महबूबा आतंकियों को बुलडोजर से बचाने की कोशिश में जुटी हैं लेकिन एक महिला नेता ऐसी भी हैं जो कट्टरपंथ के खिलाफ कानूनी बुलडोजर चला रही है. इनका नाम है जॉर्जिया मेलोनी जो इटली की प्रधानमंत्री हैं कट्टरपंथ के खिलाफ मेलोनी का वो सख्त प्लान क्या है ये आपको भी बेहद गौर से देखना चाहिए. इटली की सत्तारूढ़ पार्टी ने एक नया कानून बनाने के लिए विधेयक पेश किया है इस विधेयक के पारित होते ही इटली में सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का, नकाब और हिजाब तीनों को बैन कर दिया जाएगा ये बैन दफ्तर, कॉलेज और दुकानों जैसी जगह पर लागू होगा और बैन का उल्लंघन करने पर 30 हजार से लेकर 3 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा. इसके साथ ही साथ महिला की मर्जी के बिना की गई शादी को भी अपराध की श्रेणी में रखा जाएगा.
मेलोनी की पार्टी के इस फैसले का इटली की कथित लिबरल लॉबी जोर-शोर से विरोध कर रही है लेकिन सरकार का दावा है कि इटली में अरब प्रवासियों की वजह से कट्टरपंथ और अपराध बढ़ा है जिसपर लगाम लगाने के लिए मजहबी बंदिशों से मुक्त समाज बनाना जरूरी हो गया है इटली में कट्टरपंथ विरोधी भावना कई सालों से पनप रही थी लेकिन गाजा युद्ध के दौरान जो प्रो फिलिस्तीन प्रदर्शन हुए उन्होंने कट्टरपंथ के खिलाफ धड़े को सक्रिय होने पर मजबूर कर दिया.
फिलिस्तीन के समर्थन में इटली में हुए 7 बड़े प्रदर्शन
अगर वर्ष 2025 की ही बात करें तो इटली में 7 बड़े प्रो फिलिस्तीन प्रदर्शन हो चुके हैं और हर प्रदर्शन में बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है इस हिंसा में 100 से ज्यादा पुलिसवाले घायल हो चुके हैं. कई मिलियन डॉलर की सार्वजनिक संपत्ति तबाह हो चुकी है और तो और दो प्रदर्शनों के दौरान इटली के बहुसंख्यक ईसाई समाज से जुड़े धर्मस्थलों को भी नुकसान पहुंचाया गया था.
प्रदर्शनों की आड़ में दिखी मजहबी कट्टरता
जब प्रदर्शनकारियों ने फिलिस्तीन की आड़ में ईसाई धर्मस्थलों को नुकसान पहुंचाया तो उससे साफ हो गया कि प्रदर्शनों के पर्दे में मजहबी कट्टरपंथी सक्रिय हो चुके थे इसी वजह से मेलोनी की पार्टी बुर्के और नकाब के खिलाफ सख्त कानून बनाना चाहती है अगर आप इटली में अपराध के आंकड़ों को देखेंगे तब भी यही सामने आएगा कि इटली के क्राइम रेट में प्रवासियों का हाथ ज्यादा है और इनमें से अधिकतर प्रवासी वो अरब हैं जो गृहयुद्ध जैसी स्थितियों की आड़ में इटली पहुंच गए थे
ज्यादातर अपराधों में प्रवासी ही दोषी पाए जाते हैं
अगर मर्डर या फिर हत्या की कोशिश जैसे संगीन अपराधों की बात करें तो इनमें 28 प्रतिशत अपराधी प्रवासी हैं रेप और शारीरिक शोषण के मामलों में 41 प्रतिशत आरोपी या दोषी प्रवासी ही होते हैं चोरी के मामलों में 49 प्रतिशत दोषी इटली के मूल निवासी नहीं होते हैं डकैती से जुड़े अपराधों में 53 प्रतिशत अपराधी प्रवासी ही निकलते हैं और ड्रग्स से जुड़े अपराधों में 31.6 प्रतिशत हिस्सेदारी प्रवासियों की ही होती है. प्रवासियों से जुड़े कट्टरपंथ और अपराध दर से फ्रांस, बेल्जियम और पुर्तगाल जैसे देशों का समाज भी परेशान है लेकिन शायद मेलोनी ने फैसला कर लिया है कि वो इस कथित कट्टरपंथ और अराजकता के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगी और इसी प्रण की एक तस्वीर है इटली में बुर्के और नकाब पर बैन से जुड़ा ये विधेयक.
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