Last Updated:October 20, 2025, 13:46 IST
INS Vikrant: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिवाली के मौके पर अक्सर ही अपना वक्त जवानों के साथ बिताते हैं. पीएम मोदी ने इस बार भी ऐसा ही किया. वे INS Vikrant पर पहुंचकर जवानों के साथ वक्त बिताया.

INS Vikrant: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान INS Vikrant ने कराची से कुछ ही दूरी पर अरब सागर में स्थित था. मॉडर्न तकनीक से लैस इस एयरक्राफ्ट की मौजूदगी भर ने पाकिस्तान की नींद उड़ा दी थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार 20 अक्टूबर 2025 को इसी INS Vikrant पर पहुंचकर जवानों के साथ दिवाली की खुशियां बांटीं. पीएम मोदी ने नौसेना के जवानों के बीच अपने संबोधन में कहा कि हर किसी को दीपावली का पर्व अपने परिवार के साथ मनाने का मन करता है. मुझे भी मेरे परिवार के बीच दिवाली मनाने की आदत हो गई है, इसीलिए मैं आपके बीच चला आता हूं. मैं भी ये दिवाली मेरे परिवारजनों के साथ मना रहा हूं, इसीलिए ये दिवाली मेरे लिए खास है. इस दौरान पीएम मोदी ने छत्रपति शिवाजी महाराज का जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि जब देश को स्वदेशी INS Vikrant मिला था तो उसी दिन इंडियन नेवी ने गुलामी के प्रतीक पुराने ध्वज को त्याग कर छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित ध्वज को अपनाया था. इस तरह नेवी के साथ ही INS Vikrant का छत्रपति शिवाजी महाराज से गहरा नाता है. बता दें कि शिवाजी महाराज को आधुनिक भारत में नेवी का जनक भी माना जाता है.
दरअसल, आधुनिक भारत में नेवी गठन का क्रेडिट शिवाजी को दिया जाता है. माना जाता है कि मराठा शासक छत्रपति शिवाजी ने ही भारत में नौसेना की नींव रखी थी. शिवाजी के मराठा शासन के दौरान 1674 में नेवी स्थापित की गई थी. छत्रपति शिवाजी ने समंदर की रक्षा के लिए कोंकण और गोवा में एक मजबूत नेवी की स्थापना की थी. तटीय क्षेत्रों के आसपास शिवाजी के नेवल बेस को हिंदू और मुस्लिम दोनों एडमिरलों द्वारा नियंत्रित किया जाता था. इसका उद्देश्य इस हिस्से को अरब, पुर्तगाली, ब्रिटिश और समुद्री लुटेरों से बचाया जा सके. बता दें कि शिवाजी महाराज ने जब नेवी की स्थापना की थी, तब भारत में मुगलों का शासन था.
शिवाजी के प्रमुख नौसैनिक ठिकाने
सिंधुदुर्ग किला (Malvan, 1664) – शिवाजी की नौसेना का मुख्यालय. इसे समुद्र के भीतर एक द्वीप पर बनवाया गया था. विजयदुर्ग – मराठा नौसेना का सबसे बड़ा शिपबिल्डिंग (जहाज़ निर्माण) केंद्र. जंजीरा, रत्नागिरी, सुवर्णदुर्ग और अंडरथल जैसे किले रणनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण थे.नौसेना का संगठन
शिवाजी महाराज ने एक सुव्यवस्थित नौसैनिक रचना बनाई थी -:
सर-ए-खास या दंडनायक : नौसेना के सर्वोच्च सेनापति. नौकाध्यक्ष : युद्धपोतों की देखरेख. खलासी दल (Mariners) : नाविक और तोपची. उनकी नौसेना में 200 से अधिक जहाज थे, जो छोटे, तेज और तोपों से लैस थे. प्रमुख जहाज प्रकार: गुर्ज, गलिवत, पाल, ग्राब आदि.नौसैनिक उपलब्धियां और विरासत
शिवाजी महाराज को Father of Indian Navy (भारतीय नौसेना के जनक) कहा जाता है. उनकी बनाई हुई नौसैनिक नीति ने आगे चलकर कनोजी आंग्रे जैसे महान एडमिरल को जन्म दिया, जिन्होंने 18वीं सदी में मराठा नौसेना को और भी ऊंचाइयां दीं. सिंधुदुर्ग किला आज भी उनकी समुद्री रणनीति और वास्तु कौशल का प्रतीक है.पहला मराठा पोत
पुर्तगाली पश्चिमी क्षेत्र से भारत में अपना प्रभुत्व कायम करना चाहते थे. वे भारत में व्यापार को नियंत्रित करना चाहते थे, जिसको रोकने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने एक मजबूत नेवी की अहमियत पर बल दिया था. इसके मद्देनजर पहला मराठा जहाज 1654 में तैयार हुआ था. बताया जाता है कि शिवाजी महाराज ने 1657-58 तक कई जहाजों का निर्माण कराया था. उन्होंने 20 वॉरशिप तैयार करवाकर प्रशिक्षित लोगों को इसका काम सौंपा था. जंजीरा कोस्ट लाइन पर भी इसके इस्तेमाल से सिद्दीस के खिलाफ कई लड़ाइयां लड़ीं गई थीं. शिवाजी के नौसैनिक बेड़े में दो स्क्वाड्रन थीं. प्रत्येक बेड़े में 200 जहाज थे.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...
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Location :
Panaji,North Goa,Goa
First Published :
October 20, 2025, 13:45 IST