Last Updated:September 28, 2025, 08:46 IST
S-400 Air Defence System: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत अपनी एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए लगातार कदम उठा रहा है. रूस के S-400 के साथ ही स्वदेशी तकनीक से देसी डिफेंस सिस्टम डेवलप करने पर भी काम चल रहा है.

S-400 Air Defence System: भारत अपनी हवाई रक्षा क्षमता को और मजबूत करने की दिशा में बड़ा कदम उठाने जा रहा है. रूसी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने रूस के साथ अतिरिक्त 40N6 अल्ट्रा-लॉन्ग-रेंज इंटरसेप्टर मिसाइलों की खरीद को लेकर बातचीत शुरू कर दी है. यह मिसाइलें पहले से तैनात एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम का हिस्सा होंगी. इससे S-400 की ताकत में और इजाफा होगा. 40N6 आसमान में ही बैलिस्टिक मिसाइल और फाइटर जेट को तबाह करने में सक्षम है. 40N6 इंटरसेप्टर मिसाइल्स के बेड़े में शामिल होने से दुश्मनों के लिए भारत के हवाई क्षेत्र को भेद पाना काफी मुश्किल होगा. हवाई सीमा मजबूत किले की तरह अभेद्य हो जाएगी.
40N6 मिसाइल एस-400 फैमिली की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली इंटरसेप्टर है. यह लगभग 400 किलोमीटर दूर और 30–35 किलोमीटर ऊंचाई तक दुश्मन के लक्ष्यों को निशाना बना सकती है. इसे खासतौर पर हवाई निगरानी विमान (AEW&C), इंटेलिजेंस-सरवेलांस-रिकॉन्नेसेंस (ISR) प्लेटफॉर्म, रणनीतिक बमवर्षक और कुछ बैलिस्टिक मिसाइलों को निष्क्रिय करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसकी मौजूदगी इंडियन एयर डिफेंस को वास्तविक सामरिक गहराई प्रदान करेगी.
पाकिस्तान के चखाया था मजा
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी दावा किया गया है कि मई 2025 में भारतीय बलों ने सीमा के करीब ऑपरेट कर रहे पाकिस्तान के एक ISR विमान को 40N6 से निशाना बनाया था. हालांकि, पाकिस्तान की ओर से इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना इस हथियार को एक मजबूत डेटरेंस टूल (निवारक हथियार) के रूप में स्थापित करती है, खासकर उन प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ जो विवादित इलाकों में लंबे समय तक गश्त करते रहते हैं.
S-400 एयर डिफेंस से लंबी दूरी की मिसाइलें भी फायर की जाएंगी. (एपी)
खरीद पर रूस का रिएक्शन
रूस की फेडरल सर्विस फॉर मिलिट्री-टेक्निकल कोऑपरेशन (FSMTC) ने पुष्टि की है कि भारत के साथ एस-400 से जुड़े सहयोग को बढ़ाने पर बातचीत चल रही है. इसमें नई मिसाइल डिलीवरी भी शामिल हो सकती है. यह संकेत है कि मॉस्को भारत को उसकी हवाई रक्षा क्षमताओं के लिए और अधिक संसाधन उपलब्ध कराने के लिए तैयार है, खासकर उस समय जब क्षेत्रीय तनाव बढ़ रहा है.
भारत में एस-400 की तैनाती
भारत ने वर्ष 2018 में 5.43 अरब डॉलर की लागत से पांच रेजिमेंट एस-400 सिस्टम खरीदने का समझौता किया था. सितंबर 2025 तक भारत को चार रेजिमेंट मिल चुकी हैं और वे पूरी तरह से ऑपरेशनल हो चुकी हैं. पांचवीं रेजिमेंट 2026–27 तक मिलने की संभावना है. मौजूदा तैनाती भारत के पश्चिमी और पूर्वी मोर्चों को कवर करती है, जिससे पाकिस्तान और चीन दोनों से आने वाले हवाई खतरों के खिलाफ मजबूत सुरक्षा कवच तैयार हुआ है.
Baleswar: Quick Reaction Surface to Air Missile (QRSAM) system developed by Defence Research and Development Organisation (DRDO) being flight-tested from Integrated Test Range at Chandipur in Baleswar district of Odisha, Monday, Dec. 23, 2019. (PTI Photo)(PTI12_23_2019_000117B)
भारत की सुरक्षा और होगी मजबूत
विशेषज्ञों का कहना है कि 40N6 मिसाइलों की नई खेप भारत की सामरिक हवाई रक्षा पहुंच को और अधिक बढ़ा देगी. यह न केवल निगरानी और निवारक क्षमता को मजबूत करेगी, बल्कि संवेदनशील सीमावर्ती क्षेत्रों में महत्वपूर्ण ठिकानों, एयरबेस और कमांड सेंटरों को अतिरिक्त सुरक्षा भी प्रदान करेगी. इन मिसाइलों की तैनाती से भारत अपने विरोधियों के लिए हवाई ‘नो-गो जोन’ तैयार करने में और अधिक सक्षम होगा. कुल मिलाकर, अतिरिक्त 40N6 मिसाइलों की संभावित खरीद भारत की रक्षा नीति में एक और बड़ा कदम है, जो आने वाले वर्षों में क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को प्रभावित कर सकता है.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
September 28, 2025, 08:46 IST