Last Updated:June 28, 2025, 19:08 IST
shubhanshu shukla PM Modi Talk: पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत करते वक्त शुभांशु शुक्ला के पैर आखिर क्यों बांध दिए गए थे? अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर रहते हुए पीएम से बातचीत के दौरान शुभांशु ने इसका जवाब द...और पढ़ें

सुभांशु ने पीएम मोदी से बात की. (News18)
shubhanshu shukla PM Modi Talk: अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन यानी ISS पर पहुंचे भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने वहां से पीएम नरेंद्र मोदी से वीडियो लिंक के जरिए बात की. इस दौरान पीएम मोदी के एक सवाल के दौरान शुभांशु ने बताया कि इस बातचीत के दौरान उनके पैर बंधे हुए हैं. बड़ा सवाल यह है कि आखिरी शुभांशु के पैर क्यों बंधे हुए थे. दरअसल, अंतरिक्ष में जीरो ग्रेविटी होती है. जिसके कारण किसी भी व्यक्ति का एक जगह टिक पाना संभव नहीं है. यही वजह है कि बातचीत के प्रसारण को बनाए रखने के लिए शुभांशु शुक्ला के पैर बांधे गए. जब प्रधानमंत्री मोदी को उन्होंने पैर बंधे होने के बारे में बताया तो वो भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए.
शुभांशु ISS में क्यों लेकर पहुंचे गाजर का हलवा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूछा, “आप अपने साथ गाजर का हलवा लेकर गए थे, क्या आपने इसे अपने साथी अंतरिक्ष यात्रियों के साथ साझा किया?” इस पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने जवाब दिया, “हां, माननीय प्रधानमंत्री जी। मैं अपने साथ गाजर का हलवा, मूंग दाल का हलवा और आमरस जैसे कुछ पारंपरिक भारतीय खाद्य पदार्थ लेकर आया था। मैं चाहता था कि दूसरे देशों के मेरे साथी अंतरिक्ष यात्री भारत की विरासत की समृद्धि का स्वाद चखें और उसका अनुभव करें…”
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140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं साथ
पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा, “आज आप हमें अंतरिक्ष से नमस्कार कर रहे हैं, मातृभूमि से दूर, फिर भी सभी भारतीयों के दिलों के सबसे करीब। आपके नाम में ही ‘शुभ’ है, और आपकी यात्रा एक नए युग की शुभ शुरुआत का प्रतीक है। इस समय हम दोनों ही बात कर रहे हैं, लेकिन 140 करोड़ भारतीयों की भावनाएं हमारे साथ हैं…”
शुभांशु, आप धरती के किस हिस्से में हो?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर मौजूद ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला से बात करते हुए आगे पूछा, “परिक्रमा भारत की सदियों पुरानी परंपरा है। आपको धरती माता की परिक्रमा करने का सौभाग्य मिला है. अभी आप धरती के किस हिस्से से गुज़र रहे होंगे?” इस पर ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला जवाब देते हैं, “मेरे पास वह खास जानकारी उपलब्ध नहीं है. लेकिन थोड़ी देर पहले, जब मैं खिड़की से बाहर देख रहा था, तो हम हवाई के ऊपर से उड़ रहे थे… इस परिक्रमा के दौरान, हम बहुत तेज गति से यात्रा कर रहे हैं, लगभग 28,000 किलोमीटर प्रति घंटा, और आपसे बात करते समय, हमें उस गति का एहसास भी नहीं हो रहा है क्योंकि हम अंदर हैं, लेकिन कई मायनों में, यह गति दर्शाती है कि हमारा देश कितनी तेजी से आगे बढ़ रहा है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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