Last Updated:December 27, 2025, 23:33 IST
Sleep Divorce: स्लीप डिवोर्स इन दिनों ऑनलाइन ट्रेंड कर रहा है, और रिपोर्ट्स के मुताबिक अब ज्यादा से ज्यादा युवा कपल्स इसे अपना रहे हैं. इसका मतलब बस इतना है कि कपल्स एक ही बेड शेयर करने की बजाय अलग-अलग कमरों में सोने का फैसला करते हैं.
जानिए, क्या कपल्स को अलग-अलग सोना चाहिए? (AI)Sleep Divorce: स्लीप डिवोर्स इन दिनों ऑनलाइन ट्रेंड कर रहा है, और रिपोर्ट्स के मुताबिक अब ज्यादा से ज्यादा युवा कपल्स इसे अपना रहे हैं. इसका मतलब बस इतना है कि कपल्स एक ही बेड शेयर करने की बजाय अलग-अलग कमरों में सोने का फैसला करते हैं. 2024 की नेशनल पोस्ट रिपोर्ट के अनुसार, मिलेनियल्स अब स्लीप डिवोर्स को ज्यादा अपना रहे हैं और इसे ऐसा तरीका मानते हैं जिससे उनका रिश्ता और मजबूत हो सकता है. इसी बदलाव को सपोर्ट करते हुए, हिल्टन 2025 ट्रेंड्स रिपोर्ट में भी बताया गया कि अब छुट्टियों पर भी कई कपल्स बेहतर नींद के लिए अलग-अलग बेड लेना पसंद करते हैं.
इसी टॉपिक पर एक हाल ही में वायरल रेडिट पोस्ट में एक यूजर ने शेयर किया कि अपनी पत्नी से अलग कमरे में सोने के बाद उनका रिश्ता काफी बेहतर हो गया.
रेडिट पर वायरल हुई ‘स्लीप डिवोर्स’ पोस्ट
रेडिट पोस्ट की शुरुआत एक सवाल से हुई थी, क्योंकि यूजर जानना चाहता था कि कितने लोग असल में अलग-अलग बेड में सोते हैं और क्या ये उतना आम है जितना लोग सोचते हैं. उसने बताया कि करीब पांच साल पहले एक रात वह सो नहीं पा रहा था क्योंकि उसकी पत्नी की वजह से उसे नींद नहीं आ रही थी. उस अनुभव के बाद दोनों को समझ आया कि वे अलग-अलग सोकर ज्यादा अच्छी नींद लेते हैं.
उसने बताया कि उसकी कुछ सोने की आदतें उसकी पत्नी को पसंद नहीं थीं. जब से वे अलग-अलग कमरों में सोने लगे, अब कोई भी एक-दूसरे को डिस्टर्ब नहीं करता जब किसी को उठना होता है. उसने ये भी कहा कि उसे खर्राटे आते हैं, सोते वक्त फैलकर सोना पसंद है और दरवाजा बंद करके सोना अच्छा लगता है, जबकि उसकी पत्नी बिल्लियों की वजह से दरवाजा खुला रखती है.
अब जब वे अलग-अलग कमरों में सोते हैं, तो ये सब बातें अब झगड़े की वजह नहीं बनतीं और दोनों अपनी पसंद से सो सकते हैं. उसने अपनी पोस्ट खत्म करते हुए लिखा, ‘हम दोनों अब बेहतर सोते हैं, और इसी वजह से मूड भी अच्छा रहता है और ज्यादा तरोताजा महसूस करते हैं, ये बहुत अच्छा है.
Reddit उपयोगकर्ता सहमत हैं
‘ बहुत सारे यूजर्स ने ‘स्लीप डिवोर्स’ के पॉजिटिव पहलुओं से सहमति जताई. एक रेडिटर ने लिखा, ‘मुझे ये तरीका बहुत पसंद है! मेरी बात करूं तो मुझे बहुत खर्राटे आते हैं, तो मेरी पत्नी और मैं अब ज्यादातर रातों में अलग-अलग कमरों में सोते हैं और हमें बहुत अच्छी नींद आती है.’ एक और ने लिखा, ‘मेरे साथ भी ऐसा ही है. उम्र बढ़ने के साथ अच्छी नींद बहुत जरूरी हो जाती है. हम दोनों साथ काम करते हैं तो वैसे भी बहुत वक्त साथ बिताते हैं, और अलग कमरे होने से कोई दिक्कत नहीं.
‘ एक व्यक्ति ने कमेंट किया, ‘मेरे पार्टनर और मेरे पास अलग-अलग लेकिन जुड़े हुए घर हैं, अपनी-अपनी पर्सनल जगह होने से सब कुछ और अच्छा हो जाता है.’ इंटरनेट पर लोग स्लीप डिवोर्स के कॉन्सेप्ट से सहमत दिख रहे हैं, और रिसर्च भी कुछ ऐसा ही बताती है.
स्लीप रिसर्च सोसाइटी के मुताबिक, किसी भी इंसान की नींद की क्वालिटी का करीब 30% उसके पार्टनर की सोने की आदतों से प्रभावित होता है. तो अगर आपके पार्टनर की नींद की आदतें आपकी नींद खराब कर रही हैं, तो अलग-अलग सोना आपकी नींद को सच में बेहतर बना सकता है.
About the Author
ललित कुमार को पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 साल से अधिक का अनुभव है. उन्होंने अपने करियर की शुरुआत प्रिंट मीडिया से की थी. इस दौरान वे मेडिकल, एजुकेशन और महिलाओं से जुड़े मुद्दों को कवर किया करते थे. पत्रकारिता क...और पढ़ें
First Published :
December 27, 2025, 23:33 IST

1 hour ago
