SIR शुरू होते ही बंगाल भगदड़, बॉर्डर की 10 तस्वीरें दिखा रही अवैध घुसपैठ का सच

1 hour ago

Last Updated:November 22, 2025, 20:17 IST

SIR in Bengal: बंगाल में SIR प्रक्रिया शुरू होते ही भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर अफरा-तफरी मच गई है. अवैध रूप से रह रहे कई लोग बेतहाशा सरहद की ओर लौट रहे हैं. हाकिमपुर समेत कई चेकपोस्ट पर महिलाओं-बच्चों की भीड़ जमा है. BSF लगातार रोककर पूछताछ कर रही है, जबकि कई परिवार बिना दस्तावेज बांग्लादेश वापस जाने की कोशिश में घंटों सड़क पर बैठे दिखे.

Bangladesh leaving India after SIR

बंगाल के हाकिमपुर चेकपोस्ट पर बैठे ये लोग बांग्लादेश के नागरिक बताए जा रहे हैं, जो वर्षों पहले रोजगार और गरीबी के चलते भारत आए थे. अब SIR प्रक्रिया के कारण वे वापस लौटना चाहते हैं और BSF की निगरानी में अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.

24 नॉर्थ परगना से आई तस्‍वीरों में दिख रही महिलाएं और बच्चे भारी थकान में दिखाई देते हैं. कम्बलों और थैलों के ढेर के बीच बैठे ये परिवार अपनी पहचान, यात्रा और भविष्य को लेकर असमंजस में हैं क्योंकि उनके पास कोई वैध दस्तावेज नहीं है.

सीमा चौकी पर बढ़ती भीड़ इस बात का संकेत है कि हाल के हफ्तों में ‘रिवर्स एक्सोडस’ तेज हुआ है. BSF अधिकारियों के अनुसार प्रतिदिन पकड़े जाने वाले लोगों की संख्या अब तीन अंकों में पहुंच गई है, जो पिछले वर्षों से कई गुना अधिक है.

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कई लोग खुलकर स्वीकार कर रहे हैं कि वे अवैध रूप से भारत आए थे. जैसे फोटो में दिखती महिलाएं जो गरीबी के चलते आईं और अब SIR वेरिफिकेशन के डर से वापस लौटना चाहती हैं. उनका सामान भी सालों पुरानी जिंदगी को समेटे दिखता है.

पुरुषों के चेहरों पर चिंता और निराशा साफ पढ़ी जा सकती है. वे थेले और बैग सिर पर रखकर बैठे हैं, मानो किसी अनिश्चित फैसले का इंतजार हो. BSF उन्हें बारी-बारी से जांच, पूछताछ और बायोमेट्रिक प्रक्रिया से गुजार रही है.

कम उम्र के बच्चों की स्थिति सबसे मार्मिक है. कुछ अपनी मां की गोद में सो रहे हैं, जबकि बड़े बच्चे ठंडी सड़क पर बैठे ऊंघते दिखते हैं. इन परिवारों की अस्थिरता SIR प्रक्रिया के अचानक प्रभाव को उजागर करती है.

BSF अधिकारियों के अनुसार हर पकड़े गए व्यक्ति की क्रिमिनल बैकग्राउंड से तुलना जरूरी है. तस्वीरों में दिखती भीड़ इस चुनौती को और बढ़ाती है, क्योंकि हजारों लोगों को लंबे समय तक रोककर रखना एजेंसियों के लिए संभव नहीं है.

इन लौटने वालों में अधिकांश के पास कोई यात्रा दस्तावेज या पहचान पत्र नहीं है. वे सालों पहले बिना कागज़ात के आए और अब बांग्लादेश सीमा बल (BGB) की मंज़ूरी मिलने तक यहीं खुले में बैठकर इंतजार करने को मजबूर हैं.

सीमा चौकी की जमीन पर बिछी चादरों और थैलों के ढेर से पता चलता है कि कई परिवार दिनों से रास्ते में हैं. खाना, पानी और आश्रय की सीमित उपलब्धता उनकी परेशानी बढ़ा रही है, जबकि पुलिस और BSF भी बढ़ते दबाव में है.

SIR प्रक्रिया के बाद असुरक्षा बढ़ने से कई अवैध प्रवासी अपने मूल देश लौटने का फैसला कर रहे हैं. विपक्ष इसे “पहले से जताई चेतावनी का सच” बता रहा है, जबकि तस्वीरें जमीनी हकीकत और मानवीय संकट की गहराई को उजागर करती हैं.

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First Published :

November 22, 2025, 20:15 IST

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