भक्ति के नाम पर सालों बनाया लोगों को मूर्ख, 11 साल बाद यूं हुआ मिलन

5 hours ago

Last Updated:June 27, 2025, 17:19 IST

गुजरात में यौन शोषण के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा नारायण साई गुजरात हाईकोर्ट से पांच दिन की पेरोल लेकर जोधपुर पहुंचा है. नारायण साई के पिता आसाराम और नारायण साई, दोनों बाप-बेटा यौन शोषण के मामले में...और पढ़ें

भक्ति के नाम पर सालों बनाया लोगों को मूर्ख, 11  साल बाद यूं हुआ मिलन

कोर्ट ने मानवीय आधार पर दी पांच दिन की पेरोल (इमेज- फाइल फोटो)

जोधपुर में 26 जून को एक ऐसी घटना घटी, जिसने ना केवल स्थानीय लोगों, बल्कि पूरे देश का ध्यान खींचा. स्वयंभू बाबा आसाराम बापू और उनके बेटे नारायण साई, जो यौन शोषण के मामलों में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं, 11 साल बाद एक-दूसरे से मिले. यह मुलाकात जोधपुर के पाल रोड स्थित आसाराम के आश्रम में हुई, जहां आसाराम पिछले पांच महीनों से स्वास्थ्य कारणों से अंतरिम जमानत पर इलाज करवा रहे हैं. गुजरात हाईकोर्ट ने नारायण साई को अपने 86 वर्षीय बीमार पिता से मिलने के लिए मानवीय आधार पर 5 दिन की अस्थायी जमानत दी थी.

नारायण साई, जो सूरत की लाजपोर सेंट्रल जेल में 2013 से यौन शोषण के एक मामले में सजा काट रहा है, ने गुजरात हाईकोर्ट में याचिका दायर कर अपने पिता आसाराम से मिलने की इच्छा जताई थी. आसाराम जोधपुर सेंट्रल जेल में 2013 में एक नाबालिग के यौन शोषण के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. इसके अलावा, 2023 में गांधीनगर की एक अदालत ने भी एक महिला शिष्या के साथ 2001 से 2007 के बीच यौन शोषण के मामले में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. नारायण साई को भी 2019 में सूरत की सत्र अदालत ने 2002 से 2005 के बीच एक महिला भक्त के साथ बार-बार बलात्कार, अप्राकृतिक यौन संबंध और आपराधिक साजिश के लिए आजीवन कारावास की सजा दी थी.

गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस इलेस जे. वोरा और जस्टिस पी.एम. रावल की खंडपीठ ने 20 जून 2025 को नारायण साई की याचिका पर सुनवाई की. नारायण के वकील ने तर्क दिया कि आसाराम की उम्र 86 साल है और वे कई गंभीर बीमारियों, जैसे हृदय रोग, डायबिटीज और हाइपोथायरायडिज्म से पीड़ित है. हाल ही में उसे जोधपुर के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में भर्ती किया गया था और उनकी हालत स्थिर नहीं है. वकील ने यह भी कहा कि नारायण ने 11 साल से अपने पिता से मुलाकात नहीं की है. राज्य सरकार और पीड़िता के वकील ने इस याचिका का विरोध किया, यह दावा करते हुए कि नारायण के बड़े अनुयायी समूह के कारण कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती है. पहले भी, 2022 में, नारायण ने अपनी मां की बीमारी के लिए जाली दस्तावेज प्रस्तुत कर जमानत मांगी थी, जिसके लिए कोर्ट ने उस पर 1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था.

हालांकि, कोर्ट ने मानवीय आधार पर नारायण को 5 दिन की पैरोल देने का फैसला किया. कोर्ट ने शर्त रखी कि नारायण को सूरत से जोधपुर तक हवाई मार्ग से पुलिस निगरानी में लाया जाएगा और यात्रा का खर्च (5 लाख रुपये) उसे ही वहन करना होगा. इसके अलावा, मुलाकात के दौरान कोई अन्य व्यक्ति, जैसे उसकी मां या बहन, मौजूद नहीं होगा और नारायण को अपने अनुयायियों से सामूहिक रूप से मिलने की अनुमति नहीं होगी. 26 जून की सुबह, नारायण साई कड़ी सुरक्षा के साथ जोधपुर पहुंचा था. वो पहले एक होटल में रुका और फिर पाल रोड स्थित आसाराम के आश्रम में अपने पिता से मिलने गया. इस मुलाकात के दौरान दोनों भावुक नजर आए.

Sandhya Kumari

न्यूज 18 में बतौर सीनियर सब एडिटर काम कर रही हूं. रीजनल सेक्शन के तहत राज्यों में हो रही उन घटनाओं से आपको रूबरू करवाना मकसद है, जिसे सोशल मीडिया पर पसंद किया जा रहा है. ताकि कोई वायरल कंटेंट आपसे छूट ना जाए.

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Location :

Jodhpur,Rajasthan

homerajasthan

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