CBSE बोर्ड में शामिल 100 स्कूलों में 5000 शिक्षकों का चयन कैसे होगा?

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Last Updated:December 17, 2025, 11:51 IST

हिमाचल में गुणवत्ता बढ़ाने के लिए सीएम सुक्खू ने लिया फैसला, कैबिनेट में लगेगी मुहर, अब तक 83 स्कूल सीबीएसई से संबंद्ध हुए, शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने और छात्रों को आधुनिक शिक्षा के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से 100 स्कूलों को सीबीएसई से संबंद्ध किया जाएगा, इसके लिए शिक्षकों का अलग से सब-कैडर बनाया जाएगा.

CBSE बोर्ड में शामिल 100 स्कूलों में 5000 शिक्षकों का चयन कैसे होगा?सीबीएसई बोर्ड में संबद्धता वाले सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को देनी पड़ेगी परीक्षा, टेस्ट पास करने वाले शिक्षकों को ही इन स्कूलों में मिलेगी नियुक्ति, करीब 5 हजार की होगी ट्रांसफर

शिमला. हिमाचल प्रदेश में अब सीबीएसई बोर्ड में संबद्धता वाले सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए शिक्षकों को परीक्षा देनी पड़ेगी. टेस्ट पास करने वाले शिक्षकों को ही इन स्कूलों में नियुक्ति दी जाएगी. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 100 सरकारी स्कूलों को सीबीएसई बोर्ड से एफिलेट करने का फैसला किया है और इसके लिए प्रकिया जारी है.

शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश में अब तक 83 स्कूल सीबीएसई से संबंद्ध हो चुके हैं और शेष स्कूलों को इस माह के अंत तक जोड़ा जाएगा. इन स्कूलों में गुणवत्ता बनाए रखने और सीबीएसई के स्टैंडर्ड से मैच करने के लिए शिक्षकों की परीक्षा ली जाएगी.

जानकारी के अनुसार, सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने ये फैसला लिया है कि इन स्कूलों परीक्षा उतीर्ण करने वाले शिक्षकों को ही नियुक्ति दी जाएगी. इस परीक्षा का आयोजन हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड करेगा और फरवरी माह में ये परीक्षा आयोजित की जा सकती है. इस फैसले पर कैबिनेट बैठक में चर्चा होगी और अंतिम मुहर भी मंत्रिमंडल ही लगाएगा. सीबीएसई से जुड़ने वाले स्कूलों के लिए शिक्षकों का अलग से सब-कैडर भी बनाया जाएगा. टेस्ट के माध्यम से ही प्रिसिंपल, टीचर और नॉन टीचिंग स्टाफ की नियुक्ति की जाएगी.

शिक्षकों के एकेडमिक एक्सिलेंस के अलावा को-करिकुलर एक्टिविटी में योगदान को भी चयन का आधार बनाया जाएगा. परीक्षा होने के बाद करीब 5 हजार शिक्षकों और गैर-शिक्षकों के तबादले हो सकते हैं. हालांकि शिक्षकों को मौजूदा कैडर या सब कैडर चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा. अगर परीक्षा आयोजित होती है तो सबसे ज्यादा परेशानी शहरी क्षेत्रों में कई सालों से डटे रसूख वाले शिक्षकों को हो सकती है. शहरी इलाकों में ऐसे शिक्षकों की भरमार है जो राजनीतिक पहुंच के साथ-साथ प्रशासनिक पहुंच भी रखते हैं और हमेशा अपनी पंसद के स्टेशन पर ही नौकरी करते हैं. अगर ऐसे शिक्षक परीक्षा पास नहीं कर पाए तो उनकी ट्रांसफर होना तय है.

शिक्षा को बेहतर बनाने की पहल

ये बताते चलें कि सरकार की मंशा है कि शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने और छात्रों को आधुनिक शिक्षा के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से 100 स्कूलों को सीबीएसई से संबंद्ध करने का फैसला लिया गया है. नए शैक्षिणक सत्र से ये स्कूल शुरू होंगे.

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Vinod Kumar Katwal

Vinod Kumar Katwal, a Season journalist with 14 years of experience across print and digital media. I have worked with some of India’s most respected news organizations, including Dainik Bhaskar, IANS, Punjab K...और पढ़ें

Location :

Shimla,Shimla,Himachal Pradesh

First Published :

December 17, 2025, 11:51 IST

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