G20 diplomacy: सुपरपावर अमेरिका का राष्ट्राध्यक्ष बनना कूटनीति 'चाणक्य' होने की गारंटी नहीं होता. डिप्लोमेसी के एक से बढ़कर एक धुरंधर दुनिया में मौजूद हैं. बस किस्मत की बात है कि किसे कौन सा मौका मिलता है. ऐसी भूमिका के बीच जी-20 समिट का समापन विवादों के साथ हुआ. हालांकि समिट के दौरान कुछ हल्के फुल्के पल तब देखने को मिले जब दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति रामाफोसा की बात सुनकर पीएम मोदी भी मुस्कुराने लगे.
अंत भला तो सब भला!
राष्ट्रपति रामफोसा ने जी-20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेज़बानी में भारत के सहयोग के लिए धन्यवाद दिया. रामफोसा ने हंसते हुए कहा, 'G-20 की मेज़बानी में भारत ने दक्षिण अफ़्रीका को जो सहयोग दिया है, उसके लिए धन्यवाद...आपको हमें बताना चाहिए था कि यह इतना मुश्किल काम है, शायद हम भाग जाते'.
अमेरिका ने समिट का बहिष्कार किया था, लेकिन सिर्फ एक जूनियर डिप्लोमैट भेजा. दक्षिण अफ्रीका ने इसे अपमान माना और औपचारिक अध्यक्षता बाद में देने का फैसला किया.
ये भी पढ़ें- लोगों के गहने तक बिकवा कर भरवा रहा फीस, ब्रिटेन के नए मॉडल का भारतीयों पर भी असर
रामाफोसा का बयान वायरल
रामफोसा ने कहा, 'जी-20 की आपकी मेज़बानी से हमें बहुत कुछ सीखने को मिला है... और आपकी मेज़बानी शानदार रही थी. हमारी मेज़बानी वाकई बहुत छोटी है. इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें टोकते हुए जवाब दिया- 'छोटा हमेशा खूबसूरत होता है.' भारत ने नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम में 18वें जी-20 की मेज़बानी की थी शिखर सम्मेलन से पहले भारत मंडपम का अनावरण किया गया. 2023 में भारत की अध्यक्षता के दौरान अफ्रीकी संघ जी-20 का सदस्य बना था.
अफ्रीका ने ये ठीक नहीं किया: ट्रंप
G20 समिट बिना औपचारिक हैंडओवर के समाप्त हुआ क्योंकि साउथ अफ्रीकी राष्ट्रपति सिरिल रामाफोसा ने किसी अमेरिकी अधिकारी को गवेल (अध्यक्षता का प्रतीक हथौड़ा) नहीं सौंपा. विदेश मंत्री रोनाल्ड लामोला ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि आज कोई औपचारिक हैंडओवर सेरेमनी नहीं होगी. अगर अमेरिका चाहे तो सोमवार से DIRCO (दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्रालय) के दफ्तर से G-20 से जुड़े दस्तावेज ले सकता है. इसके ट्रंप प्रशासन भड़क उठा. व्हाइट हाउस की डिप्टी सेकेट्ररी अन्ना केली ने आरोप लगाया कि साउथ अफ्रीका ने G-20 का औपचारिक हैंडओवर नहीं दे कर ठीक नहीं किया है.

1 hour ago
