SC में नए बदलाव की तैयारी, CJI सूर्यकांत ने बताया खुश कर देने वाला प्लान

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Last Updated:December 06, 2025, 22:28 IST

CJI Suryakant News: CJI सूर्यकांत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट अब आम आदमी को ध्यान में रखते हुए बड़े बदलाव लाने जा रहा है. पुराने मामलों की तेज सुनवाई, तय समयसीमा, सस्ते मुकदमे और मध्यस्थता को बढ़ावा उनकी प्राथमिकता होगी. डिजिटल अपराधों से निपटने और न्यायपालिका में विविधता बढ़ाने पर भी जोर दिया जाएगा.

SC में नए बदलाव की तैयारी, CJI सूर्यकांत ने बताया खुश कर देने वाला प्लानCJI सूर्यकांत ने सुप्रीम कोर्ट में बड़े बदलावों की घोषणा की. (फाइल फोटो PTI)

नई दिल्ली: देश की शीर्ष कोर्ट यानी सु्प्रीम कोर्ट से आम लोगों की सबसे ज्यादा उम्मीदें रहती हैं. लोग यह जानते हैं कहीं अगर न्याय नहीं मिलेगा तो सुप्रीम कोर्ट में तो मिलेगा ही मिलेगा. लेकिन अकसर लंबी तारीखें, बढ़ते खर्च और सालों पुराने मामलों की फाइलें न्याय पाने के बीच बड़ी दीवार बन जाती हैं. इसी चिंता को दूर करने के लिए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) सूर्यकांत ने बड़ा ऐलान कर दिया है. इस ऐलान को सुनकर आम आदमी को वाकई राहत महसूस होगी.

CJI सूर्यकांत ने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट केवल बड़े वकीलों और बड़ी लड़ाइयों के लिए नहीं, बल्कि हर आम नागरिक के लिए है. उनकी प्राथमिकता अब पुराने मामलों की तेज निपटान समयसीमा, सस्ती न्याय प्रणाली और एक नीति के तहत फैसलों को समयबद्ध करना है.

क्यों बोले CJI- सुप्रीम कोर्ट आम आदमी के लिए

CJI ने साफ कहा कि वे ऐसे बदलाव लाने जा रहे हैं, जो यह स्पष्ट संदेश देंगे कि सुप्रीम कोर्ट सिर्फ बड़े मामलों के लिए नहीं, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी उतना ही महत्वपूर्ण है. उन्होंने बताया कि केस लिस्टिंग प्रक्रिया बदली जाएगी और आम वादियों को प्राथमिकता भी दी जाएगी.

CJI ने बताया कि देश में डिजिटल गिरफ्तारी, साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी तेजी से बढ़ रही है. (फाइल फोटो)

क्या है नया प्लान?

पहली बार सुप्रीम कोर्ट एक राष्ट्रीय न्यायिक नीति बनाने की दिशा में कदम बढ़ाने जा रहा है, जिसमें प्रत्येक केस के निपटान के लिए एक तय समयसीमा होगी. CJI के अनुसार मामले खत्म होना असंभव है. लेकिन पुराने मामलों का ढेर कम होना जरूरी है.

मध्यस्थता बनेगी गेम-चेंजर

CJI ने कहा कि भविष्य में मध्यस्थता केसों को जल्द सुलझाने का सबसे बड़ा हथियार बन सकती है. इसके फायदे भी उन्होंने गिनाए-

सुनवाई तेज होती है. खर्च बेहद कम हो जाता है. रिश्तों में तल्खी नहीं बढ़ती. दोनों पक्षों के लिए समाधान स्वीकार्य होता है.

डिजिटल अपराध: न्यायपालिका की नई परीक्षा

CJI ने बताया कि देश में डिजिटल गिरफ्तारी, साइबर अपराध और ऑनलाइन धोखाधड़ी तेजी से बढ़ रही है. इसलिए अब अदालतों को ऐसी तकनीकी चुनौतियों के अनुरूप खुद को अपडेट करना होगा. उन्होंने जोर दिया कि न्यायाधीशों और अधिकारियों को नए अपराध स्वरूप पर विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा.

न्यायपालिका में विविधता: महिलाओं और वंचित वर्ग को ज्यादा अवसर

CJI ने कहा कि समाज बदला है इसलिए अदालतों में भी विविधता बढ़ना जरूरी है. उन्होंने बताया कि अब शीर्ष अदालत में-

अलग-अलग राज्यों से. अलग-अलग समुदायों से. खासकर महिलाओं और वंचित वर्ग से. न्यायाधीशों की संख्या बढ़ाने पर खास ध्यान दिया जा रहा है.

तीन संस्थाओं का संतुलन: न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर CJI के विचार

न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर बोलते हुए CJI ने कहा कि भारतीय संविधान ने तीनों स्तंभों विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका की भूमिकाएं स्पष्ट कर दी हैं. लेकिन साथ ही यह भी सुनिश्चित किया है कि तीनों संस्थाओं के बीच परस्पर सामंजस्य और सहयोग बना रहे. उन्होंने कहा, हम सब एक-दूसरे को पूरक बनकर काम करते हैं, पर अपनी स्वतंत्र पहचान भी बनाए रखते हैं.

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Sumit Kumar

Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें

First Published :

December 06, 2025, 22:28 IST

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