Pakistan-Bangladesh Relations: पाकिस्तान की आतंकी सेना के चीफ आसिम मुनीर और बांग्लादेश की भारत विरोधी सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ये दोनों भारत विरोधी चेहरे और करीब आने की डील कर रहे हैं ताकि 2026 को भारत के खिलाफ साजिशों का साल बना सकें. पिछले 48 घंटों में इस डील से जुड़े कई अपडेट सामने आए. पाकिस्तान और बांग्लादेश की तरफ से कई हाईप्रोफाइल बयान भी दिए गए, जिसमें भविष्य की साजिशों के संकेत छिपे हैं. 48 घंटे के अंदर पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने बांग्लादेश नीति पर बड़ा खुलासा किया और ढाका में पाकिस्तान के राजदूत ने बांग्लादेश सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की. इस मुलाकात के दौरान पाकिस्तान के हाई कमिश्नर ने यूनुस को मुनीर का संदेश दिया है. इन दोनों घटनाओं से पाकिस्तान और बांग्लादेश की 2026 वाली साजिशों का रोडमैप सामने आ गया है. आज आपको भी जानना चाहिए कि मोहम्मद यूनुस को मुनीर ने क्या संदेश भिजवाया. भारत में आतंकवाद वाली साजिश को बढ़ावा देने का मुनीर और यूनुस ने क्या प्लान बनाया है और उसे किस तरह हास्यास्पद व्यापार और सहयोग के परदे के पीछे छिपाने की कोशिश हो रही है. आज आपको ये भी समझना चाहिए पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारत के खिलाफ साजिश का मुनीर प्लान कैसे आउट कर दिया.
पाकिस्तान-बांग्लादेश के बीच डील
सबसे पहले आप समझिए पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच किस तरह जमीन से आसमान तक डील की जा रही है और इनमें से कौन सी डील भारत के लिए सबसे खतरनाक है. पाकिस्तान के राजदूत ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की इसके बाद बांग्लादेश की तरफ से एक स्टेटमेंट जारी करके इस डील की जानकारी दी गई. इसमें बताया गया कि बांग्लादेश और पाकिस्तान व्यापार में पिछले साल की तुलना में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. साथ ही ढाका–कराची के बीच डायरेक्ट फ्लाइट जनवरी से शुरू होने की उम्मीद है. इसके अलावा दोनों देशों के कारोबारी नए निवेश और जॉइंट वेंचर की तलाश कर रहे हैं. जरा सोचिए जिस पाकिस्तान के ऊपर 236 अरब डॉलर का कर्ज है, जो पाकिस्तान अब तक 24 बार IMF के पास जाकर विश्व रिकॉर्ड बना चुका है. हर 3 साल में जिस देश में आर्थिक इमरजेंसी लग जाती है, जो निवेश के लिए दूसरे मुल्कों के सामने गिड़गिड़ाता रहता है. वो बांग्लादेश में निवेश करने की डील कर रहा है.
इन सेक्टर पर करेंगे डील
पाकिस्तान किडनी-लिवर ट्रांसप्लांट के क्षेत्र में बांग्लादेश को ट्रेनिंग देना चाहता है और बांग्लादेश के मरीजों का इलाज करना चाहता है जबकि पाकिस्तान में हर साल 15 हजार लोग किडनी ट्रांस्प्लांट नहीं होने पर वक्त से पहले मर जाते हैं.पाकिस्तान में प्रति वर्ष लगभग 8 से 10 हजार लोगों को लिवर ट्रांस्प्लांट की जरूरत होती है, लेकिन पाकिस्तान में 90 फीसदी से ज्यादा लोगों का लीवर ट्रांस्प्लांट नहीं हो पाता यानि 9 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है और अब पाकिस्तान बांग्लादेश के मरीजों को लीवर ट्रांसप्लांट के लिए अपने देश में बुलाना चाहता है. पाकिस्तान ने ऑफर दिया है कि बांग्लादेश के छात्र पाकिस्तान आकर मेडिकल साइंस, नैनो टेक्नोलॉजी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की पढ़ाई करें. पाकिस्तान में खुद काबिल डॉक्टरों की भारी कमी है. AI में उसकी रैंक 90 से 100 के बीच मे है यानि AI में पाकिस्तान खुद एक उपभोक्ता है और वो बांग्लादेश को ट्रेंड करना चाहता है. इसके अलावा नैनोटेक का पाकिस्तान में लैब के बाहर कोई वजूद नहीं है, लेकिन मुनीर यूनुस को बता रहा है कि वह बांग्लादेशी छात्रों को नैनोटेक में एक्सपर्ट बना सकता है.
भारत के लिए होगा खतरा?
ये बात पाकिस्तानियों और बांग्लादेशियों को भी पता है कि दोनों देशों के बीच AI,नैनोटेक, मेडिकल साइंस और मेडिकल टूरिज्म जैसे कोई समझौते परवान नहीं चढ़ेंगे क्योंकि दोनों देश इस क्षेत्र में एक ही नाव पर सवार हैं और दवाइयों के साथ साथ मेडिकल सुविधाओं के लिए बहुत हद तक भारत पर निर्भर हैं. पाकिस्तान ने तो ऑपरेशन सिंदूर के बाद भी भारत से 1 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की दवाइयां और कच्चा माल निर्यात किया है. तो सवाल उठता है कि आखिरकार दोनों देशों के बीच डील किस चीज की हो रही है. अगर कराची और ढाका के बीच फ्लाइट और समुद्री व्यापार शुरू हो रहा है तो आखिरकार कौन लोग और कौन सा माल कराची से बांग्लादेश भेजा जाएगा और उससे किसको फायदा होगा. बांग्लादेश और पाकिस्तान के बीच कराची–चटगांव शिपिंग रूट के साथ-साथ ढाका–कराची डायरेक्ट फ्लाइट की तैयारी हो रही है. भारत के लिए ये चिंताजनक इसलिए है क्योंकि अब कराची के ल्यारी से अवैध हथियार सीधे बांग्लादेश पहुंच सकते हैं, जिनका इस्तेमाल भारत में अस्थिरता फैलाने के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा ढाका–कराची डायरेक्ट फ्लाइट से आतंकियों का ट्रांसपोर्ट भी तेजी से होगा. ये फ्लाइट 2026 के पहले महीने में शुरू की जा सकती है. 1971 के बाद पहली बार पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच सैन्य संबंध ट्रेनिंग—रिश्तों तक पहुंच गए हैं. पाकिस्तान के सबसे बड़े सैन्य अधिकारियों का बांग्लादेश में दौरा हुआ है यानी बांग्लादेश की जमीन पर उन आतंकी ट्रेनिंग कैंप की ब्रांच भी खुल सकती हैं, जो पाकिस्तान में फिलहाल भारत के निशाने पर हैं.
ढाका को लेकर पाकिस्तान का प्लान
पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच नौसैनिक सहयोग और मल्टी-नेशनल एक्सरसाइज का समझौता भी हुआ है. इससे पाकिस्तान की नौसेना को भारत के करीब मौजूद रहने का मौका मिल जाएगा. पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच मेडिकल टूरिज्म, AI, नैनो टेक्नोलॉजी और निवेश जैसे समझौते मजाक से ज्यादा कुछ नहीं, लेकिन जिस वक्त दोनों देशों की जमीन से भारत के पूर्वोत्तर में अस्थिरता की धमकी दी जा रही है. उस वक्त बांग्लादेश और पाकिस्तान के सैन्य और रणनीतिक समझौतों को हलके में नहीं लिया जा सकता. ये एक गंभीर चिंता है, जिसे पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का बयान और बढ़ा रहा है. मुनीर और शहबाज के मन में ढाका को लेकर क्या है. इसका अंदाजा आपको इशाक डार के बयान को सुनकर हो जाएगा. पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का आत्मविश्वास कितना ज्यादा बढ़ा हुआ है. बांग्लादेश में बिताए 36 घंटों में उनको जितनी इज्जत मिली उतनी आज से पहले कभी नहीं मिली होगी. इशाक डार ने बताया उनसे कट्टरपंथी जमात ए इस्लामी और छात्रों की पार्टी NCP के नेता खुद मुलाकात करने आए. शेख हसीना सरकार के खिलाफ आंदोलन भी इन्हीं ताकतों ने किया था यानी बांग्लादेश में तख्तापलट करने वाली ताकतें पाकिस्तान की सहयोगी हैं.
बांग्लादेश में बनेगी पाकिस्तान की कठपुतली सरकार
इशाक डार को पूरा यकीन है कि फरवरी में चुनाव के बाद ये संबंध और मजबूत होंगे. यानी वो जानते हैं कि बांग्लादेश में जो नई सरकार आने वाली है. वो पाकिस्तान को बांग्लादेश में फ्री हैंड देगी यानि वो पाकिस्तान की कठपुतली सरकार होगी, हालांकि पाकिस्तान का कंट्रोल हाथ में लेने को तैयार दिख रहे इशाक डार ने ये भी बताया. शेख हसीना के दौर में ढाका ने किस तरह पाकिस्तान को बेइज्जत किया. इशाक डार ने बताया कि 11-12 साल पहले तत्कालीन विदेश मंत्री हिना रब्बानी खार जब ढाक गईं तो उनके साथ बांग्लादेश में कोई मीटिंग नहीं की गई थी. इसका मतलब शेख हसीना के दौर में पाकिस्तान की ढाका में कोई इज्जत नहीं थी. बांग्लादेश में 1971 के युद्ध अपराधों के लिए जमात-ए-इस्लामी नेताओं को मौत की सजा सुनाई गई, जिसका पाकिस्तान की संसद और सरकार ने विरोध किया. इसके जवाब में बांग्लादेश ने पाकिस्तान के उच्चायुक्त को तलब करके कई बार राजनयिक फटकार लगाई और पाकिस्तान को बेइज्जत किया. 2021 में बांग्लादेश ने 1971 के मुक्ति संग्राम की 50वीं वर्षगांठ बड़े स्तर पर मनाई. इसमें भारत को मुख्य अतिथि का दर्जा मिला. इस आयोजन के जरिए भी पाकिस्तान की काफी किरकिरी हुई. पाकिस्तान इससे अनुपस्थित भी रहा, लेकिन बांग्लादेश में तख्तापलट करवाकर अब पाकिस्तान अपने प्रॉक्सी जमात ए इस्लामी के जरिए सत्ता चलाना चाहता है और पाकिस्तान की मदद से जमात-ए-इस्लामी ने बांग्लादेश की सत्ता हड़पने का पूरा प्लान बना लिया है.

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