Last Updated:November 20, 2025, 21:00 IST
तालिबान मंत्री का भारत दौरा सिर्फ एक कूटनीतिक घटना नहीं, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में बड़ा संकेत है. आर्थिक रूप से कमजोर अफगानिस्तान को स्थिर व्यापार मार्ग चाहिए, पाकिस्तान भरोसेमंद नहीं रहा. भारत बेहतर विकल्प बनकर उभर रहा है. अगर यह सहयोग आगे बढ़ता है तो भारत-अफगानिस्तान व्यापार कई गुना बढ़ेगा. चाबहार पोर्ट एशिया का नया व्यापारिक हब बनेगा. पाकिस्तान का प्रभाव कम होगा और चीन की रणनीति को भी नया संतुलन देखना होगा.
जयशंकर से मिले तालिबान सरकार के उद्योग और वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन अजीजी.तालिबान सरकार के उद्योग और वाणिज्य मंत्री नूरुद्दीन अजीजी भारत दौरे पर हैं. उन्होंने विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ लंबी बातचीत की. यह दौरा ऐसे समय हो रहा है जब तालिबान ने हाल ही में अपने व्यापारियों से साफ कह दिया था कि वे पाकिस्तान के साथ हर तरह का व्यापार बंद करें. उन्होंने तीन महीने की डेडलाइन भी तय कर दी थी. इसके बाद उनका एक लंबी चौड़ी टीम के साथ भारत आना काफी मायने रखता है. जयशंकर के साथ उनकी जो तस्वीर सामने आई, उसमें जो गर्मजोशी दिखी, वह पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर और वहां के हुक्मरानों की सारी स्ट्रैटजी फेल करने वाली है.
तालिबान मंत्री के दिल्ली पहुंचने की तस्वीर जैसे ही सामने आई, दक्षिण एशियाई रणनीति पर नजर रखने वालों ने इसे सीधे पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की रणनीति के लिए झटका बताया. क्योंकि पाकिस्तान अफगानिस्तान पर आर्थिक निर्भरता का दबाव बनाकर उसे अपने पाले में रखने की कोशिश कर रहा था, पर भारत के साथ बढ़ते संबंध इस दबाव को कमजोर कर रहे हैं.
भारत के साथ रिश्तों में नया अध्याय
बुधवार को पहली बार आधिकारिक भारत यात्रा पर पहुंचे नूरुद्दीन अजीजी निवेश बढ़ाने और ट्रेड विस्तार जैसे मुद्दों पर बातचीत करने आए हैं. यह ऐसे समय हो रहा है जब भारत ने पिछले महीने 2021 के बाद बंद पड़ा अपना काबुल दूतावास फिर से खोल दिया था. इस कदम ने स्पष्ट संदेश दिया था कि नई दिल्ली तालिबान से सीमित लेकिन व्यावहारिक जुड़ाव आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, ताकि चीन को अफगानिस्तान में बढ़त न मिले.
यात्रा का मकसद क्या
अफगानिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय ने बताया कि अजीजी भारतीय वाणिज्य मंत्री, विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर सहित भारतीय व्यापारिक समुदाय के साथ मुलाकात करेंगे. मंत्रालय के बयान के मुताबिक, इन बैठकों में आर्थिक साझेदारी बढ़ाने, व्यापार आसान करने, संयुक्त निवेश के मौके बनाने और क्षेत्रीय ट्रांजिट रूट्स में अफगानिस्तान की भूमिका मजबूत करने पर बातचीत होगी.
भारत विकल्प के रूप में उभर रहा
पिछले कुछ हफ्तों में अफगानिस्तान-पाकिस्तान सीमा पर हिंसक झड़पों में कई लोगों की मौत हुई. तनाव के चलते पाकिस्तान ने सीमा बंद कर दी, जिससे अफगानिस्तान के व्यापार पर भारी असर पड़ा. पहले जहाँ अफगानिस्तान का सबसे ज़्यादा व्यापार पाकिस्तान के जरिए होता था, अब यह निर्भरता टूट रही है. अफगानिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले छह महीनों में ईरान के रास्ते उसका व्यापार 1.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया, जो पाकिस्तान के साथ 1.1 बिलियन डॉलर के मुकाबले कहीं आगे है. इससे तालिबान सरकार को पता चला कि पाकिस्तान पर निर्भरता आर्थिक और राजनीतिक दोनों रूप से नुकसानदेह है. ऐसे में भारत एक विश्वसनीय और स्थिर व्यापार साझेदार के रूप में फिर से सामने आया है. भारत पहले से ही चाबहार पोर्ट का संचालन करता है, जो अफगानिस्तान को बिना पाकिस्तान से गुजरे सीधा दुनिया से जोड़ता है. अमेरिका ने हाल ही में भारत को चाबहार संचालन के लिए छह महीने की छूट दी है, जिससे तालिबान की पाकिस्तान पर निर्भरता और कम हो जाएगी.जयशंकर-अजीजी की मुलाकात में छिपा बड़ा संकेत
दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने तालिबान मंत्री अजीजी का स्वागत किया और दोनों नेताओं ने आर्थिक सहयोग बढ़ाने पर विस्तृत चर्चा की. जयशंकर ने साफ कहा कि भारत अफगान लोगों की प्रगति और समृद्धि का समर्थन करता है. मीटिंग में चाबहार पोर्ट की गतिविधियों को और सक्रिय करने, निवेश बढ़ाने , व्यापार आसान करने, दोनों देशों के बीच लोगों के आने-जाने और व्यापार वीजा में ढील पर बात हुई. पूर्व में बनी संयुक्त वर्किंग ग्रुप को फिर से सक्रिय करने पर सहमति बनी. संयुक्त चैंबर ऑफ कॉमर्स बनाने पर भी जोर दिया गया. अफगानिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता अखुंदज़ादा अब्दुल सलाम जवद ने पुष्टि की कि दोनों देशों में व्यापारिक अटैची नियुक्त करने की भी योजना है, ताकि व्यापार संवाद लगातार चल सके.
जरूरत और अवसर दोनों
अफगानिस्तान एक लैंडलॉक्ड देश है और उसके पास अपना समुद्री बंदरगाह नहीं है. पाकिस्तान के साथ बढ़ते तनाव के कारण उसे नई सप्लाई लाइनों की बहुत जरूरत है. अजीजी की यात्रा इसी दिशा में एक बड़ा कदम मानी जा रही है. यह अफगानिस्तान के साथ भारत के लिए जरूरत और अवसर दोनों है. अफगान आर्थिक विशेषज्ञ जबीउल्लाह इस्लामी ने टोलो न्यूज से बातचीत में कहा, भारत चार महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम करता है: बिजली, टेक्नोलॉजी, जल प्रबंधन और औद्योगिक उत्पादन. अफगानिस्तान को इन सभी की बेहद आवश्यकता है. बदले में भारत को अफगानिस्तान के ताजे और सूखे मेवे की भारी मांग है. एक अन्य विशेषज्ञ क़ुतबुद्दीन याकूबी ने कहा, यह यात्रा भविष्य के आर्थिक संबंधों को सकारात्मक दिशा दे सकती है और दोनों देशों के राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक रिश्तों को मजबूत कर सकती है.Pleased to meet Industry and Commerce Minister of Afghanistan, Alhaj Nooruddin Azizi in New Delhi this evening.
Discussed ways to strengthen our trade, connectivity and people to people ties. Reiterated India’s support for the development and welfare of the people of… pic.twitter.com/7CuyYB8VrW
आसिम मुनीर की रणनीति पर असर
पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर लगातार कोशिश कर रहे हैं कि तालिबान को अपने प्रभाव में रखें. चाहे सीमा पर दबाव बनाकर, चाहे आर्थिक निर्भरता के जरिए. लेकिन तालिबान मंत्री की नई दिल्ली यात्रा को विशेषज्ञ पाकिस्तान की इस रणनीति के कमजोर होने के रूप में देख रहे हैं. इसके तीन कारण है. पाकिस्तान से ट्रेड बंद करने की अपील के बावजूद तालिबान का भारत से खुलकर जुड़ना, अफगानिस्तान का चाबहार पोर्ट को अपना मुख्य मार्ग बनाना और भारत और अफगानिस्तान का व्यापार, निवेश और ट्रांज़िट साझेदारी मजबूत करना. यह तीनों उन्हें बेचैन कर रहा है. इनसे पाकिस्तान का क्षेत्रीय प्रभाव कमजोर होगा और भारत की स्थिति मजबूत होगी.
भारत-तालिबान रिश्तों का नया दौर?
भारत आधिकारिक रूप से तालिबान सरकार को मान्यता नहीं देता, लेकिन व्यापार, विकास और मानवीय सहायता के जरिए दोनों देशों के बीच व्यवहारिक संबंध बढ़ रहे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि यह बदलाव किसी मजबूरी से नहीं, बल्कि बदलते भू-राजनीतिक हालात के कारण हो रहा है. अफगानिस्तान चीन के बढ़ते कदमों से सतर्क है, भारत पाकिस्तान से नाखुश तालिबान से दूरी नहीं बनाना चाहता, और दोनों देशों के आर्थिक हित मजबूत हो रहे हैं. इन सबने नई शुरुआत की जमीन तैयार की है.
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...और पढ़ें
Mr. Gyanendra Kumar Mishra is associated with hindi.news18.com. working on home page. He has 20 yrs of rich experience in journalism. He Started his career with Amar Ujala then worked for 'Hindustan Times Group...
और पढ़ें
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
Location :
Delhi,Delhi,Delhi
First Published :
November 20, 2025, 21:00 IST

1 hour ago
