NEET UG की पेपरों में खामियां! छात्रों और अभिभावकों ने जताई चिंता

1 day ago

Last Updated:June 11, 2025, 11:42 IST

NEET UG 2025 की परीक्षा 4 मई को सफलतापूर्वक संपन्न हुई, लेकिन प्रश्नपत्रों में त्रुटियों के कारण उम्मीदवारों ने NTA से शिकायत की है. सीकर और जामनगर में पेपर कोड में गड़बड़ी की शिकायतें आई हैं.

NEET UG की पेपरों में खामियां! छात्रों और अभिभावकों ने जताई चिंता

NEET UG 2025 के पेपरों में कई तरह की खामियों की शिकयत की गई थी.

NEET UG 2025 Paper: नीट यूजी की परीक्षा 4 मई 2025 को पूरे देश में राज्य अधिकारियों के समन्वय और शिक्षा मंत्रालय द्वारा लागू कड़े सुरक्षा इंतजामों के तहत सफलतापूर्वक संपन्न हुई. यह परीक्षा MBBS, BDS और अन्य अंडरग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश के लिए लगभग 20 लाख से अधिक उम्मीदवारों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है. हालांकि, परीक्षा समाप्त होने के बाद कई उम्मीदवार और उनके अभिभावकों ने प्रश्नपत्रों में पाई गई त्रुटियों तथा शिकायतों के समाधान में हो रही देरी को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की है और उन्होंने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से जल्द से जल्द क्लियर करने की मांग की हैं.

NEET UG परीक्षा में कहां-कहां आई समस्या?

सीकर (राजस्थान): यहां कुछ छात्रों को जो पेपर कोड 47 मिला, उन्होंने बताया कि उनके प्रश्नपत्र में पन्नों की संख्या सही क्रम में नहीं थी.
गुजरात (जामनगर): गुजराती माध्यम के पेपर कोड 48 वाले उम्मीदवारों को भी इसी तरह की समस्या का सामना करना पड़ा.
छात्रों ने कहा कि उत्तर पुस्तिका में सही विकल्प समझने में बहुत समय लगा, जिससे उनका परीक्षा का समय प्रभावित हुआ.

परीक्षा के बाद, अभिभावकों ने गुजरात सरकार और NTA को शिकायतें भेजीं, जिनमें दोषपूर्ण प्रश्नपत्र की स्कैन की हुई प्रतियां भी शामिल थीं. टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार एक अभिभावक ने लिखा कि परीक्षा के दौरान छात्रों ने समस्या बताई, लेकिन उन्हें फिर भी गलत प्रश्नपत्र हल करने को कहा गया. राज्य के अधिकारियों ने इन शिकायतों की पुष्टि की है.

एनटीए की प्रतिक्रिया क्या रही?

एनटीए ने सीकर की समस्या पर कोई टिप्पणी करने से मना कर दिया क्योंकि मामला कोर्ट में चल रहा है. एनटीए के एक अधिकारी ने कहा कि सभी प्रश्न तय किए गए सिलेबस के अनुसार ही थे और आंसर की भी जारी कर दी गई है. उन्होंने बताया कि छात्रों से प्राप्त आपत्तियों की जांच विशेषज्ञों की समिति करेगी. हालांकि, इस जवाब से पन्नों के गलत क्रम या छपाई की त्रुटियों जैसी समस्या का समाधान नहीं होता, क्योंकि यह तकनीकी और प्रिंटिंग की गलती है.

अन्य शिकायतें

कुछ उम्मीदवारों और कोचिंग के विशेषज्ञों ने यह भी कहा कि कुछ प्रश्न मेडिकल विषय से बाहर थे. उदाहरण के लिए पेपर कोड 47 का प्रश्न नंबर 38 कैलकुलस से संबंधित था, जो आमतौर पर इंजीनियरिंग की परीक्षाओं में पूछा जाता है, न कि मेडिकल में.

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Munna Kumar

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...

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