CM बोले- सोनम पर पुख्‍ता सबूत, पुलिस ने कबूला भूमिका स्पष्ट नहीं, कातिल कौन?

2 weeks ago

Last Updated:June 11, 2025, 18:58 IST

Sonam Raghuvanshi News: हनीमून पर पति राजा रघुवंशी की हत्‍या में पत्‍नी सोनम रघुवंशी की भूमिका का मामला उलझता नजर आ रहा है. मेघालय के सीएम ने पुख्ता सबूत होने का दावा किया था, जबकि शिलांग पुलिस ने आज संलिप्तता ...और पढ़ें

CM बोले- सोनम पर पुख्‍ता सबूत, पुलिस ने कबूला भूमिका स्पष्ट नहीं, कातिल कौन?

सीएम और पुलिस के अलग-अलग सुर. (News18)

हाइलाइट्स

मेघालय सीएम ने सोनम के खिलाफ पुख्ता सबूत होने का दावा किया.शिलांग पुलिस ने सोनम की संलिप्तता स्पष्ट नहीं होने की बात कही.जांच प्रक्रिया पर सवाल उठे, केस की निष्पक्षता प्रभावित.

Sonam Raghuvanshi News: शादी के तुरंत बाद इंदौर से पति राजा रघुवंशी के साथ हनीमून पर मेघालय आई सोनम रघुवंशी का मामला उलझता नजर आ रहा है. एक दिन पहले ही मेघालय के सीएम कॉनराड संगमा यह दावा किया था कि सोनम रघुवंशी के खिलाफ इतने पुख्ता सबूत हैं कि अब वह नहीं बच सकती. अभी उन्‍हें दावा किया 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि इस मामले को शिलांग पुलिस के बयान ने और उलझा दिया. मामले की जांच कर रहे शिलांग के ईस्ट खासी हिल्स के एसपी विवेक सिएम ने साफ कहा कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि सोनम की संलिप्तता कत्ल में है भी या नहीं.

इस विरोधाभास ने न केवल आम जनता बल्कि जांच प्रक्रिया पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. सवाल यह उठता है कि क्या मुख्यमंत्री का बयान एक राजनीतिक दबाव में दिया गया पूर्वानुमान था या फिर पुलिस जानबूझकर तथ्यों को संभालकर सामने ला रही है? यह भी संभव है कि मुख्यमंत्री को ऐसे इनपुट मिले हों जो सार्वजनिक रूप से अभी साझा नहीं किए जा सकते, जबकि पुलिस जांच की प्रक्रिया को तकनीकी और कानूनी दायरे में रखते हुए संभलकर बयान दे रही हो.

क्‍या सोनम के खिलाफ circumstantial evidence?

एक और दिलचस्प पहलू यह है कि मुख्यमंत्री की ओर से “पुख्‍ता सबूत” की बात कही गई थी, लेकिन पुलिस अब भी “संलिप्तता स्पष्ट नहीं” कह रही है. इससे यह सवाल भी उठता है कि क्या जांच एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी है या फिर मीडिया और जनता की धारणा को दिशा देने की कोशिश की जा रही है? मौजूदा वक्‍त में उपलब्ध सूचनाओं से लगता है कि सोनम रघुवंशी संदिग्धों की सूची में तो शामिल है, लेकिन वह अभी ‘अभियुक्त’ की स्थिति में नहीं लाई गई है. हालांकि बतौर आरोपी ही उसे इस केस में अरेस्‍ट किया गया है. जांच एजेंसियों के पास संभवतः सोनम रघुवंशी के खिलाफ परिस्थितिजन्य सबूत यानी circumstantial evidence हैं, लेकिन कोई ठोस फोरेंसिक या प्रत्यक्ष साक्ष्य अभी तक सार्वजनिक नहीं किया गया है.

क्‍या कहता है कानून?

कानून की दृष्टि से देखें तो सिर्फ शक के आधार पर किसी को दोषी नहीं ठहराया जा सकता. यह जरूरी है कि जांच पूरी तरह निष्पक्ष और तथ्य आधारित हो. अगर सोनम रघुवंशी निर्दोष है तो उसे जल्द राहत मिले और अगर वो दोषी है तो कानून के दायरे में लाया जाए. हालांकि किसी भी स्थिति में पूर्व-निर्णय या राजनीतिक बयानबाजी से केस की निष्पक्षता प्रभावित नहीं होनी चाहिए. सोनम रघुवंशी केस अब महज एक आपराधिक जांच का मामला नहीं है. यह एक सिस्टम के संतुलन और विश्वसनीयता की परीक्षा बन चुका है. जहां पुलिस, राजनीति दल ही नहीं पब्लिक परसेप्शन की भूमिका गहराई से जुड़ी है.

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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