DNA: डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ पुतिन-जिनपिंग और खामेनेई का 'वेनेजुएला ट्रायंगल'

14 hours ago

Venezuelan Triangle against Donald Trump: आज हम डॉनल्ड ट्रंप के खिलाफ पुतिन-जिनपिंग और खामेनेई के वेनेजुएला ट्रायंगल का विश्लेषण करेंगे. अमेरिकी मीडिया में एक खबर तेजी से चल रही है कि कल रात अमेरिका वेनेजुएला पर हमला करने वाला था, लेकिन किसी वजह से ये हमला नहीं हुआ. लेकिन आज की रात क्या होने वाला है? क्या आज की रात वेनेजुएला पर भारी है? क्योंकि ट्रंप के मन और अगले कदम का कुछ पता नहीं होता.

खबर का सोर्स
सबसे पहले आपको ये जानना चाहिए की वेनेजुएला पर अमेरिकी हमले की आशंका वाली खबर आई कहां से. एक अमेरिकी अखबार मियामी हेराल्ड ने 31 अक्टूबर 2025 को एक रिपोर्ट छापी, जिसमें अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से लिखा कि ट्रंप प्रशासन ने वेनेजुएला के सैन्य ठिकानों पर सटीक हमला करने का फैसला लिया है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ट्रंप कुछ बहुत बड़ा प्लान कर रहे हैं. क्या ट्रंप अपनी पहली सीधी इंटरनेशनल फाइट शुरू करने वाले हैं.

एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात
ये सवाल इसलिए भी उठ रहे हैं क्योंकि ट्रंप ने वेनेजुएला के पास भारी भरकम तैनाती कर रखी है. वेनेजुएला से लगने वाले कैरीबियाई सागर में दुनिया का सबसे बड़ा युद्धपोत USS Gerald R. Ford फिलहाल 24 अक्टूबर से तैनात है. इस एयरक्राफ्ट कैरियर पर 90 फाइटर जेट्स की तैनाती रहती है.

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इसके अलावा कैरीबियाई सागर में ही अमेरिका के 6 और युद्धपोतों की तैनाती है. अमेरिका की एक न्यूक्लियर सबमरीन भी वेनेजुएला के पास ही गश्त कर रही है. समंदर के साथ साथ अमेरिका ने वेनेजुएला का हवाई घेराव भी किया है. प्यूर्टो रिको में अमेरिका ने 10 F-35 फाइटर जेट तैनात कर रखा है. साथ ही ईरान पर जिन अमेरिकी B-2 बमवर्षक विमानों ने बमबारी की थी. अब यही बॉम्बर्स वेनेजुएला के आसपास लगातार गश्त कर रहे हैं.

अमेरिकी नौसेना कैसे वेनेजुएला के करीब बढ़ रही है उसका एक सबूत भी सामने आया है. वेनेजुएला से करीब 180 किमी दूर अमेरिका के USS Iwo Jima युद्धपोत को देखा गया है. इसी के साथ साथ एक और सैन्य बेड़ा वेनेजुएला के करीब बढ़ता जा रहा है.

हमले का इशारा
अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स. इतने बड़े स्केल पर तैनाती, और वेनेजुएला को लेकर ट्रंप का स्टैंड. ये सब वेनेजुएला पर अमेरिका के हमले का संकेत दे रहे हैं. लेकिन अगर ट्रंप ने वेनेजुएला पर हमला बोला तो तय मानिए की ये लड़ाई काफी बड़ी हो जाएगी, क्योंकि एक तरफ जहां ट्रंप ने वेनेजुएला की घेराबंदी की है. तो वहीं दूसरी तरफ वेनेजुएला ने भी ट्रंप के खिलाफ एक ट्रायंगल बनाया है. जिसमें अमेरिका के तीन सबसे बड़े प्रतिद्वंदी शामिल हैं.

वेनेजुएला ने 3 देशों से मांगी मदद
ट्रंप से लोहा लेने के लिए वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने रूस, चीन और ईरान से सैन्य मदद मांगी है. मादुरो ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक खत लिखा है.जिसमें उन्होंने वेनेजुएला के एयर डिफेंस को मजबूत करने में मदद मांगी है. इसके अलावा मादुरो ने अपनी एयरफोर्स में इस्तेमाल हो रही सुखोई-30 फाइटर जेट्स को अपग्रेड करने की भी मांग की है. अमेरिकी हमले की आशंका को देखते हुए मादुरो ने पुतिन से अपनी खतरनाक मिसाइलें मांगी हैं. चीन को लिखे लेटर में मादुरो ने जिनपिंग से सर्विलांस और एयर डिफेंस को मजबूत करने में सपोर्ट मांगा है. मादुरो ने जिनपिंग से रडार्स की भी डिमांड की है.और ईरान से मादुरो ने जीपीएस जैमर्स और सुसाइड ड्रोन्स मांगे हैं.

'वेनेजुएला ट्रायंगल' एक्टिव
बताया जा रहा है कि ट्रंप के खिलाफ वेनेजुएला ट्रायंगल एक्टिव भी हो गया है. रूस का एक सीक्रेट कार्गो विमान वेनेजुएला में लैंड कर गया है. बताया जा रहा है कि चार दिन पहले रूसी IL-76 कार्गो प्लेन वेनेजुएला की राजधानी कैराकास पहुंचा है. ये विमान 50 टन कार्गो और 200 सैनिकों को ले जाने में सक्षम है. माना जा रहा है कि रूस ने मादुरो को सैन्य उपकरणों की डिलिवरी की है.

साबित होगा मास्टर स्ट्रोक
वेनेजुएला ने ट्रंप को रोकने के लिए जो ट्रायंगल बनाया है वो मादुरो का मास्टर स्ट्रोक साबित हो सकता है, क्योंकि मादुरो ने बड़ी चालाकी से इस अलायंस को तैयार करने की कोशिश की है. रूस, चीन. और ईरान, तीनों ही देशों में काफी समानताएं हैं. ये तीनों देश अमेरिका के पारंपरिक प्रतिद्वंदी हैं. तीनों के तेल पर अमेरिका ने प्रतिबंध लगा रखा है. तीनों ही देश अमेरिका के प्रभुत्व को कम करने के लिए डॉलर पर स्ट्राइक कर रहे हैं तीनों ही देशों का अमेरिका के मित्र देशों से टकराव है. रूस का यूक्रेन से, ईरान का इजरायल से. और चीन का ताइवान से.

वेनेजुएला पर हमला टला
माना जा रहा है कि ट्रंप ने अपने खिलाफ बने इस ट्रायंगल की वजह से ही हमले को कल टाल दिया. लेकिन आशंका है कि आज की रात ट्रंप का सब्र जवाब देने वाला है, और वो अटैक का ऑर्डर दे सकते हैं.   यहां सवाल तो ये भी उठता है कि आखिर अमेरिका को वेनेजुएला से इतनी दिक्कत क्यों है. ट्रंप, वेनेजुएला पर हमला करना क्यों चाहते हैं. ट्रंप कई बार वेनेजुएला पर अमेरिका में ड्रग्स की तस्करी का आरोप लगा चुके हैं.

ड्रग तस्करों के खिलाफ अमेरिका का ऑपरेशन
बीते करीब एक महीने में अमेरिकी नौसेना ने वेनेजुएला से अमेरिका आ रहे ड्रग तस्करों के 14 बोट्स पर स्ट्राइक की है. जिसमें 61 लोगों की मौत हुई है. लेकिन एक सत्य और तथ्य तो ये भी है कि अमेरिका में पहुंचने वाले ड्रग्स की तस्करी वेनेजुएला से ज्यादा मेक्सिको और कोलंबिया से होती है. ऐसे में ट्रंप वेनेजुएला पर ही हमलावर क्यों हैं. तो इसे समझने के लिए आपको ट्रंप और मादुरो की अदावत वाला चैप्टर समझना होगा.

अमेरिका-वेनेजुएला की दुश्मनी
दरअसल ट्रंप मादुरो को वेनेजुएला का तानाशाह बुलाते हैं. वहीं मादुरो ट्रंप पर तख्तापलट की कोशिश का आरोप लगाते हैं. एक तरफ जहां ट्रंप वेनेजुएला के तेल भंडार पर नियंत्रण चाहते हैं. वहीं मादुरो ने अमेरिका को तेल बेचने पर सख्त प्रतिबंध लगा रखे हैं. मित्रों आपको यहां ये भी जानना चाहिए की वेनेजुएला में विश्व का सबसे बड़ा तेल भंडार है.

मादुरो से टेंशन की वजह
मादुरो से ट्रंप की अदावत की वजह उनकी फ्रेंड लिस्ट भी है. मादुरो ने हर उस देश से करीबी बनाई है., जिनके संबंध अमेरिका से खराब हैं. यही वजह है कि जब अमेरिकी हमले की आशंका हुई तो मादुरो ने सबसे पहले रूस, चीन और ईरान से ही मदद मांगी है. लेकिन आपको यहां ये भी समझना होगा की अगर ट्रंप ने वेनेजुएला पर हमला कर दिया, और इसके जवाब में मादुरो का बनाया गया. पुतिन, जिनपिंग और खामेनेई का ये ट्रायंगल एक्टिव हो गया. तो ये युद्ध तीसरे विश्व युद्ध में बदल सकता है. यानी जंग रोकने का दावा करने वाले ट्रंप. खुद तीसरे विश्वयुद्ध की वजह बन जाएंगे.

(इनपुट-टीम डीएनए)

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