PM Modi Ukraine Visit: यूक्रेन पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति वोलेडिमीर जेलेंस्की के बीच शुक्रवार को चार अहम मुद्दों पर दस्तखत हुए. इन समझौतों में खाद्य उद्योग, संस्कृति, कृषि और चिकित्सा शामिल है. इससे पहले, पीएम मोदी यूक्रेन की राजधानी कीव पहुंचे और उन्होंने जेलेंस्की से मुलाकात की. इस दौरान जेलेंस्की पीएम मोदी को अपने आवास पर भी ले गए.
1991 में जब यूक्रेन को आजादी मिली, उसके बाद भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यूक्रेन यात्रा है और उनकी यात्रा रूस के पश्चिमी कुर्स्क क्षेत्र में कीव के ताजा हमले के बीच हो रही है. इस दौरान पीएम मोदी ने युद्ध में जान गंवाने वाले बच्चों की मौत पर भी शोक जताया. पीएम ने कहा कि जंग हमेशा बच्चों के लिए विध्वंसकारी होता है.
पीएम मोदी बोले- ये एक ऐतिहासिक घटना है
जेलेंस्की से बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "इस दर्दनाक परिस्थिति में भी आपने (राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की) जिस गर्मजोशी से मेरा और मेरे प्रतिनिधिमंडल का स्वागत किया उसके लिए मैं हृदय से आपका आभार व्यक्त करता हूं. आज भारत और यूक्रेन के संबंधों के लिए बहुत ऐतिहासिक दिन है...भारत का कोई प्रधानमंत्री पहली बार यूक्रेन आया है जो अपने आप में एक ऐतिहासिक घटना है...कल आपका राष्ट्रीय दिवस है और हम आपको इसके लिए बधाई देते हैं...हम (यूक्रेन में) शांति, सुख और समृद्धि के लिए प्रार्थना करते हैं.'
पीएम मोदी ने जेलेंस्की को कहा थैंक्यू
प्रधानमंत्री ने आगे कहा, "जब युद्ध के शुरुआती दिन थे, तब आपने भारतीय नागरिकों और छात्रों को निकालने में मदद की थी. मैं संकट के इस समय में आपकी मदद के लिए आपका आभार व्यक्त करता हूं...दुनिया अच्छी तरह जानती है कि युद्ध के दौरान हमने दो भूमिकाएं निभाई थीं...पहली भूमिका मानवीय दृष्टिकोण की थी...मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि मानवीय दृष्टिकोण से जो भी जरूरत होगी, उसके लिए भारत हमेशा आपके साथ खड़ा रहेगा और दो कदम आगे रहेगा.'
'हम गांधी-बुद्ध की धरती से हैं, जहां युद्ध की जगह नहीं'
कीव में पीएम मोदी ने कहा, 'हमने जो दूसरा रास्ता चुना है, वह युद्ध से दूर रहना है, हम बहुत दृढ़ता से युद्ध से दूर रहे हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम तटस्थ थे, हम तटस्थ नहीं थे, हम पहले दिन से ही पक्षकार रहे हैं और हमारा पक्ष है शांति, हम बुद्ध की भूमि से आते हैं जहां युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है, हम महात्मा गांधी की भूमि से आते हैं जिन्होंने पूरी दुनिया को शांति का संदेश दिया.'
पीएम मोदी ने आगे कह, 'आप और यूक्रेन के लोग भी जानते हैं कि भारत का शांति प्रयासों में सक्रिय योगदान रहा है और आप भी जानते हैं कि हमारा दृष्टिकोण लोगों पर केंद्रित रहा है. मैं आपको और पूरे विश्व समुदाय को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि यह भारत की प्रतिबद्धता है और हम मानते हैं कि संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हमारे लिए सर्वोपरि है और हम इसका समर्थन करते हैं. कुछ समय पहले, जब मैं इसके समर्थन में राष्ट्रपति पुतिन से मिला था, तो मैंने उनसे कहा था कि यह युद्ध का समय नहीं है.'
'समस्या का समाधान रणभूमि में नहीं होता'
पीएम मोदी ने कहा, 'पिछले दिनों, जब मैं एक बैठक के लिए रूस गया था, तो मैंने वहां भी स्पष्ट शब्दों में कहा था कि किसी भी समस्या का समाधान कभी भी रणभूमि में नहीं होता है. समाधान केवल बातचीत, संवाद और कूटनीति के माध्यम से होता है और हमें बिना समय बर्बाद किए उस दिशा में आगे बढ़ना चाहिए. दोनों पक्षों को एक साथ बैठना चाहिए और इस संकट से बाहर आने के रास्ते तलाशने होंगे. आज मैं यूक्रेन की धरती पर आपके साथ शांति और आगे बढ़ने के मार्ग पर विशेष रूप से चर्चा करना चाहता हूं. मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि भारत शांति के हर प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तैयार है. अगर मैं व्यक्तिगत रूप से इसमें योगदान दे सकता हूं, तो मैं ऐसा जरूर करना चाहूंगा. एक मित्र के रूप में, मैं आपको इसका विश्वास दिलाता हूं.'
'साथ मिलकर काम करें दोनों पक्ष'
दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. रूस-यूक्रेन युद्ध पर प्रधानमंत्री मोदी के संदेश पर उन्होंने कहा, 'भारत का मानना है कि दोनों पक्षों को समाधान खोजने के लिए एक-दूसरे के साथ मिलकर काम करना चाहिए.' उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं के बीच ज्यादातर बातचीत युद्ध और द्विपक्षीय संबंधों को लेकर हुई. उन्होंने कहा दोनों नेताओं ने व्यापार, आर्थिक मुद्दों, रक्षा, फर्मास्युटिकल, कृषि, शिक्षा के क्षेत्र को लेकर भी चर्चा की. बातचीत के दौरान मोदी ने इनोवेटिव समाधान विकसित करने के लिए सभी हितधारकों के बीच व्यावहारिक जुड़ाव का आह्वान किया, जो शांति में योगदान देगा.
जयशंकर ने कहा, यूक्रेनी पक्ष वैश्विक शांति शिखर सम्मेलन में भारत की निरंतर भागीदारी चाहता है. जबकि भारत का मानना है कि दोनों पक्षों को समाधान खोजने के लिए एक-दूसरे के साथ बातचीत करनी चाहिए.
'ये सिर्फ कल्चर का फर्क है'
वहीं जब जयशंकर से इस दौरान पूछा गया कि जब 6 हफ्ते पहले पीएम मोदी और पुतिन मिले थे तो काफी लोग नाराज हो गए थे? सवाल के जवाब में उन्होंने पत्रकार से कहा, हमारे यहां जब लोग मिलते हैं, तो वे गर्मजोशी से मिलते हैं. हो सकता है यह आपकी संस्कृति का हिस्सा ना हो लेकिन हमारे कल्चर का यह हिस्सा है. आज पीएम मोदी राष्ट्रपति जेलेंस्की से मिले और इससे पहले वह दुनिया के और भी नेताओं से मिल चुके हैं. मुझे लगता है कि यह शायद आपके और हमारे कल्चर के बीच का गैप है.