NEET उम्मीदवारों को हाईकोर्ट की नसीहत, NTA के फैसले को ठहराया सही, जानें वजह

3 hours ago

Last Updated:June 28, 2025, 14:53 IST

NEET UG Application Form: अगर आप डॉक्टर बनना चाहते हैं, तो NEET UG फॉर्म ध्यान से भरें. तेलंगाना हाईकोर्ट ने कहा है कि आवेदन में गलती सुधारना बाद में मुश्किल होता है, इसलिए सावधानी जरूरी है.

NEET उम्मीदवारों को हाईकोर्ट की नसीहत, NTA के फैसले को ठहराया सही, जानें वजह

NEET उम्मीदवारों को तेलंगाना हाई कोर्ट ने चेतावनी दी है.

NEET UG Application Form: अगर आप डॉक्टर बनने की ख्वाहिश रखते हैं और इसके लिए नीट यूजी का फॉर्म सावधानी से भरे, ताकि किसी भी प्रकार का कोई दिक्कत न हो. अभी हाल ही में तेलंगाना हाई कोर्ट ने एक छात्रा की याचिका खारिज करते हुए सभी छात्रों को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवेदन भरते समय सतर्क रहने की सलाह दी है. अदालत ने कहा कि फॉर्म भरते समय की गई गलतियों को बाद में सुधारना आसान नहीं होता.

छात्रा ने की NEET UG आवेदन में सुधार की अपील

हैदराबाद की एक छात्रा ने अदालत में याचिका दायर कर अपने NEET UG आवेदन फॉर्म में सुधार की अनुमति मांगी थी. उन्होंने गलती से तेलंगाना की जगह उत्तर प्रदेश को पात्रता राज्य के रूप में चुन लिया था. इस गलती को उन्होंने टाइपिंग त्रुटि बताया और नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) से सुधार की अनुमति मांगी थी, जिसे NTA ने खारिज कर दिया.

अदालत ने NTA के फैसले को सही ठहराया

मुख्य न्यायाधीश सुजॉय पॉल और न्यायमूर्ति रेणुका यारा की खंडपीठ ने कहा कि NTA ने नियमों के अनुसार निर्णय लिया है और उसमें कोई गलती नहीं है. टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार अदालत ने कहा कि फॉर्म में सुधार की अंतिम तारीख 11 मार्च, 2025, रात 11:50 बजे तक ही थी और उसके बाद कोई बदलाव संभव नहीं था.

देरी से आवेदन करने पर कोई राहत नहीं

छात्रा ने सुधार के लिए पहला आवेदन 27 मई को किया था, जो कि अंतिम तारीख के दो महीने बाद था. अदालत ने कहा कि इतनी देरी के बाद तकनीकी और प्रक्रियागत सीमाओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. NTA ने अदालत को बताया कि उनका सॉफ्टवेयर अंतिम तारीख के बाद किसी भी जानकारी को फिर से खोलने या बदलने की अनुमति नहीं देता. अगर ऐसा किया जाए, तो यह लाखों अन्य उम्मीदवारों की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है.

पहले के मामले का हवाला नहीं बना राहत का आधार

छात्रा ने एक पुराने मामले का हवाला देते हुए राहत मांगी थी, लेकिन अदालत ने स्पष्ट किया कि उस पुराने आदेश का इस मामले पर कोई बाध्यकारी असर नहीं पड़ता और वह सिर्फ अधिकारियों को विचार करने का सुझाव भर था. टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार अंत में, अदालत ने कहा कि छात्रा ने आवेदन भरते समय आवश्यक सावधानी नहीं बरती और अब उससे विशेष सहानुभूति की उम्मीद नहीं की जा सकती. सभी छात्रों को आवेदन भरते समय हर जानकारी की अच्छी तरह जांच कर ही सबमिट करना चाहिए, क्योंकि बाद में सुधार की संभावना सीमित होती है.

Munna Kumar

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...

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