Last Updated:June 25, 2025, 14:02 IST

एनआईए ने पीएफआई के बारे में बड़ा खुलासा किया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) की एक खतरनाक साजिश का पर्दाफाश किया है. न्यूज18 इंडिया की एक विशेष रिपोर्ट के अनुसार PFI ने केरल में 977 लोगों की हिट लिस्ट तैयार की थी, जिसमें जज, एक्टिविस्ट और राजनीतिक कार्यकर्ता शामिल थे. यह खुलासा NIA ने कोच्चि की विशेष अदालत में पलक्कड़ श्रीनिवासन हत्याकांड के दो आरोपियों- मुहम्मद बिलाल और रियासुद्दीन की जमानत याचिका का विरोध करते हुए किया. इस सनसनीखेज जानकारी ने केरल में सुरक्षा व्यवस्था और PFI की गतिविधियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक NIA ने कई हिट लिस्ट बरामद कीं, जो PFI की साजिश की गंभीरता को दर्शाती हैं. एक हिट लिस्ट में 240 लोगों के नाम थे जो PFI की तथाकथित रिपोर्टर विंग के सदस्य सिराजुद्दीन के पास से मिली. इस सूची में एक पूर्व जिला जज का नाम भी शामिल था. इसके अलावा फरार आरोपी अयूब टीए के घर की तलाशी में 500 लोगों की एक और हिट लिस्ट मिली. PFI की ‘रिपोर्टर विंग’ ने निशाने पर आए लोगों की व्यक्तिगत जानकारी जुटाई थी, जिसे हिट लिस्ट में शामिल किया गया. इन दस्तावेजों से साफ होता है कि PFI का इरादा समाज के प्रभावशाली लोगों को निशाना बनाकर दहशत फैलाना था.
NIA ने यह भी खुलासा किया कि PFI का अलुवा स्थित पेरियार वैली कैंपस हथियारों की ट्रेनिंग का केंद्र था. इस कैंपस को गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आतंकवाद को बढ़ाने के पैसे के स्रोत के रूप में सील किया गया है. PFI पर पहले से ही आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और सांप्रदायिक नफरत फैलाने के आरोप हैं. 2022 में केंद्र सरकार ने PFI और इसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया था. PFI के कुछ संस्थापक सदस्य स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (SIMI) के नेता थे और इसका जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (JMB) जैसे आतंकी संगठनों से भी संबंध था.
NIA की जांच में यह भी सामने आया कि PFI ने अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) जैसे संगठनों का इस्तेमाल किया. प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने PFI और SDPI के बीच वित्तीय संबंधों का खुलासा किया, जिसमें आतंकी गतिविधियों के लिए 62 करोड़ रुपये से ज्यादा की फंडिंग का जिक्र था. SDPI के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमके फैजी को PFI के साथ मिलकर अवैध फंडिंग और सांप्रदायिक हिंसा को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
यह खुलासा केरल की सियासत में भी हलचल मचा सकता है.
X पर कई पोस्ट्स में दावा किया गया कि PFI की हिट लिस्ट में 950 से 972 लोगों के नाम थे और इसमें एक पूर्व हाईकोर्ट जज भी शामिल था. हालांकि, न्यूज18 इंडिया की रिपोर्ट 977 नामों की पुष्टि करती है. यह मामला इसलिए भी गंभीर है, क्योंकि PFI केरल में सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर प्रभाव डालने की कोशिश कर रहा था. NIA ने अदालत में कहा कि आरोपियों को जमानत देना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि साक्ष्य उनकी साजिश की गंभीरता को दर्शाते हैं.