फ दक्षिण एशिया बल्कि आसपास के देशों के मुकाबले भी अहम होगा.
वैसे 6th जेन फाइटर जेट की राह में भी बड़ी चुनौतियां हैं. इस मिशन के लिए फंडिंग, डेडलाइन और टेक्नॉलजी डील की जटिलताएं राह में बड़ा रोड़ा बन सकती है. लेकिन वायुसेना का दावा है कि घूमने-फिरने के बजाय अब सीधा भविष्य की ओर दौड़ना है.
An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
October 22, 2025, 11:01 IST