जल्‍द देश में होंगे 350 एयरपोर्ट, एयर ट्रैवल होगा सस्‍ता, जानें फ्यूचर प्‍लान

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Last Updated:October 24, 2025, 09:48 IST

Future plans of Indian aviation: बीते 9 सालों में 93 एयरपोर्ट्स से 649 फ्लाइट रूट्स ऑपरेशनल हुए हैं. 2047 तक 350 एयरपोर्ट्स ऑपरेशनल करने का लक्ष्य तय किया गया है. डिजी यात्रा जैसी तकनीक ने सफर को और आसान बनाने की कवायद भी जारी रहेगी.

जल्‍द देश में होंगे 350 एयरपोर्ट, एयर ट्रैवल होगा सस्‍ता, जानें फ्यूचर प्‍लान

Future plans of Indian aviation: कुछ साल पहले तक प्लेन से सफर करना सिर्फ अमीरों के बस की बात है, अब ये सोच पूरी तरह बदल चुकी है. आज छोटे शहरों से लेकर पहाड़ी इलाकों तक लोग आसानी से हवाई सफर कर रहे हैं. यह सब मुमकिन हुआ है ‘उड़ान- उड़े देश का आम ना‍गरिक’ योजना के जरिए, जिसने आम लोगों के लिए भी आसमान का रास्ता खोल दिया. ऐसे डेस्टिनेशन्‍स जहां पहले लोगों को दिल्ली या मुंबई से ट्रेन या बस के जरिए सफर करने में 20-25 घंटे लग जाते थे, वही दूरी अब महज 1 घंटे की फ्लाइट से तय की जा सकती है.

2016 में शुरू हुई इस उड़ान योजना का मकसद था कि देश के छोटे शहरों और दूरदराज़ इलाकों को एविएशन नेटवर्क से जोड़ा जाए. इस सपने को साकार करने के लिए बीते 9 सालों में 93 एयरपोर्ट्स, 2 वाटर एयरोड्रोम और 15 हेलीपोर्ट्स को न केवल जोड़ा गया है, बल्कि 649 रूट्स पर फ्लाइट ऑपरेशन शुरू किया गया है. इनमें दरभंगा, हुबली, पाकयोंग, शिलांग, शिमला, कुल्लू, जोरोहाट, बरेली जैसे शहर भी शामिल हैं. बीते नौ सालों में करीब 1.56 करोड़ लोग इन उड़ानों से सफर कर चुके हैं और 3.23 लाख फ्लाइट्स ऑपरेट हो चुकी हैं.

वहीं, सुविधाओं की बात करें तो एयर ट्रैवल को सुविधाजनक बनाने के लिए डिजी यात्रा जैसी पहल शुरू हुई. चेहरा स्कैन करके बोर्डिंग और चेक-इन अब मिनटों में हो जाता है. 2025 तक 52.20 करोड़ से ज्यादा पैसेंजर्स ने इसका इस्तेमाल किया. डिजी यात्रा ऐप को 12.10 करोड़ लोग डाउनलोड कर चुके हैं.

बढ़े एयरपोर्ट्स और आसान हुआ सफर
2014 में जहां भारत में सिर्फ 74 एयरपोर्ट्स थे, वहीं 2025 में यह संख्या 163 तक पहुंच गई. सिविल एविएशन मिनिस्‍ट्री का प्लान है कि 2047 तक 350 एयरपोर्ट्स हों. इसका मतलब है कि आने वाले सालों में और ज्यादा लोग हवाई सफर का मजा ले पाएंगे. इसी के साथ एयरपोर्ट्स पर सुविधाएं भी बेहतर हुई हैं. कुछ समय पहले तक की बात करें तो एयरपोर्ट पर खाना इतना महंगा होता था कि कुछ खरीदने से पहले दस बार सोचना पड़ता था. मंत्रालय ने कोलकाता और चेन्नई में उड़ान यात्री कैफे शुरूआत की है, जहां 10 रुपये में चाय और 20 रुपये में समोसा मिलता है. यात्री कैफे को धीरे धीरे देश के सभी एयरपोर्ट्स में पहुंचाने की योजना है.

कृषि और मेडिकल सप्लाई में उड़ान की भूमिका
उड़ान सिर्फ पैसेंजर्स को जोड़ने तक सीमित नहीं है. कृषि उड़ान स्कीम ने किसानों को बड़ा सहारा दिया. पूर्वोत्तर और आदिवासी इलाकों में फल, सब्जियां और जल्दी खराब होने वाली चीजें अब तेजी से बड़े शहरों तक पहुंच रही हैं. 50% फ्रेट सब्सिडी की वजह से किसानों को ज्यादा मुनाफा हो रहा है. वहीं, लाइफलाइन उड़ान ने कोविड-19 के दौरान भी कमाल दिखाया था. 588 से ज्यादा फ्लाइट्स के जरिए 1,000 टन मेडिकल और जरूरी सामान दूर-दराज के इलाकों तक पहुंचाया गया था.

2047 का सपना से भारत का आसमान होगा गुलजार
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय को आशा है कि वर्तमान रफ्तार से आगे बढ़ते रहे तो 2047 तक देश में एयरपोर्ट्स की संख्‍या 163 से बढ़कर 350 तक पहुंच जाएगी. वहीं, 1 बिलियन से अधिक पैसेंजर्स को एविएशन सेक्‍टर से जोड़ा जा सकेगा. मंत्रालय ने यह भी आशा जताई है कि एविएशन सेक्टर 10 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी का बड़ा हिस्सा बनेगा. पैसेंजर्स के लिए इसका मतलब है कि आने वाले समय में एयर ट्रैवल उनके लिए अधिक सुविधाजनक, आरामदेह और सत्‍ता होने वाला है.

Anoop Kumar MishraAssistant Editor

Anoop Kumar Mishra is associated with News18 Digital for the last 6 years and is working on the post of Assistant Editor. He writes on Health, aviation and Defence sector. He also covers development related to ...और पढ़ें

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First Published :

October 24, 2025, 09:48 IST

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