Rao’s IAS Study Circle Incident: दिल्ली में अचानक राव आईएएस स्टडी सर्कल के बेसमेंट में 3 यूपीएससी छात्रों की मौत ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है. यह पहली बार है जब बेसमेंट में बारिश और ड्रेनेज के पानी की बाढ़ आने से छात्र डूबकर मर गए. राव कोचिंग सेंटर के पास तो फायर विभाग से बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाने की अनुमति भी नहीं थी, लेकिन दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में अनुमति लेकर बेसमेंट में ही जो कोचिंग सेंटर और लाइब्रेरी चल रहे हैं, अगर नियमों का ठीक से पालन न किया गया तो वहां भी हादसे हो सकते हैं. बता दें कि बेसमेंट में इन गतिविधियों को बढ़ाने का एक कारण दिल्ली का 4 साल पहले बदला मास्टर प्लान भी हादसे की एक वजह हो सकता है.
दिल्ली हाईकोर्ट में सिविल अधिवक्ता निशांत राय गोयल News18hindi से बातचीत में बताते हैं कि दिल्ली में जगह सीमित होने के चलते बेसमेंट को लेकर 4 साल पहले ही मास्टर प्लान दिल्ली 2021 में कुछ ऐसे बदलाव किए गए, जिसका फायदा बहुत सारे कोचिंग सेंटर सहित बेसमेंट का उपयोग करने वाले लोग उठा रहे हैं. इनमें अधिकांश परमिशन नहीं लेते, कुछ लेते हैं और आधी अधूरी और कुछ बिना एनओसी और अनुमतियों के धड़ल्ले से चल रहे होते हैं. जबकि कानूनन यह भी अपराध है.
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बेसमेंट को लेकर क्या कहता है दिल्ली का कानून?
एडवोकेट निशांत बताते हैं कि दिल्ली बिल्डिंग बाई लॉज, दिल्ली डेवलपमेंट अथॉरिटी, नेशनल कैपिटल रीजन प्लानिंग बोर्ड और दिल्ली फायर सर्विसेज के अनुसार बेसमेंट का इस्तेमाल बिल्डर्स के ऑफिसों, घर गृहस्थी के सामानों के स्टोरेज या बिना ज्वलनशील पदार्थों को रखने, बैंक सेलर्स के स्ट्रॉंग रूम्स के रूप में, बिल्डिंग और सर्विस के लिए इस्तेमाल होने वाले एयर कंडीशनिंग उपकरणों या मशीनों को रखने के लिए, पार्किंग और गैराज के लिए, लाइब्रेरीज के स्टेक रूम्स के लिए या कॉमर्शियल एयर कंडीशंड ऑफिस के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई है.
रहने के लिए नहीं इस्तेमाल हो सकता बेसमेंट
ये नियम कहते हैं कि दिल्ली में बेसमेंट को रेजिडेंशियल इस्तेमाल के लिए उपयोग में नहीं लाया जा सकता. इतना ही नहीं अगर कॉमर्शियल एक्टिविटी के लिए इसका इस्तेमाल हो रहा है तो उसके पूरे नियम कायदे कानून हैं, जो ये बताते हैं कि बेसमेंट में पर्याप्त वेंटिलेशन के अलावा इसकी ऊंचाई 2.4 मीटर से ज्यादा होनी चाहिए. इसमें 50 स्कवायर मीटर के एरिया में एक एक्सहॉस्ट फैन लगा होना चाहिए. ऐसे उपाय किए जाएं कि बेसमेंट में सरफेस के ड्रेनेज की एंट्री नहीं होनी चाहिए और यह वॉटर टाइट होना चाहिए. एंट्री और एक्जिट के अलग-अलग गेट होने चाहिए. इसमें किचन, टॉयलेट और बाथरूम नहीं होने चाहिए.
फिर कैसे चल रही हैं बेसमेंट में लाइब्रेरी?
दिल्ली को लेकर इन कानूनों के अनुसार बेसमेंट में लाइब्रेरी चलाने की अनुमति नहीं थी लेकिन चार साल पहले दिल्ली सरकार के मास्टर प्लान फॉर दिल्ली-2021 में कुछ नई चीजें जोड़ी गईं.
इस मास्टर प्लाने में बेसमेंट में प्ले स्कूल, कोचिंग सेंटर, कम्प्यूटर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, लैंग्वेज कोचिंग सेंटर, फिजिकल एजुकेशन सेंटर, डांस कोचिंग आदि चलाने की अनुमति दी गई. हालांकि इसके साथ ही एक और चीज जोड़ी गई कि इसके लिए संचालक को दिल्ली फायर सर्विसेज और अन्य समकक्ष अथॉरिटी से क्लियरेंस लेनी होगी, जो उस स्थिति में ही मिलेगी जब कि उस बेसमेंट में सभी नियमों का पालन किया गया हो.
लोगों ने उठाया फायदा
एडवोकेट निशांत कहते हैं कि मास्टर प्लान 2021 की विशेषताओं का फायदा उठाकर ही लोगों ने बेसमेंट में तमाम तरह की गतिविधियां शुरू कर दीं. कई लोगों ने क्लियरेंस लिया तो कुछ ने नहीं लिया. इसी का नतीजा है कि ऐसी घटनाएं सामने आ रही हैं. दिल्ली में ऐसी घटनाएं न हों इसके लिए जरूरी है कि जिम्मेदार अथॉरिटी समय समय पर इनकी जांच करें और नियमों में धांधली होने पर हादसे से पहले ही इनके खिलाफ कार्रवाई करें.
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Tags: Delhi news, IAS Toppers
FIRST PUBLISHED :
July 29, 2024, 09:17 IST