Russia Ukraine War in Hindi: रूस- यूक्रेन में अमेरिका के घातक हथियारों की सप्लाई से रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बुरी तरह भड़के हुए हैं. उनके भड़कने की दो बड़ी वजहें क्रीमिया में यूक्रेन के खतरनाक हमले और रूसी सैटेलाइट का तबाह हो जाना भी है. अब पुतिन ने अमेरिका को सबक सिखाने का फैसला कर लिया है. पश्चिमी देशों को टक्कर देने के लिए रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिका के साथ अब खत्म हो चुकी आईएनएफ संधि के तहत प्रतिबंधित मध्यवर्ती दूरी की मिसाइलों का उत्पादन फिर से शुरू करने का आह्वान किया है.
वर्ष 1988 में दोनों के बीच हुई थी संधि
सोवियत रूस के नेता मिखाइल गोर्बाचेव और अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने 1988 में इंटरमीडिएट-रेंज न्यूक्लियर फोर्सेज संधि इस पर हस्ताक्षर किए थे. इसका मकसद 500-5,500 किलोमीटर (310-3,410 मील) की रेंज वाली जमीन-आधारित परमाणु मिसाइलों के निर्माण पर प्रतिबंध लगाना था. इस संधि के बाद दोनों देशों ने परमाणु मिसाइलों का उत्पादन रोक दिया था. उस वक्त इस संधि को परमाणु हथियार नियंत्रण में मील का पत्थर माना गया था.
अमेरिका वर्ष 2019 में इकतरफा हट गया पीछे
दोनों के बीच यह संधि 31 सालों तक कायम रही, हालांकि वर्ष 2019 में अमेरिका ने आरोप लगाया कि रूस ने इस संधि का उल्लंघन किया. इसके साथ ही उसने इस संधि से हटने का ऐला कर दिया था. अब रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने करीब 5 साल बाद इस संधि के टूटने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.
अब पुतिन ने अमेरिका को दिया करारा जवाब
पुतिन ने रूस की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा, ‘हमें इन मारक मिसाइल प्रणालियों का उत्पादन (फिर से) शुरू करना होगा. इसके साथ ही हमें वास्तविक स्थिति के आधार पर फैसला लेना होगा कि हमारी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उन्हें कहां पर स्थापित किया जाए.